उड़ान भरने के लगभग 45 मिनट बाद क्रैश हुए मिग-29 विमान की जांच तेज हो गई है. सोमवार देर रात नई दिल्ली प्रयागराज और लखनऊ से पहुंचीं विशेषज्ञों की टीम पूरे दिन जांच में जुटी रही. खेतों में 900 मीटर में फैले विमान के मलबे की जांच में सहयोग के लिए वायु सेना के 40 से अधिक जवानों को लगाया गया. विशेषज्ञों की टीम ने ग्रामीणों के बयान रिकार्ड किए. फिलहाल जांच पूरी होने के बाद विमान का मलबा दो से तीन दिनों में उठाया जाएगा. वहीं 80 मीटर दूर मिले विमान के ब्लैक बाक्स की जांच आगरा और ग्वालियर एयरबेस में होगी. इससे दुर्घटना के कारणों का सही पता चल सकेगा.

आगरा (ब्यूरो) उड़ान भरने के लगभग 45 मिनट बाद क्रैश हुए मिग-29 विमान की जांच तेज हो गई है। सोमवार देर रात नई दिल्ली, प्रयागराज और लखनऊ से पहुंचीं विशेषज्ञों की टीम पूरे दिन जांच में जुटी रही। खेतों में 900 मीटर में फैले विमान के मलबे की जांच में सहयोग के लिए वायु सेना के 40 से अधिक जवानों को लगाया गया। विशेषज्ञों की टीम ने ग्रामीणों के बयान रिकार्ड किए। फिलहाल जांच पूरी होने के बाद विमान का मलबा दो से तीन दिनों में उठाया जाएगा। वहीं 80 मीटर दूर मिले विमान के ब्लैक बाक्स की जांच आगरा और ग्वालियर एयरबेस में होगी। इससे दुर्घटना के कारणों का सही पता चल सकेगा।

सोमवार शाम 4.20 बजे कागारौल के बघा गांव में भारतीय वायुसेना का मिग-29 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया था। विमान में आग लगने के बाद पायलट ङ्क्षवग कमांडर मनीष मिश्रा की सूझबूझ से विमान आवासीय क्षेत्र से बाहर गिरा और वे समय रहते पैराशूट की मदद से कूद गए थे। घटना के बाद वायु सेना ने दुर्घटनास्थल के पास सोमवार रात में तंबू लगा दिए थे।

सुबह सात बजे बघा पहुंची टीम
मंगलवार सुबह सात बजे विशेषज्ञों की टीमें बघा गांव पहुंची। विशेषज्ञों ने दुर्घटनास्थल पर पड़े मलबे की तस्वीरें लीं। विमान में कितनी मिसाइल और बम थे, इसकी भी जांच की। वहीं दुर्घटनास्थल के आस-पास पहुंचे ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो और फोटोग्राफ भी लिए गए। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार शाम चार बजे के बाद एक विमान तेजी से जमीन की तरफ आता दिखा। आग लगा विमान कई बार गोल-गोल घूमा। उसमें से तेज आवाज आ रही थी। ग्रामीण भगवती देवी और रीना ने बताया कि वह खेत में घास काट रही थीं। तेज आवाज सुनी और एक विमान को जलते हुए देखा। यह देखकर वह डर गईं और बेहोश हो गईं। ग्रामीण सत्यवीर ङ्क्षसह ने बताया कि विमान का शीशा 400 मीटर की दूरी पर मिला है। विशेषज्ञों की टीम ने 70 ग्रामीणों के बयान लिए।

सेवानिवृत्त अधिकारी वीआरएस ङ्क्षसह के अनुसार ब्लैक बाक्स में पहला फ्लाइट डाटा रिकार्डर होता है। इसमें उड़ान से संबंधित सभी तकनीकी जानकारी गति, ऊंचाई, दिशा, फ्यूल लेवल होता है। दूसरा काकपिट वाइस रिकार्डर होता है। इसमें पायलट की एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से बातचीत और दिशा-निर्देश रिकार्ड होते हैं। इससे दुर्घटना के कारणों का सही पता चलता है।
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गांव में जुटी रही भीड़, युवाओं ने बनाए वीडियो
बघा गांव में सुबह से लेकर रात तक हजारों लोगों की भीड़ जुटी रही। युवाओं ने जांच कर रही टीम के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिए। दोपहर में बच्चे और युवा दुर्घटनाग्रस्त विमान तक पहुंच गए, जिन्हें वहां से हटाया गया।

ग्रामीणों से वापस लिया गया सामान: सोमवार रात कई ग्रामीण काकपिट के ऊपर का शीशा और इजेक्शन सीट के अलावा विमान के अन्य कल पुर्जे उठा ले गए थे। इसकी जानकारी होने पर जांच टीम ने ग्रामीणों से बात की और उठाया गया सामान वापस करने को कहा। वायु सेना के जवानों ने घरों में जाकर विमान के पुर्जे वापस लिए।
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रात दो बजे काबू में आई आग: लड़ाकू विमान के जमीन पर गिरने के बाद तेज आग भड़क गई। विमान में भरा हुए फ्यूल के रिसाव से आग बढ़ती गई। आग इतनी तेज थी कि कोई वहां पहुंचने की हिम्मत नहीं दिखा पाया। फायर ब्रिगेड कर्मियों ने रात दो बजे आग पर पूरी तरह काबू पाया।

Posted By: Inextlive