आगरा. ब्यूरो क्या आपके यहां रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है? सिस्टम है तो प्रॉपर वर्क कर रहा है या नहीं? कुछ ऐसे ही सवालों के साथ एडीए की टीम जल्द आपके घर दस्तक दे सकती है. एडीए की ओर से 300 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम का सर्वे कराया जाएगा. पिछले पांच वर्षों में एडीए से नक्शा पास कराने वाले सभी बड़े भवनों की प्रवर्तन टीम जांच करेगी. अगर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग नहीं मिलता है तो नक्शा कैंसिल करने तक की कार्रवाई हो सकती है.

लगाना जरूरी है रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
ग्राउंड वॉटर का जितना दोहन किया जा रहा है, उतना उसे रिचार्ज नहीं किया जा रहा है। वर्षा जल संचयन और भूगर्भ जल रिचार्ज को ध्यान में रखते हुए 300 वर्ग मीटर से बड़े प्रत्येक भवन में रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया गया है। एडीए से भवन का नक्शा स्वीकृत कराते समय रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम के बारे में भी अवगत कराना होता है। रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम नहीं लगाए जाने या संचालन की स्थिति में नहीं होने पर नक्शा कैंसिल किया जा सकता है। भवन निर्माण कराने वाले नक्शा पास कराने के बाद इस पर ध्यान नहीं देते हैं और एडीए के इंजीनियर इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं। इसके चलते वर्षा जल सहेजे जाने के बजाय नाली-नालों से होकर नदी में पहुंचकर बह जाता है।


एडीए द्वारा पिछले पांच वर्षों में 300 वर्ग मीटर से बड़े जिन भवनों के नक्शे स्वीकृत किए गए हैं, उनका सर्वे कराया जाएगा। सिस्टम नहीं लगाने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रोभात कुमार पाल, टीपी, एडीए


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बोर्ड बैठक में कमिश्नर ने दिए थे निर्देश
एडीए बोर्ड की 12 मार्च को हुई 142वीं बैठक में कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने पांच वर्षों में स्वीकृत किए गए भवनों के नक्शों में रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम का एक माह में वेरीफिकेशन करने के निर्देश दिए थे। एडीए बोर्ड की 11 जून को हुई 143वीं बैठक में एडीए ने 1220 नोटिस जारी करने का डाटा पेश किया था। 312 लोगों ने नोटिस का जवाब देते हुए रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगाने की जानकारी दी थी। कमिश्नर ने वेरीफिकेशन कराने और मानक पूरा नहीं करने वाले भवन स्वामियों के विरुद्ध एक माह में कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
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यमुना में जमा है पॉलिथिन व कतरन
यमुना की तलहटी में 10 से 15 फीट की गहराई तक पॉलिथिन, जूता निर्माण में प्रयुक्त होने वाले ङ्क्षसथेटिक मैटेरियल की कतरन जमा है, जिससे यमुना उथली हो चुकी है। यमुना में ग्राउंड वॉटर जल रिचार्ज नहीं हो पाता है। वर्षा का पानी बहकर चला जाता है, यहां रुकता नहीं है।

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तेजी से बदत्तर हो रहे हालात
हाल ही में सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड की ओर से ग्राउंड वॉटर असेस्मेंट को लेकर रिपोर्ट जारी की थी। इसमें आगरा की स्थिति बदत्तर बताई गई थी। शहर को ओवर एक्सप्लॉइटेड कैटेगिरी में बताया गया है। यानी जितना पानी अवेलेबल था उससे ज्यादा ग्राउंड वॉटर का यूज किया गया है। एक्सपट्र्स ने बताया कि ये अलार्मिंग सिचुएशन है। जबकि 2017 में शहर क्रिटिकल कैटेगिरी में था। हालात तेजी से बदत्तर हो रहे हैं। शहर में ग्राउंड वॉटर अब 65 से 70 मीटर के बाद ही मिलता है। कई एरियाज में ये आंकड़ा 100 मीटर के आसपास तक पहुंच जाता है।

क्या है इनका मतलब
सेफ: सेफ जोन वह है जहां ग्राउंड वॉटर की अवेलेबिलिटी का 50 परसेंट से कम पानी का यूज (जमीन से निकाला गया) है। एक एग्जामपल से इस तरह समझा जा सकता है कि अगर कहीं ग्राउंड वॉटर में 100 लीटर की अवेलिबिलिटी है, उसमें से 50 लीटर से कम पानी निकाला जाता है तो ये सेफ जोन है।

