Agra News: पिता ने मानी हार, तो बेटी ने किया सपना साकार
आगरा (ब्यूरो)। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के 90 वे दीक्षांत समारोह में बांदा की रहने वाली अर्पिता चौरसिया ने सबसे अधिक गोल्ड मेडल किए हासिल। अर्पिता को एमबीबीएस में 8 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल मिला है। मिडिल क्लास फैमिली को ब्लांग करने वाली अर्पिता चौरसिया को मंगलवार को खंदारी कैंपस में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने आठ गोल्ड मेडल पहनाए। इस दौरान उसके माता-पिता राज किशोर चौरसिया और सीमा चौरसिया साथ में थे।
पहली बार पेरेंट्स भी खुशी मेें शामिलउत्तर प्रदेश सरकार की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के निर्देश पर पहली बार दीक्षांत समारोह में पेरेंट्स को भी अनुमति प्रदान की गई है। ऐसा पहली बार हुआ जब मेडल धारक स्टूडेंट्स के साथ उनके पेरेंट्स ने भी राज्यपाल से सम्मान लिया। अपने बच्चों की सफलता पर सभी पेरेंट्स बेहद खुश थे, वहीं, कुछ पेरेंट्स की आंखें नम हो गई।
पिता के अधुरे सपने को किया बेटी ने साकार
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से बातचीत के दौरान एमबीबीएस की छात्रा अर्पिता चौरसिया ने बताया कि उन्हें खुद यकीन नहीं है कि उनको सबसे अधिक गोल्ड मेडल मिले हैं। उनके पिता का सपना था कि बेटी डॉक्टर बने जो कि उन्होंने पूरा कर दिखाया। अर्पिता ने बताया कि जब वह बचपन में अपने पिता के डॉक्यूमेंट किट देख रही थी। तब उन्हें पता चला कि उनके पिता ने भी सीपीएमटी का एग्जाम दिया था। तब से अर्पिता के मन में डॉक्टर बनने की इच्छा जाहिर हुई।
अर्पिता ने बताया कि पिता ने भी बायोलॉजी ली थी। उनका सपना था कि वे डॉक्टर बने। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। उनके पिता परिवार में सबसे बड़े थे। इसलिए उन्हें घर बुला लिया गया। इसी कारण के चलते उनका सपना पूरा नहीं हो पाया था। लेकिन आज मैं डॉक्टर बनी हूं। साथ में 8 गोल्ड मेडल मिले हैं। उनके माता-पिता को सफलता पर गर्व है। अर्पिता की छोटी बहन और भाई गोरखपुर से एबीबीएस कर रहे हैं।