Agra News विस्फोट से बेघर हुए परिवारों का पलायन, भूखे रहने को हुए मजबूर
आतिशबाजी के गोदाम में हुए विस्फोट से गोदाम के साथ ही आठ मकान जमींदोज हो गए। वहीं 40 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हादसे में दम तोडऩे वाली मीरा देवी का दो मंजिला मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया। पास में बना दूसरा मकान भी रहने लायक नहीं रह गया है। ऐसे में उनके बेटे अनिल और उनका परिवार वहां से पलायन कर डेढ़ सौ मीटर दूर अपने भाई पवन के घर में पहुंच गया है। गोदाम के पीछे रहने वाले राजेंद्र ङ्क्षसह और उनके दो बेटों ने थोड़ी दूर पर ही एडवोकेट प्रभुदयाल शर्मा के नवनिर्मित हाल में शरण ली है, जो नीचे सच् कच्चा है। उसी में बकरियां बांध ली हैं। उनके घर का सामान भी नष्ट हो गया है। जिससे महिलाएं खाना बनाकर च्ी बच्चों को नहीं खिला सकतीं। दोपहर तीन बजे वहां पहुंची तो उन्होंने बताया कि जब से घटना हुई है तब से प्रशासन ने खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं की है।
इसी तरह गोदाम के बगल में रहने वाले धर्मेंद्र और गौरव का परिवार भी गांव में ही रहने वाले अपने मौसा कच् कच्चे घर में शरण लिए हुए है, जो वर्षा में जगह-जगह से टपक रहा था। हादसे में घायल हुए राकेश उनके बेटे विष्णु, दीपू, बेटी संजना और लता का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। एक बेटी अंजलि ही सकुशल है, लेकिन घर में कोई न होने कारण उसे दीपू की ससुराल असुआ भेजा गया है। ग्रामीणों ने बताया मकान क्षतिग्रस्त होने से सहमे कई परिवारों ने मंगलवार की रात पंचायत सचिवालय में गुजारी। यहां प्रशासन ने उनके लिए गद्दे बिछवा दिए थे। ग्रामीणों ने बताया कि रहने की व्यवस्था तो जैसे तैसे कर ली है, लेकिन खाने का गंभीर संकट है। दोपहर दो बजे तहसील से कुछ लोग आए थे जो 10-10 किलो आटा देने की बात कह रहे थे, लेकिन हमारे पास खाना बनाने की कोई व्यवस्था नहीं तो आटा लेकर क्या करते? मंगलवार को शवों का अंतिम संस्कार होने के बाद प्रशासनिक अमला चला गया, फिर कोई लौट कर नहीं आया। -------चेयरमैन प्रतिनिधि ने पहुंचाया खाना:
शिकोहाबाद विधायक डॉ। मुकेश वर्मा को देने का प्रयास किया, लेकिन वह किसी बैठक में थे। इसके बाद रोटी बैंक के संस्थापक और शिकोहाबाद नगर पालिका चेयरमैन प्रतिनिधि राजीव गुप्ता को जानकारी दी तो उन्होंने रोटी बैंक से खाना बना कर भेजा। भूखे ग्रामीणोच् और बच्चों को बिठाकर खाना खिलाया। समाजसेवी का कहना है कि जब तक प्रशासन की ओर से व्यवस्था नहीं होगी, तब तक वह इस जिम्मेदारी को निभाएंगे। ------हमने पीडि़त परिवार के खाने-पीने की जिम्मेदारी पूर्ति निरीक्षक और लेखपाल को दी थी। इसके बाद भी यदि खाने की व्यवस्था नहीं हुई है तो हम पता करेंगे। ग्रामीणों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई होगी.-विकल्प, एसडीएम शिकोहाबाद