आगरा ब्यूरो मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव परिषद द्वारा सूर सरोवर पक्षी विहार कीठम के ईको सेंसिटिव जोन को शून्य किमी घोषित करने के निर्णय का विरोध शहर में शुरू हो गया है. पर्यावरण प्रेमियों ने रविवार शाम यमुना किनारा रोड स्थित यमुना आरती स्थल पर प्रदर्शन करते हुए इस निर्णय को पक्षी विहार के लिए घातक बताया.पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि सूर सरोवर पक्षी विहार एक अतिसंवेदनशील पक्षी विहार है. इसका जंगल मथुरा की तरफ से आने वाले वायु प्रदूषण को आगरा पहुंचने से रोकता है. यहां 165 प्रकार के पशु-पक्षी आते हैं. यहां अजगर भी बहुतायत में हैं. इतने महत्वपूर्ण वन के ईको सेंसिटिव जोन को शून्य किमी घोषित करने का निर्णय गलत है. यमुना भक्तों और पर्यावरण प्रेमियों की मांग है कि ईको सेंसिटिव जोन को कम से कम एक किमी या बढ़ाकर दो किमी किया जाए. सुशील गोस्वामी चतुर्भुज तिवारी मुकुल पांड्या नंदन श्रोत्रिय राजीव गुप्ता डॉ. मुनीश्वर गुप्ता आदि मौजूद रहे.-------------------------


एनजीटी में विचाराधीन है याचिकासूर सरोवर पक्षी विहार के क्षेत्रफल के पुनर्निर्धारण से संबंधित पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ। शरद गुप्ता की याचिका राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में विचाराधीन है। इसकी अधिसूचना को राज्य सरकार ने समय मांगा है। पक्षी विहार के क्षेत्रफल की अधिसूचना होने के बाद ही ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण हो सकता है। मामले में अगली सुनवाई जनवरी में प्रस्तावित है। डॉ। शरद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पक्षी विहार का क्षेत्रफल 403 हेक्टेयर से बढ़ाकर 799 हेक्टेयर करने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जाने पर उन्होंने एनजीटी में अवमानना याचिका दायर की थी।

Posted By: Inextlive