Agra News: सुप्रीम कोर्ट से ही प्रशस्त होगी आर्टिफिशियल लाइट में ताजमहल खोलने की राह
आगरा (ब्यूरो)। ताजमहल के संगमरमरी हुस्न पर अठखेलियां करतीं चंद्रमा की शीतल किरणें। शरद पूर्णिमा पर ताजमहल में चमकी के नजारे को देखने के लिए पर्यटक वर्षभर इंतजार करते हैं। चमकी पर भी दो दशक तक सुरक्षा कारणों से ग्रहण लगा रहा था। पर्यटन कारोबारियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ही ताज रात्रि दर्शन शुरू करने का आदेश किया था। ताजमहल को कृत्रिम प्रकाश में रोशन करने की राह भी सुप्रीम कोर्ट से ही प्रशस्त होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यटन हित से जुड़े मुद्दों को हमेशा सकारात्मकता के साथ लिया है। प्रदेश सरकार ताजमहल को कृत्रिम प्रकाश में खुलवाने को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पर्यटन हित में पहल कर सकती है।
ताज में चार दशक पहले लगता था मून लाइट में मेला
ताजमहल में चार दशक पहले तक चांदनी रात में मेला लगता था। शरद पूर्णिमा पर चमकी देखने हजारों पर्यटकों की भीड़ उमड़ा करती थी। ताजमहल में इसके लिए विशेष इंतजाम किए जाते थे। पर्यटक मुख्य मकबरे पर चमेली फर्श स्थित सीढिय़ों से ही जाते थे, लेकिन उनके उतरने के लिए मेहमानखाना की तरफ स्लीपर लगाकर सीढिय़ां बनाई जाती थीं। पर्यटकों को लेबर गेट से बाहर निकाला जाता था। वर्ष 1984 में सुरक्षा कारणों से ताज रात्रि दर्शन बंद कर दिया गया। यह प्रतिबंध दो दशक तक लगा रहा। शहर में पर्यटकों के रात्रि प्रवास को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन कारोबारियों ने ताजमहल को रात में खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। नवंबर, 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल को रात में खोलने का आदेश किया। ताज रात्रि दर्शन में एक दिन में पर्यटकों की संख्या को 400 तक सीमित करने के साथ वीडियो प्लेटफार्म तक की अनुमति दी गई। एक दिन पूर्व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के माल रोड स्थित कार्यालय से एक दिन पूर्व टिकट बुक करनी होती थी। वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन की याचिका पर टिकटों की ऑनलाइन बुङ्क्षकग की व्यवस्था का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने किया था।
एएसआई की रसायन शाखा ने पूर्व में ताजमहल को कृत्रिम प्रकाश में खोलने की मांग को कीड़ों के आकर्षित होने की वजह से नकार दिया था। वर्ष 2016 में एएसआइ की रसायन शाखा ने ताजमहल की सतह पर गंदगी के दाग छोडऩे वाले कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस पर अध्ययन किया था। एएसआइ ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कीड़े के पनपने की मुख्य वजह यमुना की गंदगी और उसमें फास्फोरस का अधिक मात्रा में होना है। मार्च-अप्रैल में जब नदी के किनारे तापमान 28 से 35 डिग्री सेल्सियस और नदी में बहाव कम होता है तो उसके किनारों पर काई जम जाती है। इसी में कीड़ा पनपता है और काई को खाकर बढ़ता है। यमुना की दशा पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी निरंतर ङ्क्षचता जताते रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता की वजह से यह समस्या दूर नहीं हो सकी है।
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दिन से सस्ता है रात्रि दर्शन का टिकट
ताजमहल पूर्णिमा पर माह में पांच दिन रात में खुलता है। विदेशी पर्यटकों के लिए ताज रात्रि दर्शन दिन की अपेक्षा रात में सस्ता है। दिन में विदेशी पर्यटकों के लिए (मुख्य मकबरे समेत) टिकट 1300 रुपए का है, जबकि रात्रि दर्शन का टिकट 750 रुपए का है।