Agra News मिठाई की जगह ड्राई फ्रूट्स का करें इस्तेमाल
ड्राई फ्रूट्स बेहतर ऑप्शन, मिलावट की आशंका भी कम रहती है
आगरा.( ब्यूरो) रोशनी के पर्व दीपावली की खुशी मिठाई के बिना अधूरी है। मिठाई देखकर मुंह में पानी आना लाजिमी है। यही वजह है कि इन दिनों मिठाई की बिक्री सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ जाती है। चिंता की बात ये है कि मुनाफे के फेर में मिलावटी मिठाई की बिक्री भी जारी है। हाल ही में फूड डिपार्टमेंट की ओर से की गई कार्रवाई में इसका खुलासा भी हुआ है। देहात क्षेत्र में सिथेंटिक मावा पकड़ा गया था। ऐसे में एक्सपट्र्स की मानें तो मिठाइयों की जगह ड्राई फ्रूट्स दिवाली सेलिब्रेशन के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।सेहत का रखें ध्यान
डायटीशियन मिनी शर्मा ने बताया कि दीपावली पर मीठा और चिकनाई युक्त भोजन का सेवन बुजुर्ग, हृदय और डायबिटिक रोगियों के लिए घातक हो सकता है। इससे बचें। मिठाई की जगह ड्राई फ्रूट््स का सेवन कर सकते हैं। ड्राई फ्रूट््स के घर लड्डू बनवा सकते हैं। इसके साथ मिठाई की दुकान से भी ड्राई फ्रूट््स के लड्डू खरीद सकते हैं। खीर कम मीठी हो तो खा सकते हैं। पूड़ी पूजा तक ही सीमित रखें, खाने में चपाती लें। फल का सेवन भी कर सकते हैं। एक साथ खाने की जगह उसे दो तीन हिस्से में बांट लें। इससे कोई समस्या नहीं आएगी। डाइट में फाइबर अधिक हो, इसके लिए सलाद का सेवन अधिक करें।
ऐसे होती है मिलावट
दूध: यूरिया, शैंपू, डिटर्जेंट व रिफाइंड से सिथेंटिक दूध तैयार होता है। 10 लीटर दूध 200-225 रुपए में तैयार हो जाता है। असली दूध 60 रुपए लीटर है.
मावा: इसमें सिथेंटिक दूध, सूजी, तेल, रंग, आलू, शकरकंद की मिलावट होती है। प्रति किलो 70 से 80 रुपए खर्चा आता है, जिसे 300-350 रुपए किलो तक बेचा जाता है.
चांदी का वर्क: एल्यूमीनियम व अन्य सस्ती धातु की वर्क. मिल्क केक: सिथेंटिक दूध, सूजी व गीला ग्लूकोज (वजन बढ़ाने के लिए ) मिलाकर नकली मिल्क केक तैयार होता है। थोक में इसकी बिक्री 150 रुपए प्रति किलो तक होती है। फुटकर दुकानदार दोगुना कीमत पर बेचते हैं. रसगुल्ला: सिथेटिक दूध व स्टार्च (अरारोट) का उपयोग किया जाता है। थोक में यह 90-100 रुपए किलो तक बिकता है। फुटकर में 200-250 रुपए या इससे अधिक तक बिकता है.
ऐसे परखें मिठाई
- ज्यादा डार्क रंग की मिठाई खरीदने से बचें.
- मिठाई बासी है तो उस पर सूखापन दिखेगा.
- छुड़ाने से यदि मिठाई का चांदी वर्क हट जाए तो समझो नकली है.
- चांदी की वर्क हाथ से घुल जाती है.
- सूंघने पर मिठाई की खुशबू से भी गुणवत्ता पता चलती है.
डॉ। विनय गोयल ने बताया कि मिलावटी मिठाई खाने से फूड प्वॉइजनिंग, जी-मिचलाना, बेचैनी, चक्कर आना, उल्टी-दस्त हो सकते हैं। केमिकल व अन्य मिलावटी खाद्य वस्तुओं के लंबे समय तक सेवन से किडनी फेल्योर, ब्रेन स्ट्रोक, आंतों में संक्रमण व कैंसर तक की आशंका रहती है। कई बार उपहार में मिली मिठाई एक-एक सप्ताह तक इस्तेमाल नहीं हो पाती, जबकि जब दुकान से खरीदी जाती है, तब भी कुछ दिन पुरानी हो सकती है। ऐसी मिठाई हानिकारक हो सकती है। इसलिए शुद्धता व गुणवत्ता परखकर ही मिठाई खरीदें।