आगरा. ब्यूरो बिहार गवर्नमेंट के एंटी रेबीज वैक्सीन कहां सप्लाई होने थे उनको बिहार से भेजने वाला व्यक्ति कौन है? कौन हैं वो लोग जो बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था मेें सेंध लगा रहे हैं? ये ड्रग विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट के लिए अभी भी बड़ा सवाल बना हुआ है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था लेकिन उसे सत्यापन के बाद जाने दिया गया.

बिहार से वैक्सीन चोरी कर हो रहे सप्लाई
हरीपर्वत पुलिस ने संजय प्लेस स्थित एक कोरियर कंपनी से करीब 600 एंटी रेबीज के वैक्सीन रविवार को बरामद किए गए थे। इन वैक्सीन पर बिहार गवर्नमेंट लिखा था। इसके साथ ही नॉट फॉर सेल का लेवल भी अलग से प्रिंट था। इससे स्पष्ट है कि बिहार के गवर्नमेंट के स्वास्थ्य विभाग में तस्करी करने वाले वो कौन लोग है। जो सरकारी विभाग से एंटी रेबीज के वैक्सीन को चेारी कर तस्करों के हवाले कर रहा है। अगर इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए तो इसका खुलासा हो सकता है, लेेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस और ड्रग विभाग को पांच दिन बीतने के बाद कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।

500 लोगों के नाम पर की गई कालाबजारी
बिहार के मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल की सरकारी दवाओं का हरियाणा में तस्करी का खुलासा हो चुका है। इस मामले में हरियाणा पुलिस ने ओटी असिस्टेंट को अरेस्ट किया था। कुत्ता काटने के एंटी रेबीज वैक्सीन की हेराफेरी कर दवा बाहर बेच दी जाती हैं। इस में एंटी रेबीज इमनोग्लोबिन दवा की कालाबजारी 500 लोगों के नाम हेराफरी कर की गई। वह दवा काफी मंहगी है। बीएमएसआईसीएल वैक्सीन की एक वायल तीन हजार रुपए का आता है। इसकी बाजार में कीमत चार हजार रुपए है। ये दवा कुत्ता काटने के बाद संक्रमण हो जाए या मास निकल जाए तब दी जाती है। इन दवाओं की तस्करी आगरा और हरियाणा में हो रही है।

देना होता है वैक्सीन खपत का ब्यौरा
सरकारी विभाग में दवा और एंटी रेबीज वैक्सीन की खपत का ब्यौरा देना पड़ता है। अब ऐसे में ये दवा और वैक्सीन की तस्करी के बाद किस तरह खपत के रिकॉर्ड को मेंटेन किया जाता है। ये जांच के बाद ही पता चल सकता है। क्योंकि इमरजेंसी में पर्चा काटने के बाद ही सारा रिकार्ड भी वहीं मौजूद रहता है। इसलिए वहां भी नाम में फर्जीवाड़े का खेल होने पर जांच की सूई घूम रही हैं।

हैदराबाद से होती है पूरी प्लानिंग
बिहार से देश के कई राज्यों में एंटी रेबीज वैक्सीन की तस्करी की जाती है। वर्ष 2023 में बड़े पैमाने पर टीका बेचने का मामला सामने आया है। बिहार पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो सामने आया कि इन दवाओं की तस्करी की प्लानिंग हैदराबाद से होती है। सरकारी दवाओं की तस्करी करने वाले पूरी प्लानिंग तैयार करते हैं। इसके बाद ये तय होता है कि इन दवाओं की खपत किस तरह से की जानी है। फिर इसके बाद इनकी तस्करी की जाती है। बिहार पुलिस ने इस मामने में बड़े घोटाले का खुलासा किया था।


एंटी रेबीज वैक्सीन को आगरा तस्करी की जा रही थी। वैक्सीन के पैकेट्स पर लिखा है बिहार गवर्नमेंट सप्लाई, नॉट फॉर सेल। इनपुट मिलने के बाद पुलिस ने कोरियर कंपनी के गोदाम से बरामद माल की सैंपलिंग के लिए कोल्ड चेन बनाकर हिमाचल प्रदेश जांच के लिए भेजा गया है। बरामद माल को सीज किया गया है।
अतुल उपाध्याय, सहायक औषधि आयुक्त
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Posted By: Inextlive