एक मजबूत पासवर्ड और उसे रोजाना बदलने की आदत आपको साइबर फ्राड से बचा सकती है. यह सलाह सोमवार को पुलिस लाइन सभागार में हुई साइबर वर्कशॉप में एक्सपर्ट ने शेयर की. वर्कशॉप में थाना प्रभारियों को मजबूत पासवर्ड रखने के साथ साइबर क्राइम से बचने के लिए बेसिक टिप्स शेयर किए. जिससे वे थाने पर आने वाले साइबर ठगी के फरियादियों को सही जानकारी दे सकें

आगरा। (ब्यूरो) एक मजबूत पासवर्ड और उसे रोजाना बदलने की आदत आपको साइबर फ्राड से बचा सकती है। यह सलाह सोमवार को पुलिस लाइन सभागार में हुई साइबर वर्कशॉप में एक्सपर्ट ने शेयर की। वर्कशॉप में थाना प्रभारियों को मजबूत पासवर्ड रखने के साथ साइबर क्राइम से बचने के लिए बेसिक टिप्स शेयर किए। जिससे वे थाने पर आने वाले साइबर ठगी के फरियादियों को सही जानकारी दे सकें, इसके साथ ही सही कानूनी कार्रवाई कर सकें।

स्मार्ट फोन में मजबूत पासवर्ड का यूज
साइबर एक्सपर्ट दीपक यादव ने वर्कशॉप में आए थाना प्रभारी और एसीपी को साइबर फ्रॉड से जुड़े बेसिक टिप्स शेयर किए। उन्होंने बताया कि पासवर्ड मजबूत होने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि अलग-अलग खातों में एक ही पासवर्ड का दोबारा उपयोग नहीं करना चाहिए। दो फैक्टर आईडेंटिफिकेशन का उपयोग करना भी बेहतर है। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा स्तर जोड़ता है।

कुछ फिशिंग ई-मेल्स से बचने की जरूरत
इसमें खाते की पहचान के लिए दो अलग-अलग तरीके का उपयोग किया जाता है। बताया कि कुछ फिशिंग ई-मेल्स से भी बचने की जरूरत है। अक्सर देखा जाता है कि कुछ ई-मेल्स भरोसा दिलाते हैं कि ये सब सही हैं, लेकिन वास्तव में यह साइबर क्रिमिनल्स की ओर से भेजे जाते हैं। इनका उद्देश्य आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराना होता है। इसलिए अनजान लिंक को शेयर करने से परहेज करें, साथ ही अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने से बचें।


थाना प्रभारियों को बताया बेसिक साइबर क्राइम
साइबर एक्सपर्ट दीपक यादव ने बताया कि साइबर क्राइम का मतलब कंप्यूटर, नेटवर्क या इंटरनेट का गलत उपयोग कर किसी को नुकसान पहुंचाना है। साइबर क्राइम में हैकिंग, फिशिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट, सोशल इंजीनियरिंग, डीडीओएस अटैक, बॉटनेट, साइबर स्टॉकिंग, साइबर टेररिज्म आदि शामिल हैं। पुलिस लाइन में वर्कशॉप के दौरान मौजूद रहे थाना प्रभारियों को बेसिक जानकारी शेयर की गईं।

पब्लिक नेटवर्क नहीं होता सुरक्षित
साइबर एक्पसर्ट दीपक यादव ने बताया कि कमजोर सिक्योरिटी स्टैंडर्ड और कमजोर जानकारी लोगों को साइबर क्राइम का शिकार बनाती है। वर्कशॉप में साइबर क्राइम से बचने के कई तरीके हैं। यह व्यक्तिगत और संगठनात्मक स्तर पर अपनाए जा सकते हैं। सभी डिजिटल उपकरणों और सॉफ्टवेयर को नवीनतम सुरक्षा पेंचों के साथ जोडऩा महत्वपूर्ण है। बताया कि पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करने से पहले सोचें। यह नेटवर्क अक्सर सुरक्षित नहीं होते हैं। इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी लीक होने का खतरा बना रहता है।


