केस एकट्रांस यमुना कॉलोनी के फेज-वन में ए ब्लॉक का सर्विस रोड. 90 प्रतिशत से अधिक आवासीय भवन अस्पताल शोरूम मार्केट में बदल गए हैं. पुराने भवन को तोड़कर नए-नए कमर्शियल निर्माण किए जा रहे हैं. केस दोट्रांस यमुना कॉलोनी के फेज-वन में ए ब्लॉक में मुख्य मार्ग पर बाजार विकसित हो चुका है. हर दूसरे-तीसरे घर में एक दुकान नजर आती है. केस तीनट्रांस यमुना कॉलोनी के फेज-2 में कमलेश गुप्ता चौक से अंदर की तरफ मार्ग जा रहा है. पूरा रास्ते पर दोनों ओर आवासीय भवनों में दुकानें व मार्केट बन गई हैं. ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें और ऊपर के फ्लोर पर घर बना रखे हैं. केस चारट्रांस यमुना कॉलोनी के फेज-2 में सर्विस रोड के हाल पर नजर डालें. एक छोर से दूसरे छोर तक सिर्फ अस्पताल ही नजर आते हैं. पूरा रोड व्यावसायिक निर्माणों से घिर गया है जिसमें पार्किंग का भी प्रॉपर इंतजाम नहीं है. सड़क पर वाहन खड़ा करने को मजबूर होना पड़ता है. आगरा. ब्यूरो जो प्लॉट घर बनाने के लिए दिए गए अब उनमें हॉस्पिटल और दुकानें खुल चुकी हैं. खुलेआम नियमों का उल्लंघन हो रहा है. ट्रांसयमुना कॉलोनी का कुछ ऐसा ही हाल है. इस कॉलोनी को उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की ओर से डेवलप किया गया है. लेकिन नियमों को ताक रख किए गए निर्माण से यहां अब अव्यवस्थाओं का अंबार है. सर्विस रोड पर बने अस्पतालों में कहीं पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. सर्विस रोड पर एंबुलेंस और तीमारदारों के वाहन खड़े होने से अक्सर जाम के हालात रहते हैं. यह स्थिति सर्विस रोड पर ही नहीं है. कॉलोनी के ब्लाकों में मुख्य मार्गों पर बाजार विकसित हो चुके हैं. क्षेत्रीय निवासी रोजाना जाम के झाम से जूझते हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को यह नजर नहीं आता.

डेवलप हो चुके हैं बाजार
ट्रांस यमुना कालोनी के फेज वन व टू को उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने डेवलप किया था। इसमें अधिकांश आवासीय भवन बनाए गए थे। अब यहां फेज-वन के ए, बी व सी ब्लॉक में मुख्य मार्गों पर स्थित आवासीय भवनों को तोड़कर बाजार डेवलप हो चुके हैं। सर्विस रोड से लगे मार्गों पर अस्पताल खुल गए हैं। अभी भी यहां आवासीय भवनों को तोड़कर मार्केट में तब्दील करने का काम लगातार जारी है। उप्र आवास एवं विकास परिषद के अधिकारियों व अभियंताओं ने इस ओर से आंखें मूंद रखी हैं। आवासीय भवनों में काम कराने पर इंजीनियर पहुंच जाते हैं, लेकिन ट्रांस यमुना कॉलोनी में आवासीय भवनों में बने अस्पताल, शोरूम, मार्केट उन्हें नजर नहीं आते हैं।

जाम से जूझना पड़ता है
क्षेत्र में दुकानदार फुटपाथ पर फड़ लगवा रहे हैं। वह रेहड़ी व फड़ लगाने वालों से प्रतिदिन के हिसाब से वसूली करते हैं। दुकानों व शोरूम के आगे फुटपाथ पर फड़ लगने और गाडिय़ां खड़ी करने से शाम के समय पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। लोगों को निकलने तक में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

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रोड पर हॉस्पिटल बना दिए गए हैं। पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। दिनभर जाम से जूझना पड़ता है। लेकिन संबंधित विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं देता।
अनुराग

समझ ही नहीं आता कि ट्रांसयमुना कॉलोनी रेसिडेंशियल है या फिर मार्केट। घरों में दुकान और हॉस्पिटल खुले हुए हैं। इस ओर कोई कार्रवाई नहीं होती।
भीमसेन

नियमों का उल्लंघन करते हुए रेसिडेंशियल भवन में चल रहीं कमर्शियल एक्टिविटी को लेकर नोटिस जारी किए गए हैं। लगातार कार्रवाई की जा रही है।
कर्नल (रिटायर्ड) जीएम खान, प्रवर्तन प्रभारी, आवास विकास परिषद

Posted By: Inextlive