आगरा: ब्यूरो शाहगंज क्षेत्र में चाणक्यपुरी में मर्चेंट नेवी इंजीनियर अनिल कुमार श्रीवास्तव के फ्लैट पर रविवार को संवेदनाओं के समंदर में तरह-तरह की लहरें उठ रही थीं. भंवर पड़ रही थीं. कारण भी था. चीन में 25 दिन पहले मृत्यु हो जाने से इंजीनियर का शव लाया जा रहा था. बुजुर्ग मां पत्नी बेटा और बेटी के लिए एक-एक क्षण वर्षों के बराबर था. सोसायटी के सभी परिवारों सहित परिचित रिश्तेदार और अन्य भी आकुल हो रहे थे. दोपहर में जैसे ही एंबुलेंस आकर रुकी इंजीनियर का बेटा अक्षत चीखता हुआ अंदर की ओर दौड़ा- मम्मी ओ मम्मी! पापा आ गए.... इस मार्मिक पुकार पर अन्य तो भावुक हो ही गए परिजन भी एक नजर देखने को दौड़ लिए. करुण क्रंदन से सबकी आंखें नम हो गईं. इंजीनियर अनिल कुमार कन्नौज के मूल निवासी थे.

25 दिनों से प्रतीक्षा कर रहे थे परिजन
25 दिनों से शव की प्रतीक्षा कर रहे परिजन तो एक नजर देखने के लिए व्याकुल थे। शनिवार रात चीन से शव भारत लाया गया। दिल्ली से रविवार सुबह ही शव लेकर एंबुलेंस आगरा के लिए रवाना हुई। रविवार दोपहर 12.45 बजे एंबुलेंस चाणक्यपुरी स्थित निवास पर पहुंची। एंबुलेंस आने की बेटे की आवाज सुनते ही पत्नी अंजूलता दहाड़ मारते हुए एंबुलेंस की ओर चली आईं। पीछे-पीछे बेटी आदिरिका भी पापा, पापा चीखते हुए आ गई। बुजर्ग मां राज किशोरी लडख़ड़ाते कदम से चलने लगीं तो लोग सहारा देकर उन्हें एंबुलेंस तक लाए। बेटे का शव देखकर वे दहाड़ मार रोने लगीं। देखने वालों की आंखें भीग गई थीं। दिवंगत इंजीनियर के परिजन को संभालते लोग भी रो रहे थे। शव का पोस्टमार्टम कराना था, इसलिए कुछ देर बाद ही एंबुलेंस को पोस्टमार्टम गृह के लिए जाना था। जैसे-तैसे परिजन को एंबुलेंस से अलग किया और शव पोस्टमार्टम गृह के लिए ले जाया गया। पोस्टमार्टम गृह पर इंजीनियर अनिल श्रीवास्तव के भतीजे उत्कर्ष ने बताया कि चाचा की मृत्यु का कारण शिप कंपनी ने दिल का दौरा पडऩा बताया था। परिवार को हत्या का शक था। इसी कारण पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने बिसरा सुरक्षित किया है। उत्कर्ष ने बताया कि वो लोग कन्नौज में रहते हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए चाचा ने आगरा में मकान ले लिया था। 2006 में उनकी शादी हुई थी। करीब चार बजे पोस्टमार्टम के बाद शव फिर लाया गया। बुजुर्ग मां अपने बेटे को पुकार रही थीं। बार-बार माथा चूम रही थीं। पत्नी अंजूलता आखिरी बार अपने पति के दर्शन कर विलाप रही थीं। बेटी आदिरिका और बेटा अक्षत भी बिलख रहे थे। शाम को अंतिम संस्कार के लिए शवयात्रा रवाना हुई। विद्युत शवदाह गृह पर बेटा अक्षत ने मुखाग्नि दी। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने श्रद्धाजंलि अर्पित की।

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पति को बहुत प्रताडि़त किया चीन ने
अंजुलता ने चीन सरकार द्वारा पति को प्रताडि़त करने का आरोप लगाया। कह रही थीं कि कंपनी ने उन पर काम का बहुत दबाव बनाया था। वो परेशान थे। 12 जून की रात 9:30 बजे उन्हें मृत्यु की जानकारी कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा दी गई। इसके बाद उनका समय सिर्फ कागजी कार्रवाई में बीता। चीन से कई बार सूचना मिलती थी कि वहीं अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। मन विचलित हो जाता था। 25 दिन कैसे गुजरे, ये मैं ही जानती हूं। सवाल किया कि अगर शरीर को शंघाई से सीधा आगरा लाया जाता तो दो दिन पहले पति को देख लेतीं। पति के सामान लाने को चीन ने क्लियरेंस नहीं दिया है।
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ये रहा घटनाक्रम
इंजीनियर अनिल कुमार श्रीवास्तव एंग्लो ईस्टर्न शिप मैनेजमेंट कंपनी में मुख्य अभियंता थे। फरवरी माह में चीन के झेंगियान शहर गए थे। 12 जून को दिल का दौरा पडऩे से मृत्यु हो गई। कागजी कार्रवाई के नाम पर पार्थिव शरीर नहीं लाया जा पा रहा था। पत्नी अंजूलता ने एक्स पर प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एस जयशंकर से गुहार लगाई। केंद्रीय मंत्री प्रो एस पी ङ्क्षसह बघेल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से संपर्क किया। सरकार के हस्तक्षेप के बाद आवेदन प्रक्रिया तेज हुई। पांच जुलाई को पार्थिव शरीर शंघाई से विमान द्वारा इस्तांबुल भेजा गया। छह जुलाई को इस्तांबुल से दिल्ली और सात जुलाई को एंबुलेंस से आगरा लाया गया।

Posted By: Inextlive