सेमी-क्रि टिकल: ये वह कैटेगिरी है जब अवेलेबल ग्राउंड वॉटर का 50 से 70 परसेंट पानी निकाला जाए। ये सेमी क्रिटिकल में आता है। इसे शुरूआती तौर पर चेतावनी माना जाता है। इस कैटेगिरी में सुधार के लिए 100 परसेंट ग्राउंड वॉटर के रिचार्ज की आवश्यकता होती है। यानी अगर कहीं अवेलेबिलिटी 100 लीटर है तो उसमें 100 लीटर पानी का रिचार्ज करने की ही आवश्यकता होगी।

क्रिटिकल: इसमें अवेलेबल वॉटर के दोहन का आंकड़ा 70 से 90 परसेंट तक पहुंच जाता है। क्रिटिकल जोन में एक्शन लेने की जरूरत होती है। जिससे हालत में सुधार लाया जा सके। इस कैटेगिरी से बाहर निकलने के लिए 150 परसेंट रिचार्ज की आवश्यकता होती है।

ओवर एक्सप्लॉइटेड: इसमें ग्राउंड वॉटर के यूज की डिमांड 100 परसेंट तक पहुंच जाती है या इसे भी क्रॉस कर जाती है। ये सबसे खराब कैटेगिरी है। इसमें 200 परसेंट ग्राउंड वॉटर रिचार्ज होना चाहिए। तभी स्थिति में सुधार हो सकता है।

क्या है वॉटर रिचार्ज?
जिस तहर जमीन से पानी निकाला जाता है, उसी तरह जमीन में पानी भी पहुंचता है, उसे ग्राउंड वॉटर रिचार्ज कहते हैं। ग्राउंड वॉटर रिचार्ज कई तरीके से होता है। इसमें रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, नहर, तालाब, बारिश, नदी आदि मुख्य भूमिका निभाते हैं।

वॉटर रिचार्ज के तरीके
- रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
- नहर
- तालाब
- बारिश
- नदी

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इस तरह देना होती है सिक्योरिटी फीस

एरिया फीस
300-500 स्क्वायर मीटर 2.25 लाख
500-1000 स्क्वायर मीटर 3 लाख
1000 स्क्वायर मीटर से अधिक 3.75 लाख

नोट:::एडीए से नक्शा पास कराने के दौरान ये रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सिक्योरिटी फीस डिपोजिट करनी होती है।


कौन सी छत कितना पानी समेटेगी
एरिया रिचार्ज हेतु अवेलेबल रेन वॉटर
100 80 हजार
200 1.6 लाख
300 2.4 लाख
500 4 लाख
1000 8 लाख

नोट:: एरिया स्क्वायर मीटर में व रेन वॉटर लीटर प्रतिवर्ष दिया गया है।

शहर में ग्राउंड वॉटर की स्थिति
हाईडोग्राफ स्टेशन प्री मॉनसून-22 पोस्ट मॉनसून-22 प्री मानसून-23 पोस्ट मॉनसून-23
बुराना प्री स्कूल 24.31 18 18.33
कंकारपुरा प्री स्कूल 9.10 8.45 9.25 7.73
तोरा प्री स्कूल 34.81 33.95 34.64 34.45
जिला उद्योग केंद्र नुनिहाई 11.76 11.56 12.35 10.66
पीडब्ल्यूडी कॉलोनी, करिअप्पा मार्ग 13.36 11.72 13.85 13.80
मुफीद ए आम इंटर कॉलेज, विजय नगर 14.16 14.34 13.06
सेंट कोलंबस पब्लिक स्कूल, कमला नगर 37.74 37.62
राजकीय नलकूप कॉलोनी 29.37 29.35
बीडी शर्मा इंटर कॉलेज, अमरपुरा 46 45.94 45.82
आगरा कॉलेज 25.09 23.91 23.92 22.98
डीएडी डिग्री कॉलेज कुंडौल 52.84 57.92 52.85 56.59

नोट::भूजल विभाग की ओर से लगाए गए मीटर के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों के ग्राउंड वाटर के आंकड़े मीटर में।

इस तरह रहता है साइकिल
प्री मानसून
मई-जून

पोस्ट मानसून
अक्टूबर-नवंबर


आगरा सिटी

प्री मॉनसून-2022
27.74

पोस्ट मॉनसून-2022
27.49

प्री मॉनसून-2023
27.46

पोस्ट मॉनसून-2023
26.27

Posted By: Inextlive