स्मार्टफोन की उपलब्धता और इंटरनेट का तेजी से फैलना. ये सब लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है मगर साथ ही तकनीक का तेजी से विकास लोगों के लिए ही खतरा बन रहा है.

आगरा (ब्यूरो)। स्मार्टफोन की उपलब्धता और इंटरनेट का तेजी से फैलना। ये सब लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है, मगर साथ ही तकनीक का तेजी से विकास लोगों के लिए ही खतरा बन रहा है। कुछ लोग तकनीक का गलत फायदा उठाते हैं और उनके साथ धोखेबाजी करते हैं। सोशल मीडिया के दौर में कई तरह के साइबर क्राइम सामने आ रहे हैं, मगर क्या आपने सेल्फी के जरिए ठगी करने के बारे में सुना या पढ़ा है। जी हां, साइबर क्रिमिनल्स ने लोगों को ठगने का नया तरीका निकाला है।


सेल्फी ऑथेंटिकेशन से साइबर फ्र ॉड
दरअसल, कई एप्स या फिर वेबसाइट पर अपनी पहचान साबित करने के लिए सेल्फी लेकर अपलोड करने को कहा जाता है। आजकल कई बैंक और कंपनियां इस तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं। इसे सेल्फी ऑथेंटिकेशन कहा जाता है। इस तकनीक के जरिए यह साबित होता है कि आप वही व्यक्ति हैं, जिसका दावा किया जा रहा है। मगर साइबर धोखेबाज इसी तकनीक का गलत फायदा उठा रहे हैं।


सेल्फी से साइबर फ्र ॉड
सेल्फी ऑथेंटिकेशन से साइबर फ्र ॉड हो रहा है। साइबर क्रिमिनल इसमें फिशिंग हमला करते हैं। इसमें फर्जी ईमेल या मैसेज के जरिए एक लिंक भेजा जाता है। इसके बाद जैसे ही उस लिंक पर क्लिक करके उसे खोलकर उस पर सेल्फी डालते हैं तो फिर उसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। हालही में थाना सिकंदरा क्षेत्र में एक मामला ऐसा सामने आया है, जहां पीडि़त के अकाउंट से दो ट्रांजेक्शन में चार लाख रुपए निकल गए।


सेल्फी का इस्तेमाल कर निकाल सकते हैं रुपए
साइबर क्रिमिनल्स किसी तरीके से फोन में मालवेयर इंस्टाल कर देते हैं, इसके बाद वो डिवाइस के कैमरे पर नियंत्रण कर लेते हैं। आपकी मंजूरी के बिना सेल्फी ले लेते हैं। कई मामलों में साइबर अपराधी लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट से उनकी प्रोफाइल या फोटो चोरी कर लेते हैं। इसके बाद उसे डीपफेक यानी एआई की मदद से उसका कुछ भी बना सकते हैं। साइबर अपराधी सेल्फी के लिए बैंक में आपके नाम पर लोन ले सकते हैं। साथ ही बैंक अकाउंट में सेल्फी का इस्तेमाल करके पैसे भी निकाल सकते हैं।

सेल्फी के जरिए तैयार करते हैं क्लोन
सेल्फी के जरिए साइबर क्रिमिनल्स ई-सिम कार्ड का क्लोन तैयार कर सकते हैं। इसके बाद फोन पर आने वाले सारे कॉल, मैसेज और ओटीपी आसानी से उन तक पहुंच जाएंगे। इसके बाद ठगी का सिलसिला शुरू होता है। पीडि़त के खाते से जब रुपए निकल जाते हैं तो उसको पता ही नहीं चलता कि उसके खाते से रुपए कैसे और किसने निकाल लिए। ये एक बड़ा सवाल बन जाता है। साइबर सेल की जांच में इसका खुलासा होता तब पता चलता है कि साइबर ठगों ने इस तकनीक का यूज किया है।


सेल्फी फ्र ॉड से बचने के उपाय
-सेल्फी फ्र ॉड से बचने के लिए डिवाइस पर आए किसी भी अनजान लिंक, ईमेल और मैसेज पर क्लिक न करें।
-डिवाइस की सेफ्टी के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
-सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स की सेफ्टी के लिए टू फैक्टर वेरिफिकेशन को ऑन करें।
-किसी के साथ भी अपनी पर्सनल जानकारी, बैंकिंग डिटेल और पासवर्ड आदि साझा न करें।
-फोन में हमेशा नए सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर भी रखें, जो कि मैलवेयर से बचाव कर सके।

मैसेज को करें वेरिफाई
एसीपी डॉ। सुकन्या शर्मा ने बताया कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। अगर आपको कोई मैसेज विश्वसनीय लगता है, तब भी आपको एक बार इंटरनेट पर इसे वेरिफाई कर लेना चाहिए। अगर आपको कभी भी वीडियो के जरिए से अपनी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए।

इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए ईमेल, मैसेज या लिंक प्राप्त होने पर उसे बिना चेक किए कभी भी न खोलें। किसी अनजान ऐप पर अपनी सेल्फी अपलोड करने से पहले उसके बारे में जानकारी कर लें। वहीं, ऑनलाइल अकाउंट की सुरक्षा के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल करें। इससे क्रिमिनल्स को आपके बारे में जानकारी आसानी से नहीं मिलेगी। सेल्फी को शेयर करने से पहलें सोचें। साइबर क्रिमिनल्स आपकी फोटो का यूज कर सकते हैं।
सोनम कुमार, डीसीपी वेस्ट जोन

Posted By: Inextlive