दर्द निवारक एसिडिटी के साथ ही सर्दी-जुकाम और बुखार में दी जाने वालीं दो से तीन तरह की दवाओं साल्ट के कांबिनेशन वाली 156 फिक्स्ड-डोज कांबिनेशन एफडीसी पर अगस्त में प्रतिबंध लगाया गया. मगर दवाओं की बिक्री नहीं रुकी. इन दवाओं की बिक्री के लिए फार्मा कंपनियों को कोर्ट से स्टे मिल गया है.

आगरा (ब्यूरो) दर्द निवारक, एसिडिटी के साथ ही सर्दी-जुकाम और बुखार में दी जाने वालीं दो से तीन तरह की दवाओं (साल्ट) के कांबिनेशन वाली 156 फिक्स्ड-डोज कांबिनेशन (एफडीसी) पर अगस्त में प्रतिबंध लगाया गया। मगर, दवाओं की बिक्री नहीं रुकी। इन दवाओं की बिक्री के लिए फार्मा कंपनियों को कोर्ट से स्टे मिल गया है। इससे पहले 2019 में भी एफडीसी दवाओं पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अमल में नहीं आ सकी। कांबिनेशन दवाओं से गुर्दा, लिवर सहित कई अंगों पर दुष्परिणाम को देखते हुए पांच वर्ष में दो बार प्रतिबंध लगाया गया, दवाओं की बिक्री तो नहीं रुकी। इससे इतर, इन दवाओं के रेट दोगुने तक बढ़ गए हैं।


अगस्त में किया गया था बैन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगस्त में 156 फिक्स्ड-डोज कांबिनेशन (एफडीसी) पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस दायरे में आने वाली दवाएं वायरल संक्रमण से होने वाले सर्दी जुकाम, बुखार, घुटने के दर्द, पीठ के दर्द, एसिडिटी, नसों की मजबूती में डाक्टरों द्वारा लिखी जा रही हैं। इन दवाओं की बिक्री भी बहुत अधिक है। प्रतिबंध के बाद दवा कंपनियों ने इन कांबिनेशन को वापस नहीं मंगाया। आगरा फार्मा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पुनीत कालरा ने बताया कि जिन एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया, उनकी बिक्री के लिए दवा कंपनियों को कोर्ट से राहत मिल गई है। बाजार में पूर्व की तरह ही दवाओं की बिक्री हो रही है। इन्हीं दवाओं पर 2019 में भी रोक लगाई थी लेकिन बिक्री नहीं रुकी। पिछले पांच वर्ष में दवाओं के रेट दोगुने तक बढ़ गए हैं।

कई तरह के सॉल्ट मिलाने से बढ़ रहे दुष्परिणाम
एसएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रो। प्रभात अग्रवाल ने बताया कि हर दवा का दुष्परिणाम होता है। जब एक तरह की दवा को दूसरी के साथ मिला दिया जाता है तो उसके दुष्परिणाम भी बढ़ जाते हैं। इस तरह के कांबिनेशन तैयार करने से पहले बड़े स्तर पर स्टडी की जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इन दवाओं के दुष्परिणाम के बारे में ज्यादा पता नहीं है। दवा कंपनियों ने मरीज और डाक्टर की सहूलियत के लिए कांबिनेशन ड्रग तैयार कर दीं। इससे पहले बच्चों में दिए जाने वाले निमेसुलाइड और पैरासिटामोल सिरप के लिवर पर दुष्परिणाम सामने आने के बाद रोक लगा दी गई थी।

पांच वर्ष में दोगुने तक हुए दवाओं के रेट
नसों की मजबूती की दवा: जिनकोबा, बाईलोला, मिथाइलकोबालिन और अल्फा लोपिक 10 टैबलेट पहले 154 रुपए अब 336 रुपए
दर्द निवारक: डिक्लोफिनेक, पैरासीटामोल 10 टैबलेट पहले 30 रुपए अब 60 रुपए
दर्द निवारक: डिक्लोफिनेक सोडियम, थिकालसीकोसाइड 10 टैबलेट पहले 90 अब 239 रुपए
एसिडिटी: सुक्राफेलेट, डाम्पेरीडोन सिरप पहले 120 अब 274 रुपए

बाल झडऩे से रोकने की दवा: मिनोक्सिडिल, एमिनेक्सिल लाशन पहले 410 अब 850 रुपए

Posted By: Inextlive