'इज्जत' पर ताला
इज्जतघर भी नहीं बचा पा रहे इज्जत
शहर में पिंक टॉयलेट की स्थिति देखी जाए तो यह अपनी इज्जत बचाने की ही भीख मां रहे हैं। शहर में करीब तीस पिंक टायलेट खुले हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक टॉयलेट संजय प्लेस और एमजी रोड पर हैं। एक टायलेट के निर्माण पर तीन लाख रुपये खर्च हुए हैं। उधर, कुछ यही हाल शौचालयों का भी है। आजमपाड़ा, अशोक नगर, ईदगाह क्षेत्रों में गंदे पड़े हुए हैं। शहर में 144 कम्युनिटी और 65 पब्लिक टायलेट हैं।
कहां हो स्वच्छता दीदी
शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2019 के तहत 45 लाख की लागत से 30 लेडीज पिंक टॉयलेट बनवाए गए थे। निगम की ओर से पिंक टॉयलेट पर 30 महिला ऑपरेटर तैनात करने का दावा किया गया। इनको 'स्वच्छता दीदीÓ कहा गया। लेकिन, मौजूदा समय में इन पर ताला लटका हुआ है और स्वच्छता दीदी का कहीं कोई पता नहीं। शुक्रवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने शहर में कुछ स्थानों पर जाकर पड़ताल की, तो पता चला कि पिंक टायलेट ताले में बंद हैं। सेंट जोंस चौराहे पर पिंक टॉयलेट पर ताला लटका हुआ था। स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि कभी-कभार ताला खुल जाता है। वहीं कुछ टॉयलेट से स्वच्छता दीदी भी गायब थीं।
गूगल मैपिंग कर हुआ था सर्वे
शहर में वार्डों को ओडीएफ व बाजारों में टॉयलेट के लिए गूगल मैपिंग से सर्वे कराया गया था। इसमें 100 वार्डों में 15 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। भारत सरकार से जारी डेक्लेरेशन योर सिटी व टाउन ओपन डीफिकेशन टूल किट्स में खुले में शौच रोकने के लिए कुछ नियम शर्तें तय की गई थी। उसके मुताबिक ऐसे क्षेत्रों के 500 मीटर के दायरे में टॉयलेट की उपलब्धता कराई जानी थी।
्रआगरा समेत प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मिशन शक्ति अभियान के तहत टॉयलेट भी बनाए गए। नगर निगम की ओर से शहर में बनाए गए 30 पिंक टॉयलेट बंद पड़े हैं। इन पर ताला लटका हुआ है। इनकी कीमत करीब 40 लाख रुपए थी।
यहां पर अभी भी टॉयलेट की दरकार
शहर में अभी भी कई ऐसे बाजार हैं, जहां पब्लिक टॉयलेट नहीं हैं। इसके चलते महिलाओं को बाजार में शॉपिंग के दौरान बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसमें सदर बाजार, राजा की मंडी, जौहरी बाजार, सेब का बाजार, कश्मीरी बाजार, फुव्वारा, दरेसी, लुहारगली, कसरेट बाजार, शाहगंज, सिंधी बाजार आदि स्थानों पर पब्लिक लेडीज टॉयलेट नहीं हैं।
-दीवार पर स्वच्छता का संदेश देती पेंटिंग होनी चाहिए
- सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय की सफाई बेहतर हो
- हैंडवॉश के लिए साबुन और तौलिए की व्यवस्था हो
- शौचालयों में सेनेटरी वेंडिग मशीन, हैंड ड्रायर और इंसीनरेटर की व्यवस्था हो
-शौचालय परिसर में गमले रखे हों
-शौचालय पर 24 घंटे कर्मचारी की मौजूदगी हो
- शहर के सभी घरों के टॉयलेट, पब्लिक व कम्यूनिटी टॉयलेट सीवर लाइन या सेप्टिक टैंक से जुड़े होने चाहिए
-खुले में गंदगी फैलाने वालों के करने होंगे चालान
- टॉयलेट से ओपन डिस्चार्ज नहीं होना चाहिए
-सीवर के वेस्ट को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर शोधित करना होगा
- जिन शहरों में सीवर लाइन नहीं है, वहां पर वेस्ट को शोधित कर बहाया जाए
-महिला और पुरुष समेत विकलांगों के लिए सुविधा हो
-विकलांगों के लिए रैंप बना हुआ हो
नगर निगम के 100 वार्डो में 27 जुलाई 2018 को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) की टीम शहर में आयी। टीम ने शहर को ओडीएफ सत्यापित कर दिया। फिर 22 जनवरी 2019 को क्यूआईसी टीम द्वारा ओडीएफ डबल प्लस सत्यापित कर दिया गया।
शहर में पिंक टॉयलेट और पब्लिक टॉयलेट का निर्माण कराया गया था। जिनकी हालत जर्जर हो चुकी है। यह सभी इस्तेमाल के काबिल नहीं है। इसलिए इनको रिप्लेस करने के लिए पिंक टॉयलेट का निर्माण कराया जा रहा है। जोकि जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके बाद पब्लिक को शौचालय से संबंधित कोई परेशानी नहीं होगी।
-केके पांडेय, प्रोजेक्ट मैनेजर, स्वच्छ भारत मिशन