Agra News:शहर में अवैध होटल का कारोबार, बेखर हुए जिम्मेदार
आगरा ( ब्यूरो)I शहर में 52 होटल मानकों को ताक पर रख चल रहे हैं। हर दिन इन होटलों में कमरों की बुकिंग होती है। हैरानी की बात ये है कि होटल में कौन आता है, कौन जाता है, इसका रिकॉर्ड किसी के पास नहीं हैं। पर्यटन विभाग, पुलिस या प्रशासन ने ये जानने की कोशिश भी नहीं की है। इन होटल्स की गतिविधियां भी संदिग्ध हैं। इसका खुलासा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने किया है। जिसमें माना है कि ताजनगरी में पचास से अधिक होटल अवैध संचालित हो रहे हैं।
सकरी गलियों में होटलों की भरमार
विश्व का आठवां अजूबा यानी ताजमहल हर कोई देखना चाहता है। इसलिए, हर दिन शहर में देशी-विदेशी पर्यटक हजारों की संख्या में आते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आंकडे देखें तो हर साल ताजमहल का दीदार करने के लिए 75 लाख सैलानी आते हैं। जिनमें से लाखों पर्यटक ऐसे होते हैं, जो आगरा में ताजमहल दीदार के साथ अन्य स्मारक देखते हैं और आगरा में ठहरते भी हैं। इसलिए, शहरभर में पंच सितारा होटल से लेकर सकरी गलियों में बजट होटलों की भरमार है।
शहर में बने 52 होटलों का नहीं रजिस्ट्रेशन
आगरा में 454 होटल वैध हैं। सुविधाओं का अभाव है। पर्यावरणविद डॉ। शरद गुप्ता बताते हैं कि, शहर का पर्यटन कारोबार ही तीन हजार करोड़ का आंका जाता है। ऐसे में कानून व्यवस्था को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग से आरटीआई के तहत सूचना मांगी। विभाग ने पांच सितंबर को सूचना में पहली बार स्वीकारा है कि आगरा में 52 होटल अवैध रूप से संचालित हैं। जिनका सराय एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं हैं। जबकि, 454 होटल वैध हैं। मगर, विभाग इन अवैध होटल के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
ये खड़े होते हैं सवाल
-पर्यटन विभाग अवैध होटल पर क्यों मेहरबान है?
-अवैध होटल पर कार्रवाई से क्यों अधिकारी बच रहे हैं?
-अवैध होटल पर अंकुश लगाने की पर्यटन, पुलिस, प्रशासन में आखिर किसकी जिम्मेदारी है?
घटना के बाद एक्टिव होता है विभाग
कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए अवैध होटल खतरा बने हैं। पर्यावरणविद डॉ। शरद गुप्ता का कहना है कि ताजनगरी एक टूरिस्ट सिटी है। हर दिन यहां पर देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं। जिनकी सुरक्षा बेहद जरूरी है।
होटल में रुक सकते हैं क्रिमिनल्स
इन अवैध होटल में असमाजिक तत्व, क्राइम और आतंकवादी आकर रुक सकते हैं। क्योंकि, इन होटल की मॉनीटरिंग नहीं होती है। ऐसे में शहर में संचालित ये अवैध होटल कानून व्यवस्था के लिए घातक हैं। इन होटलों में ठहरने वाले का विवरण भी किसी के पास नहीं होता है। जिम्मेदार विभाग और अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
शहर के अवैध होटल में कई बार वैश्यावृत्ति या अन्य गलत काम होते पकड़े गए हैं। अवैध होटल में गलत कार्य होते हैं। यहां पर नियमों का पालन नहीं किया जाता है। धड़ल्ले से उनके होटल में अवैध गतिविधियां होती हैं। सिकंदरा, ताजगंज, बिचपुरी, बोदला में पुलिस की छापेमारी में वैश्यावृत्ति का खुलासा कई बार हो चुका है। खराब हो रही शहर की छवि
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान बताते हैं कि पर्यटन विभाग ने आरटीआई में महज 52 होटल अवैध बताए हैं। जबकि, आगरा में 300 होटल अवैध हैं। जो समय-समय पर नए नाम से खुलते और बंद होते हैं। इस बारे में जिला प्रशासन और शासन ने तमाम शिकायतें की गईं हैं। मगर, कोई कार्रवाई नहीं होती है।
आगरा में 454 होटल
पर्यटन विभाग के अनुसार, जिले में 454 होटल हैं। इसमें से 52 होटल अवैध हैं, जो सराय एक्ट में पंजीकरण नहीं है.
इनका सराय एक्ट में नहीं हंै रजिस्ट्रेशन
-होटल बिग डैडी बसई फतेहाबाद रोड
-होटल गुलाब राज , धांधुपुरा
-होटल सी वन एंड रेस्टोरेंट ताजनगरी फेस 3 फतेहाबाद रोड
-होटल मार्क रायल नार्थ ईदगाह कॉलोनी
-होटल आरपी 74 बिजलीघर रोड बालूगंज
-दि विंटेज होटल एंड रेस्टोरेंट ताजनगरी फेस 1
-ओसाका ताज होटल प्रतापुरा
- उषा रेजीडेंसी सिकंदरा
- श्री माधव पैलेस पश्विमपुरी रोड
-द अगारा ग्रांड फतेहाबाद रोड
पर्यटन विभाग से आरटीआई के तहत अवैध होटलों की सूचना मांगी थी। पर्यटन विभाग ने पहली बार स्वीकार किया है कि आगरा में 52 होटल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, इनका सराय एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं हैं।
डॉ। शरद गुप्ता, पर्यावरणविद आरटीआई कार्यकर्ता
आगरा में तीन सौ से अधिक अवैध होटल शहर में हैं। सराय एक्ट में कोई होटल को किराए पर नहीं दे सकता है। मगर, आगरा में किराए पर होटल खूब चल रहे हैं। ऐसे होटल संचालकों को पुलिस सत्यापन तक नहीं करती है। अवैध होटल से छवि खराब होती हैं।
राकेश चौहान, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन