बरसात के सीजन में डेंगू का डर आमतौर पर लोगों को सताता है. कुछ मुनाफाखोर लोगों के इसी डर का फायदा उठा कर खेल कर जाते हैं. ऐसा लगता है मानो वो इंतजार में रहते हों कब आपदा आए और वे अवसर खोजें.

आगरा। (ब्यूरो) बरसात के सीजन में डेंगू का डर आमतौर पर लोगों को सताता है। कुछ मुनाफाखोर लोगों के इसी डर का फायदा उठा कर खेल कर जाते हैं। ऐसा लगता है मानो वो इंतजार में रहते हों कब आपदा आए और वे अवसर खोजें। डेंगू का डर दिखा कर शहर के कुछ पैथोलॉजी लैब कुछ डॉक्टर्स की मिलीभगत से लोगों को लूटते हैं। पहले डॉक्टर लोगों को डेंगू का डर दिखाते हैं फिर जांचों के नाम पर एक्स्ट्रा जांचें लिखते हैं। पैथोलॉजी संचालक इन जांचों में से 40 से 50 प्रतिशत कमीशन डॉक्टर को देते हैं। इसके अलावा कम प्लेटलेट्स के नाम पर आरडीपी और जंबो पैक की रेट में खेल करते हैं.
डेंगू से डरें नहीं सावधानी रखें

वैसे तो डेंगू खतरनाक बीमारी है लेकिन इससे डरने की नहीं बल्कि सावधानी बरत कर इससे बचने की जरूरत है। आमतौर पर डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपते हैं। साफ सुथरे इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। डेंगू सामान्य फीवर जैसा है, जिसको सावधानी बरत कर ठीक किया जा सकता है। डेंगू के 80 से 90 प्रतिशत मरीजों को हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं पड़ती। वे कुछ एहतियात बरत कर घर पर ही डॉक्टर की सलाह से कुछ दवाई ले कर ठीक हो सकते हैं। डेंगू के एक फीसदी से कम मरीजों में ही डेंगू जानलेवा होता है। प्लेटलेट्स काउंट का कम होना भी डेंगू का खतरनाक होना नहीं है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्लेटलेट्स किसी भी बीमारी में कम हो सकती है जो बुखार के सही होने पर अपने आप बढऩे लगती है।

जांच के नाम पर इस तरह करते हैं खेल

आमतौर पर मरीज को बुखार आता है तो डॉक्टर उसकी सीवीसी और डेंगू की जांच करा कर पता लगा सकते हैं। अगर लक्षण डेंगू के हों तो इनके साथ डेंगू की जांच भी करा लेते हैं। लेकिन मुनाफाखोर डॉक्टर पैथोलॉजी संचालक के साथ मिल कर मरीजों की जांच में खेल करते हैं। पहले डॉक्टर मरीजों को डेंगू का डर दिखाते हैं फिर एक साथ कई सारी जांचे लिखते हैं इनकी कोई जरूरत नहीं होती। इसके बाद पैथोलॉजी संचालक इन जांचो को महंगे दामों पर करते हैं और इन सब में टोटल अमाउंट में डॉक्टर को 40 से 50 प्रतिशत तक कमीशन ये पैथोलॉजी संचालक देते हैं। इस तरह ये मुनाफाखोर डेंगू के नाम पर मरीजों को लूटते हैं।

जांच जो डेंगू का डर दिखा कर डॉक्टर करवाते हैं

सीवीसी -250
एमपी -250
बिडाल -150
चिकन गुनिया -600
एसजीपीटी -150
एसजीओटी -150
डेंगू 1000 से 1200 जिसे बढ़ा भी देते हैं।
इस तरह करीब 2750 रुपए की जांच डेंगू मरीजों की करा लेते हैं। इसमें से 40 से 50 प्रतिशत तक का कमीशन डॉक्टर के लिए होता है। जिसके यहां से मरीज इन जांचों को करने आते हैं।

प्लेटलेट्स में इस तरह करते हैं खेल

ये काम हालांकि सभी डॉक्टर और पैथोलॉजी संचालक नहीं करते। लेकिन नाम न छापने की शर्त पर एक डॉक्टर और पैथोलॉजी संचालक ने बताया कि कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक जो कि डेंगू के नाम पर मरीजों को कई दिन तक अपने यहां एडमिट रखते हैं। वे पैथोलॉजी संचालकों से मिल कर मरीजों की प्लेटलेट्स काउंट कम करा देते हैं। पहले दिन मरीज की प्लेटलेट्स काउंट कम बताते हैं फिर अपनी सहूलियत के हिसाब से इनको धीरे धीरे बढ़वाते हैं। इस खेल में मरीज को कुछ पता ही नहीं चल पाता है। और डेंगू के नाम पर लूट का शिकार हो जाते हैं।

डेंगू के लक्षण

-डब्लूएचओ के अनुसार डेंगू के लक्षण संक्रमण के 4-10 दिन बाद शुरू होते हैं और 2-7 दिनों तक चलते हैं। डेंगू के शुरूआती लक्षण ये हो स कते हैं

-तेज बुखार
-अधिक तेज सरदर्द
-आँखों के पीछे दर्द
-मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
-जी मिचलाना
-उल्टी करना

-इसके अलावा डेंगू के गंभीर लक्षण कई बार बुखार चले जाने के बाद भी दिखाई देते हैं ये लक्षण हैं।

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देश में 19 जगहों पर होगा डेंगू की वैक्सीन का परीक्षण

डेंगू की आहट के बीच ही देश में एक अच्छी खबर आई है। पैनेसिया बायोटेक ने अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की मदद से डेंगू बुखार की रोकथाम के लिए डेंगीऑल नामक टीका बनाया है। देश में 19 जगहों पर क्लीनिकल परीक्षण जल्द शुरू किया जाएगा। टीके का असर जानने के लिए 10335 स्वस्थ वयस्कों पर क्लीनिकल परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में हिस्सा लेने वाले लोगों की उम्र 18 से 60 साल होगी।

स्वास्थ्य विभाग की टीमों के द्वारा हॉउस टू हॉउस सर्वे कराया जा रहा है इसके बाद एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। इसके अलावा भी संवेदनशील जगहों पर अभियान चलाए जा रहे हैं।
डॉ। अरुण श्रीवास्तव सीएमओ

जगह जगह अवेयरनेस अभियान चला कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा जिले भर में आशाओं के माध्यम से हर घर पर नजर रखी जा रही है।
राजेश कुमार गुप्ता जिला मलेरिया अधिकारी

डेंगू अक्सर फ्रे श वाटर जैसे गमले कूलर में होता है। डेंगू का मच्छर इनडोर प्लांट में भी हो जाता है। इसलिए घर के अंदर भी विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।
डॉ मनीष बंसल मेडिसन विभाग एसएन

-डेंगू को अक्सर कुछ एहतियात बरत कर ही हराया जा सकता है बरसात के मौसम में विशेष सावधानी बरतें अनावश्यक पानी न इक_ा होने दें तो डेंगू से बच सकते हैं।
डॉ विनय गोयल एमरजेंसी विभाग डिस्ट्रिक हॉस्पिटल

-10335 लोगों पर होगा डेंगू के टीके का परीक्षण
-19 अलग अलग जगहों पर होगा डेंगू के टीके का परीक्षण
-100 से अधिक देशों में फैल चुका है डेंगू
-40 से 50 प्रतिशत कमीशन होता है डॉक्टर्स का जांचो पर

Posted By: Inextlive