सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद जूनियर डाक्टरों ने रात में वार्ड में की ड्यूटी ओपीडी से गुरुवार को 2000 मरीज लौटे डेढ़ घंटे ही बन सके पर्चे

आगरा: कोलकाता मामले में सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद गुरुवार शाम को जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी। रात में वार्ड ड्यूटी की। शुक्रवार को 11 दिन बाद मरीजों को ओपीडी में इलाज मिलेगा। वहीं, गुरुवार सुबह डेढ़ घंटे रजिस्ट्रेशन कक्ष मरीजों के लिए खोल दिया गया। ओपीडी में 968 मरीजों को परामर्श दिया गया। जूनियर डॉक्टरों ने भी ओपडी के बाहर धरना स्थल पर मरीजों को परामर्श दिया।

12 अगस्त को शुरु की थी हड़ताल
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला जूनियर डाक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या से आक्रोशित एसएन के जूनियर डाक्टरों ने 12 अगस्त को ओपीडी में मरीजों को देखने के बाद दोपहर दो बजे से हड़ताल कर दी थी। इमरजेंसी और आईसीयू में ही मरीजों को परामर्श दे रहे थे। सुबह नौ बजे रजिस्ट्रेशन कक्ष खोल दिया गया, 11 बजे जूनियर डाक्टरों ने रजिस्ट्रेशन कक्ष बंद करा दिया और ओपीडी के बाहर धरने पर बैठ गए। पर्चे लेकर आए मरीजों को धरनास्थल पर ही परामर्श दिया। वहीं, ओपीडी में डाक्टर और सीनियर रेजीडेंट ने 968 मरीजों को परामर्श दिया। करीब दो हजार मरीज इलाज के बिना लौट गए। शाम तक डाक्टर वार्ड ड्यूटी पर भी नहीं गए, ऑपरेशन भी नहीं हुए। शाम 6 .30 बजे रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। साहिल विज ने प्राचार्य डॉ। प्रशांत गुप्ता को हड़ताल खत्म कर ड्यूटी पर जाने का पत्र दिया। रात को वार्ड में ड्यूटी की। प्राचार्य डॉ। प्रशांत गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार से पूर्व की तरह से ही ओपीडी संचालित होगी, जूनियर डाक्टर काम करेंगे।

नुक्कड़ नाटक कर सुरक्षा की मांग, रेजिडेंट शिकायत प्रकोष्ठ कर रही काम

धरना स्थल पर जूनियर डाक्टरों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संदेश दिया कि मरीज की तो हम जान बचा लेंगे लेकिन हमारी रक्षा कौन करेगा। मरीज और तीमारदारों ने भी डाक्टरों का समर्थन किया। वहीं, एसएन में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के बाद रेजिडेंट शिकायत प्रकोष्ठ गठित कर दी थी, इसके अध्यक्ष डॉ। टीपी ङ्क्षसह बनाए गए हैं, तीन रेजीडेंट डाक्टर भी शामिल हैं। कॉलेज परिसर में सीसीटीवी लगाने के साथ ही वार्ड में रेजीडेंट डाक्टरों के लिए रेस्ट रूम बनाए जा रहे हैं।

22 हजार मरीजों को नहीं मिला इलाज, 500 ऑपरेशन टाले गए
जूनियर डाक्टरों की हड़ताल 12 अगस्त को शुरू हुई थी। ओपीडी से करीब 22 हजार मरीज इलाज के बिना लौट गए। करीब 500 मरीजों के ऑपरेशन टाल दिए गए। शुक्रवार से ओपीडी में भीड़ लगेगी, ऑपरेशन और जांच भी शुरू हो जाएंगी।

Posted By: Inextlive