आगरा ब्यूरो खेरागढ़ में खनन माफिया के गुर्गे ने शनिवार सुबह घेराबंदी करने पर सिपाही अजय को गोली मार दी थी. मुख्य आरोपी को पुलिस 38 घंटे बाद भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है. मुख्य आरोपी खेरागढ़ का रहने वाला है. रविवार को पुलिस ने घटना में धौलपुर के चार और खेरागढ़ के तीन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. सातों आरोपी पुलिस पर हुए हमले में शामिल थे.

18 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज
खेरागढ़ में शनिवार सुबह साढ़े सात बजे समाध मार्ग पर बालू से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली की सूचना पर दारोगा वरदानी लाल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे थे। खनन माफिया के गुर्गों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। तमंचों से ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। सिपाही अजय कुमार के कनपटी के पास गोली लगने से वह घायल हो गए थे। इंस्पेक्टर खेरागढ़ घायल सिपाही अजय को जीप से अस्पताल लेकर आ रहे थे। खनन माफिया के गुर्गो ने दुस्साहस दिखाते हुए ट्रैक्टर से जीप में टक्कर मारी थी। हत्या के प्रयास में पुलिस ने 18 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।


घटना बाद से पुलिस की छह टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। मुख्य आरोपी को रविवार रात तक गिरफ्तार नहीं कर सकी हैं। पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी की पहचान हो गई है, वह खेरागढ़ का रहने वाला है। डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने बताया कि सिपाही को गोली मारने की घटना में शामिल धौलपुर के चार लोगों राजपाल, योगेश, विजय, विनय ङ्क्षसह और खेरागढ़ के नेमी कुशवाह, मोहर ङ्क्षसह, मुकेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। आरोपी से चार ट्रैक्टर, दो ट्राली और दो बाइक बरामद की हैं।

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दबिश के दौरान घरों में तोडफ़ोड़ का आरोप
पुलिस पर आरोपी की गिरफ्तारी को दबिश के दौरान घरों में तोडफोड़ करने का आरोप है। खेरागढ़ के नगला पहाड़ी के मोहर ङ्क्षसह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पुलिस ने दबिश के दौरान नगला पहाड़ी में कई घरों में तोडफ़ोड़ की। पुलिस ने अपना गुस्सा दबिश के दौरान निकाला। हालांकि पुलिस ने तोडफ़ोड़ के आरोप को गलत बताया है। पुलिस का कहना है कि अवैध खनन के काकस को ध्वस्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive