आगरा ब्यूरो दिल्ली के राजिंदर नगर की घटना दिल दहला देने वाली थी. ऐसी घटना की पुर्नरावृत्ति न हो इसके लिए बेशक दिल्ली में 'सिस्टमÓ ने भागदौड़ शुरू की है किंतु आगरा में तो स्थिति आज भी जस की तस है. इतना बड़ा हादसा हुआ देश-विदेश में हलचल है किंतु आगरा में तो मानकों को ताक में रखकर चल रहे कोचिंग संचालकों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में सोमवार को कई ऐसे कोचिंग सेंटर मिले जो बेसमेंट में संचालित हो रहे थे फायर फाइटिंग सिस्टम तो किसी भी कोचिंग सेंटर में नहीं मिला. एक-दो में लगा भी था तो संचालित नहीं था. ऐसे में बहुत जरूरी है कि यहां भी बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर कोचिंग संस्थाओं द्वारा मानकों को अनुपालन सुनिश्चित कराने की व्यवस्था की जाए.

कोई इमरजेंसी एक्जिट नहीं
शहर में चलने वाली ज्यादातर कोचिंग संस्थाओं में न तो फीस को लेकर कोई नियम हैं और न ही क्वालिफाइड टीचर्स हैं। ज्यादातर कोचिंग संस्थानों में मेल-फीमेल के अलग-अलग टॉयलेट नहीं हैं। सोमवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम की पड़ताल में निकलकर आया कि ज्यादतर कोचिंग सेंटर्स में इमरजेंसी एक्जिट नहीं है। किसी इमरजेंसी में बड़े हादसे से बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता है।
12.00 बजे
भगवान टॉकीज
सिक्योरिटी का नहीं कोई इंतजाम
टीम को भगवान टॉकिज स्थित कोचिंग सेंटर में आग बुझाने के उपकरण नहीं मिले। भगवान टॉकीज क्रॉसिंग के आसपास तो बहुत ही बुरी स्थिति है। यहां न्यू आगरा थाने के समीप मार्केट में कोचिंग सेंटर्स चल रहे हैं, इनमें टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। कोचिंग के बाहर सिक्योरिटी का कोई भी इंतजाम नहीं है। अक्सर यहां छात्रों के बीच विवाद की घटनाएं सामने आती हैं। कई बार छात्रों के वाहन चोरी भी हुए हैं। कोचिंग सेंटर्स के बाहर अक्सर बड़ी संख्या में छात्र पान के खोखों या फिर चाय की दुकान पर खड़े देखे जा सकते हैं। पिछले दिनों थाना न्यू आगरा थानाक्षेत्र के कोचिंग सेंटर के दो छात्र गुटों में मारपीट का मामला सामने आया था।

12.30 बजे
लायर्स कॉलोनी
फॉयर फाइटिंग सिस्टम नहीं
लॉयर्स कॉलोनी के विद्या नगर में एक-दो नहीं सैकड़ों कोचिंग सेंटर्स का संचालन हो रहा है। कोचिंग सेंटर्स इतने कंजस्टेड हैं कि यहां किसी भी अनहोनी पर जान बचाना मुश्किल होगा। ढाई फीट के रास्ते से बैच छूटने के बाद सैकड़ों छात्र एकसाथ निकलते हैं। आग लगने पर यहां बचाव के कोई भी इंतजाम नहीं मिले। किसी भी कोचिंग में फायर सेफ्टी के लिए यंत्र नहीं लगे हैं। वहीं, इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग कई बार इन कोचिंग संचालकों को नोटिस दे चुका है, बावजूद इसके कोई सक्रियता नहीं है।

दोपहर एक बजे
खंदारी चौराहा
बेसमेंट में संचालित हो रही कोचिंग
खंदारी चौराहे के आसपास शहर में सबसे अधिक कोचिंग सेंटर्स हैं। देव नगर में रिहायशी इलाकों में कोचिंग खोले गए हैं, यहां सेफ्टी प्वाइंट से कोई उपकरण तक नहीं है। इतना ही नहीं कोचिंग संचालक कम रेंट के चक्कर में स्टूडेंट्स की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। हाईवे स्थित खंदारी से लेकर केंद्रीय हिंदी संस्थान तक नौ कोचिंग हैं। जिसमें से मेन चौराहे पर चार कोचिंग ऐसे हैं, जो बेसमेंट में चल रहे हैं। दीवानी गेट नंबर चार के पास बने कोचिंग सेंटर बेसमेंट में हैं, कार्रवाई के डर से सोमवार को इन कोचिंग्स ताले लगे मिले।

यहां सर्वाधिक कोचिंग संस्थान
शहर में खंदारी चौराहा, आजद नगर, मास्टर प्लान रोड, देव नगर, विद्या नगर, लायर्स कॉलोनी, भगवान टॉकिज क्रॉसिंग, सर्विस रोड, इंद्रपुरी, दयालबाग सौ फुटा रोड, सिविल लाइंस, बाग फरजाना, बालूगंज, प्रतापपुरा, नामनेर, अर्जुन नगर, टेढ़ी बगिया, रामबाग, दीवानी, एमजी रोड, सुरेश प्लाजा मार्केट, संजय प्लेस स्काई टॉवर, वजीरपुरा, पालीवाल पार्क, आजाद नगर खंदारी, बापू नगर खंदारी, कौशलपुर न्यू आगरा, ट्रंासपोर्ट नगर, रुनकता, लोहामंडी, जगदीशपुरा बोदला, मारुति स्टेट, शाहगंज, जयपुर हॉउस, मानस नगर, मदिया कटरा, मोती कटरा में गली, मोहल्लों व कॉलोनियों में मानकों को ताक पर रख रिहायशी इलाकों में कोचिंग सेंटर्स चल रहे हैं।
मेरे बेटे ने सिटी के एक कोचिंग में एडमिशन लिया तो पहले किसी और टीचर से मैथ्स पढ़वायी जाती थी, लेकिन अचानक से टीचर को ही बदल दिया गया। पूछने पर बताया गया कि उन्होंने जॉब छोड़ दी है। फीस वापसी का कोई प्रावधान नहीं है।
डौली शर्मा, पेरेंट्स
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नीट की तैयारी के लिए मैंने मेरी बेटी का कोचिंग में दाखिला दिलाया था। बेटी ने बताया कि वहां जीएस की पढ़ाई अच्छी नहीं होती थी। जब मैंने उसका एडमिशन कैंसिल कराने की बात कहकर फीस वापस मांगी तो काउंसलर ने फीस वापस करने से इंकार कर दिया। मजबूरन मुझे एक साल तक उसी कोचिंग में पढ़ाना पड़ा।
रीनू वर्मा, पेरेंट्स
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कोचिंग में एडमिशन लेते वक्त कहा गया था कि ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन क्लासेज का भी संचालन किया जाएगा। आज चार महीने बाद भी ऑनलाइन क्लास शुरू नहीं हो पाई। ऐसे में अगर कभी कोचिंग नहीं जा पाई तो काफी नुकसान होता है।
प्रियंका गौतम, पेरेंट्स

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टीम ने कोचिंग सेंटर्स का निरीक्षण किया था, देव नगर के एक कोचिंग में स्टॉफ का रजिस्टे्रशन नहीं था। निर्भय नगर में भी एक कोचिंग का रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। यहां फायर सेफ्टी उपकरण भी नहीं थे। इन कोचिंग्स को लगातार चिह्नित किया जा रहा है। कल से टीम इन कोचिंग का विजिट करेगी। बेसमेंट में चल रहीं कोचिंग्स को बंद कराया जाएगा।
प्रो। राजेश प्रकाश, क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी, मंडल आगरा

एक नजर
-जिले में रजिस्टर्ड कोचिंग सेंटर्स
250
-जिले मेें नॉन रजिस्टर्ड कोचिंग
1500 से अधिक
-बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटर
34

Posted By: Inextlive