भारतीय वायुसेना के नए मालवाहक विमान सी-295 का नया ठिकाना आगरा वायुसेना स्टेशन होगा. स्टेशन परिसर में सिम्युलेटर बनकर तैयार हो गया है. 11 नवंबर को वायुसेना के उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में इसका शुभारंभ होगा. यह देश का इकलौता सेंटर होगा जहां सिम्युलेटर पर पायलटों को इस विमान से उड़ान भरने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये मालवाहक विमान वायुसेना के लिए काफी अहमियत रखता है. स्पेन से 56 विमान खरीद का समझौता हुआ है जिसमें स्पेन से 16 विमान आएंगे और 40 विमान गुजरात के वड़ोदरा में स्थित टाटा एयरबस फैक्ट्री में बनेंगे.

आगरा( ब्यूरो) भारतीय वायुसेना के नए मालवाहक विमान सी-295 का नया ठिकाना आगरा वायुसेना स्टेशन होगा। स्टेशन परिसर में सिम्युलेटर बनकर तैयार हो गया है। 11 नवंबर को वायुसेना के उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में इसका शुभारंभ होगा। यह देश का इकलौता सेंटर होगा, जहां सिम्युलेटर पर पायलटों को इस विमान से उड़ान भरने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये मालवाहक विमान वायुसेना के लिए काफी अहमियत रखता है। स्पेन से 56 विमान खरीद का समझौता हुआ है, जिसमें स्पेन से 16 विमान आएंगे और 40 विमान गुजरात के वड़ोदरा में स्थित टाटा एयरबस फैक्ट्री में बनेंगे।

आगरा वायुसेना स्टेशन मालवाहक विमानों का गढ़ है। यहां सी-17 ग्लोब मास्टर, एएन-32, सी-130 जे हरक्यूलिस, आइएल 78 और 76 सहित अन्य विमान हैं। एमआइ-17 हेलीकाप्टर भी हैं। वायुसेना स्टेशन को नया मालवाहक सी-295 विमान भी मिलने जा रहा है। जल्द ही इसकी स्क्वाड्रन बनेगी। पायलट को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए स्टेशन परिसर में सिम्युलेटर स्थापित किया गया है। इसमें पायलट को विमान के उड़ान भरने से लेकर लैंङ्क्षडग तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सिम्युलेटर का शुभारंभ 11 नवंबर को होगा। इसमें प्रयागराज मुख्यालय से कई उच्च अधिकारी शामिल होने आएंगे। प्रशिक्षण के लिए पायलट की सूची भी तैयार हो गई है। सी-295 विमान का प्रयोग विश्व के 20 देशों में होता है।


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पैराट्रूपर्स विमान से लगाएंगे छलांग: वायुसेना स्टेशन परिसर में पैराट्रूपर्स प्रशिक्षण स्कूल भी है। स्कूल में भारतीय वायुसेना, थल सेना और नौसेना के कमांडोज व पैरा ङ्क्षवग के जवानों को पैराशूट से कूदने का प्रशिक्षण दिया जाता है। अभी तक सबसे अधिक मालवाहक विमान एएन-32, सी-130 जे हरक्यूलिस विमान का प्रयोग किया जाता है। अब सी-295 विमान का भी प्रयोग किया जा सकेगा।
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यह है विमान की खासियत
- यह मालवाहक श्रेणी का विमान है। इससे सैनिक, उपकरणों और सैन्य सामान को एक स्थल से दूसरे स्थल पर आसानी से ले जाया जा सकता है।

- यह विमान हेलीकाप्टर और बड़े आकार के कार्गो को भी ले जा सकता है.- यह विमान टोही और खुफिया जानकारियां जुटाने वाले मिशन में भी काम आ सकता है।
- विमान की रेंज पांच हजार किमी है। यह 11 घंटे तक एक ही स्थान पर आसानी से स्थिर रह सकता है।

- विमान को उड़ान भरने के लिए 934 मीटर रनवे की जरूरत पड़ती है। उतरने के लिए 420 मीटर रनवे ही चाहिए.
- यह विमान छोटे और कच्चे रनवे से आसानी लैंङ्क्षडग और टेक आफ कर सकता है.
- इस विमान में 73 सैनिक या फिर 48 पैराट्रूपर आसानी से बैठ सकते हैं.

Posted By: Inextlive