मजबूत पासवर्ड से अकाउंट की सुरक्षा
अपने सोशल मीडिया अकाउंट की सुरक्षा को बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। प्राइवेसी सेटिंग्स को सामान्य जनसामान्य से बचने के लिए निजी रखें। यह साइबर अपराधियों के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचने को कठिन बनाता है। वर्कशॉप के दौरान डिजिटल साक्ष्यों को एकत्रित करने और साइबर पड़ताल की महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगर आप स्ट्रांग पासवर्ड का यूज कर रहे हैं तो बहुत कम संभावना साइबर ठगी की रहती है।

कई अकाउंट एक पासवर्ड
कुछ लोग एक ही आईडी से तमाम अकाउंट चलाते हैं। जैसे मोबाइल, लैपटॉप, ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट, पेटीएम, गूगल पे, एटीएम पिन लगभग सभी का एक जैसा पासवर्ड। ये आपको खतरे में डाल सकता है। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो अलर्ट हो जाएं।

मिलते-जुलते नाम का पासवर्ड
कुछ लोग ऐसे पासवर्ड बनाते हैं जो आसानी से पता लगाए जा सकते हैं। जैसे- खुद का नाम, पार्टनर का नाम, बर्थ डेट, पेट्स का नाम, घर की सड़क का नाम। इन्हें कोई भी 6-7 बार ट्राई करके पता लगा सकता है।

पासवर्ड का गलत इस्तेमाल
ईमेल, एटीएम पिन, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का नंबर, यूपीआई आईडी याद रखने के लिए सभी कुछ एक ही जगह लिख लेते हैं। लेकिन पासवर्ड अगर किसी को मिल जाए, तो वो इसका गलत इस्तेमाल कर सकता है।

हैक हो सकता है पासवर्ड
कई बार ऐसा होता है कि आपके पासवर्ड की कमजोर कड़ी हैक हो गई। आईटी एडमिनिस्ट्रेटर को इसे समझते और ठीक करने में समय लगता है। उतने ही समय में पासवर्ड हैक हो सकता है।

स्मार्ट डिवाइस यूज से पहले जाने ये बातें
-इंटरनेट के जरिए पर्सनल जानकारी शेयर करने से परहेज करें.

-अपने मोबाइल पासवर्ड को किसी के साथ शेयर न करें.
-पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल सुरक्षित नहीं हैं।
-सोशल मीडिया अकाउंट्स पर हमेशा अपडेट रहें।
च्बच्चों के हाथ में कंट्रोल देने से पहले डिवाइस में चाइल्ड लॉक लगा दें.
-आपका मोबाइल अगर कोई और चलाता है तो बैकिंग ऐप पर स्ट्रॉन्ग पासवर्ड जरूर लगाएं.
-कोशिश करें अपनी जानकारी किसी और के साथ शेयर न करें।
-किसी भी अनजान लिंक, साइट या डॉक्यूमेंट को डाउनलोड न करें.
-11 नंबर से फोन आने या अनजान नंबर से कॉल आने पर न उठाने की सीख दें.

बॉक्स
साइबर क्राइम की कंप्लेन यहां करें।
साइबर क्राइम के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1930 है। इस पर आप कभी भी कॉल करके साइबर क्राइम की शिकायत कर सकते हैं।


साइबर सुरक्षा को लेकर पुलिस लाइन में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी थाना प्रभारियों को साइबर क्राइम के बेसिक टिप्स शेयर किए गए हैं। एक्सपर्ट के जरिए उनको साइबर सुरक्षा के बारे में बताया गया है जिससे वे थाने में आने वाले फरियादियों को गाइड कर सकें।
डॉ। सुकन्या शर्मा, एसीपी, वूमेन क्राइम, आगरा कमिश्नरेट

Posted By: Inextlive