Agra news बंदी भाइयों को बहनों ने बांधा स्नेह का धागा
करनी पड़ी घंटों प्रतीक्षा
केंद्रीय कारागार पर 1700 से अधिक मुलाकाती बंदियों से मिलने पहुंचे थे। इनमें 1174 महिलाएं और 364 बच्चे थे। मुलाकात की पर्ची लगाने से लेकर और अंदर से बुलावा आने के बीच घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ी। नोएडा से आए अखिलेश और अजयवीर ने बताया वह सुबह नौ बजे आ गए थे। मुलाकात की पर्ची भेज दी, इसके बाद भी दोपहर 12 बजे तक उनकी मुलाकात नहीं आई। जिससे साथ में आई महिलाओं और बच्चों को गर्मी में परेशान होना पड़ा। हाथरस से प्रियंका भी सुबह नौ बजे आ गई थीं। उन्होंने बताया कि पर्ची लगाने के बाद कई घंटे तक मुलाकात नहीं आई। उन्हें राखी बांधने के बाद घर भी लौटने के लिए बस भी पकडऩी है। मुलाकातियों कहना था कि पर्ची बनाने के लिए काउंटर लगाया गया था। मगर, कर्मचारियों की संख्या कम होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जेल प्रशासन का कहना है कि इस वर्ष हर बार से अधिक भीड़ आने के चलते कुछ समस्या आई थी। सभी की मुलाकात कराई गई।
वहीं, जिला जेल पर सुबह सात बजे से ही बहनों के आना शुरू हो गया था आनलाइन के अलावा मुलाकात की पर्ची भी लगाई गई थी। जिला जेल प्रशासन ने मुलाकात के दौरान व्यवस्थाओं के लिए अतिरिक्त पुलिस बल के साथ ही बंदी रक्षकों को तैनात किया था। जिससे कि मुलाकात को आई बहनों को समस्या नहीं हो। मुलाकातियों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा ने बताया 978 बंदियों से 2,360 महिलाओं और बच्चों ने मुलाकात की।