Agra News: मैं भी डर गया था पर हिम्मत दिखाई
आगरा (ब्यूरो)। करीब तीन महने पहले की बात है। मैं आम दिनों की तरह अपने प्रोफेशन के चलते फील्ड में था। टू-व्हीलर चला रहा था, तभी व्हाट्सएप कॉल आया। मैंने पॉकेट में से मोबाइल निकालकर हेलमेट में लगा दिया। कॉल करने वाले ने कहा कि आपका बेटा रेप केस में पकड़ा गया है। मेरे तो पैरों के नीचे जमीन खिसक चुकी थी। मैं घबरा गया, लेकिन हिम्मत दिखाई। आखिर में साइबर ठगों को घुटने टेकने पड़े।
आपका बेटा कहां है?
सरस्वती नगर गढ़ी भदौरिया निवासी मुकेश सिंह फोटोग्राफर है। मुकेश ने बताया कि करीब तीन पहले शाम को करीब सात बजे वह कहीं जा रहे थे। तभी व्हाट्सएप पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने पूछा आयुष के पापा बोल रहे हैं। आपको बेटा कहां है। मैंने कहा कि वह कोचिंग गया है। कॉल करने वाला फिर बोला कि आपको कुछ मामूल है। आपका बेटा और चार दोस्त एक लड़की के रेप के आरोप में पकड़े गए हैं। सभी इस समय पुलिस चौकी पर हैं। बताओ क्या करना है। जेल भेज दें या इन्हें छुड़वाना है। मुकेश बताते हैं कि इतना सुनते ही वह घबरा गए। उन्हें कुछ समझ ही नहीं आया।
इंस्पेक्टर का लगा था पिक
मुकेश ने बताया कि व्हाट्सएप नंबर के प्रोफाइल पर यूनिफॉर्म में एक इंस्पेक्टर का फोटो लगा था। नाम भी लिखा था। मुकेश ने कॉल करने वाले से कहा कि बेटा किस चौकी या थाने में है बता दे, मैं वहीं आता हूं। लेकिन साइबर क्रिमिनल ने कहा कि आपको आने की जरूरत नहीं है। आप बेटे को छुड़वाना चाहते हैं तो कुछ देना होगा। मैंने पूछा कितना देना होगा, तो कहा कि 20 हजार रुपए देने होंगे। इस बात से मुकेश का माथा ठनक गया। उन्हें शक हो गया कि ये कोई जालसाज है। मुकेश मिलकर पैसे देने की बात कर रहे थे जबकि साइबर जालसाज उनसे ऑनलाइन पेमेंट करने की बोल रहा था। मुकेश ने किसी भी तरह के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से मना किया तो जालसाज उन्हें किसी परिचित के नंबर से पैसे ट्रांसफर कराने को कहने लगा।
कोचिंग में मिला बेटा
इस दौरान मुकेश ने बेटे की कोचिंग की ओर दौड़़ लगा दी। वह कारगिल स्थित बेटे आयुष की कोचिंग पहुंचे तो बेटा वहा मिला। उन्होंने बेटे को देखकर राहत की सांस ली। इसके बाद घर लौट आए और जालसाज के फोन आने का इंतजार करने लगे। इसबार कॉल आया, लेकिन सुनने की बारी साइबर क्रिमिनल की थी। मुकेश का धैर्य जवाब दे गया, उन्होंने साइबर जालसाज को खूब खरीखोटी सुनाईं। कुछ देर तक साइबर जालसाज ने अपनी बातों में फंसाने का प्रयास किया, लेकिन जब मुकेश भारी पड़े तो साइबर क्रिमिनल को घुटने टेकने पड़े।
मुकेश ने बताया कि अगर उस दिन उन्होंने हिम्मत नहीं दिखाई होती थी तो पता नहीं क्या होता? गनीमत रही कि फोन उनके पास आया, अगर घर पर आया होता तो हालात और पैनिक हो सकते थे। मुकेश ने कहा कि शिक्षिका की डिजिटल अरेस्ट से मौत होने की खबर सुनने के बाद स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि साइबर क्रिमिनल्स से घबराने की जरूरत नहीं है। कॉल आने पर टेंशन जरूर होती है, लेकिन उसी समय आप हिम्मत दिखाएं। तभी इन साइबर क्रिमिनल्स को शिकस्त दी जा सकती है।