Agra News पायलट की सूझबूझ से गांव बघा को छूकर निकल गई ÓमौतÓ
आगरा (ब्यूरो )गांव बघा के लोगों ने सोमवार की शाम मौत को सिर के ऊपर से गुजरते देखा। आग का गोला बना विमान आबादी के ऊपर था। किसी भी पल विस्फोट हो सकता था। पूरे गांव की ङ्क्षजदगी खतरे में थी। तारीफ पायलट ङ्क्षवग कमांडर मनीष मिश्रा की, उन्होंने साहस और सूझबूझ से कार्य किया। मनीष जानते थे विमान आबादी वाले क्षेत्र में गिरा तो सैकड़ों जान जा सकती हैं। वे विमान को खाली खेतों की तरफ ले गए। फिर धीरे से 27 टन वजनी विमान को नीचे की तरफ लाए। वे जब आश्वस्त हो गए तब 304 मीटर (एक हजार फीट) की ऊंचाई पर पैराशूट की मदद से कूद गए। कई ग्रामीणों ने इसका वीडियो भी बना लिया और सोशल मीडिया पर इसे वायरल कर दिया।
सैकड़ों लोगों की बचाई जान
बघा गांव अकोला ब्लाक में आता है। इसकी आबादी दस हजार है। सोमवार शाम चार बजे के आसपास किसान उदय ङ्क्षसह, इंद्रजीत ङ्क्षसह, बृजेंद्र चाहर आदि खेतों में काम कर रहे थे। अचानक उन्होंने आसमान में विमान को अप्रत्याशित तरीके से गोल-गोल घूमते और तेज आवाज करते सुना। दुर्घटना की आशंका समझ ग्रामीणों ने इसका वीडियो बनना शुरू कर दिया। करीब 150 मीटर की ऊंचाई पर विमान ने कई चक्कर लगाए और किसान बहादुर ङ्क्षसह के खेत में आकर गिर गया। सेवानिवृत्त अधिकारी केजी ङ्क्षसह का कहना है कि पायलट ङ्क्षवग कमांडर मनीष मिश्रा के साहस को सलाम किया जाना चाहिए। एक भी जान नहीं गई। कम ऊंचाई में विमान से बाहर निकलना आसान नहीं होता है। कई बार पैराशूट खुलने में भी दिक्कत आती है। मनीष ने अपनी ङ्क्षजदगी की परवाह नहीं की। अगर मनीष अधिक ऊंचाई पर इजेक्शन सीट का प्रयोग करते तो निश्चित रूप से विमान गांव के आसपास गिरता। इससे सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थीं। इसके विपरीत मनीष विमान को नीचे लेकर आए। इससे विमान उसी जगह पर क्रैश हुआ जहां पर मनीष उसे क्रैश कराना चाहते थे।---- ग्रामीणों ने मनीष को दिया सहारा:बघा गांव से ढाई किमी की दूरी पर ङ्क्षवग कमांडर मनीष मिश्रा पैराशूट से भूमि पर उतरे। पैराशूट एक पेड़ के पास गिरा। मनीष को उठाने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। मनीष को सहारा दिया और उठा लिया। मनीष ने खुद की जानकारी दी। वायुसेना की टीम पहुंची और मनीष को लेकर गई। मनीष की सेहत की जांच की गई। चौबीस घंटे के लिए मनीष को निगरानी कक्ष में रखा जाएगा।