Agra News ये मानसून तो शहर की ऐतिहासिक इमारतों के लिए ही खतरा बन गया
ये है इतिहास
आगरा-मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अकबर का मकबरा सिकंदरा में हैं। अकबर टॉम्ब की इमारत सफेद संगमरमर से बनी हुई है इसके चारों तरफ नौ-नौ मेहराबों के दालान हैं। चारों तरफ बगीचे हैं। अकबर का मकबरा तीसरे और सबसे महान मुगल सम्राट अकबर का मकबरा है। यह मकबरा 1605-1613 में उनके बेटे जहाँगीर द्वारा बनवाया गया था। स्मारक की इमारत गहरे लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं। मुगल शहंशाह अकबर ने अकबर टॉम्ब मकबरे का निर्माण शुरू करा दिया था। वर्ष 1605 में उसकी मौत के बाद उसके बेटे जहांगीर ने अकबर के मकबरे को पूरा कराया। 400 साल पुरानी मुगलकालीन पेंटिंग हुई खराबअकबर के मकबरे सिकंदरा में इस बार बारिश ने बड़ा नुकसान किया है। मकबरे के मुख्य प्रवेश द्वार पर सुनहरी पेंटिंग खराब हो गईं है जबकि छत पर लगे अलग-अलग डिजाइन के पेंटिंग के पैनल जगह छोड़कर गिरासू हैं। इन्हें रोकने के लिए पाड़ लगाई गई है। जिससे पर्यटकों को प्रवेश द्वार पर दाईं और बाईं ओर से निकलना पड़ रहा है। बारिश की वजह से दूसरी जगह भी दीवारों में सीलन आ गई है पेंटिंग की खास बात है कि हर दीवार पर अलग-अलग डिजाइन है। एक ही डिजाइन दोबारा किसी पैनल में यूज नहीं की गई।
प्रवेश द्वार से बुर्ज तक सीलन से पड़े दाग
अकबर के मकबरे सिकंदरा में मुगल शहंशाह की कब्र के लिए जाने वाले मुख्य दरवाजे पर जहां सीलन के कारण पेंटिंग खराब हो रही है। वहीं इसी प्रवेश द्वार से पूर्वी दिशा की ओर बने बुर्ज तक छत के रास्ते आई सीलन के दाग भी नजर आते हैं। बारिश के कारण मकबरे की दीवारों पर सीलन के दाग पड़ गए हैं। इसके अलावा शहंशाह की कब्र के ऊपर बने 5 मंजिला भवन की छत से पानी के रिसाव के कारण निचली मंजिल की बुर्ज तक भी सीलन पहुंच गई है। पार्क के बीच भरा पानी अकबर टॉम्ब के बीच में पुराना फाउंटेन बना हुआ है। इसमें भारी बारिश के बाद पानी भर गया है। पानी अब गंदा हो गया है निकासी की व्यवस्था न होने से स्मारक में भरा पानी सडऩे लगा है। पर्यटक इसके पास पहुंचते ही असहज हो जाते हैं। इसके अलावा पार्क में लगी बेंच पर अधिक पानी से लकड़ी गल गई है। अक्सर पर्यटक यहां बैठ कर फोटो कराते हैं।भारी बारिश की वजह से पेंटिंग को नुकसान हुआ है। इस पेंटिंग को एक्सपर्ट की टीम चेक करेगी। उनके सजेशन के बाद ही उनकी बताई टेक्नोलॉजी से इस पर काम शुरू किया जाएगा।
मुदस्सर अली संरक्षण सहायक
हेमंत दीक्षित एडवोकेट
इन्हीं इमारतों से शहर की पहचान है। पिछले कुछ दिनों से इनको लेकर जो कंट्रोवर्सी चल रही है। ये नहीं होनी चाहिए। जिम्मेदार लोगों को जल्द ही इनको ठीक करना होगा।
पवन टूरिस्ट
बारिश की वजह से स्मारकों को नुकसान तो हुआ ही है, लेकिन इनके मेंटिनेंस के लिए जो हर साल पैसा खर्च किया जाता है। उसका क्या एएसआई को इसमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
निक्की टूरिस्ट