Agra News आरओबी का विरोध नहीं, वैकल्पिक मार्ग का करें इंतजाम
रुई की मंडी तरफ से होगा निर्माण
आगरा-बयाना रेल खंड में रुई की मंडी रेलवे फाटक है। डेढ़ दशक से फाटक पर आरओबी के निर्माण की मांग चल रही है। वर्ष 2016 में पहली बार आरओबी के निर्माण का प्रस्ताव तैयार हुआ था। उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन ने वर्ष 2019 में प्रस्ताव को मंजूरी दी। अगस्त 2021 में तत्कालीन मंत्री डॉ। जीएस धर्मेश ने भूमि पूजन किया। डिजाइन तय न हो पाने के कारण कार्य शुरू नहीं हुआ। वर्ष 2023 में डिजाइन में बदलाव किया गया। वर्ष 2024 में प्रस्ताव को उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन से मंजूरी मिली। तीन माह पूर्व टेंडर जारी किया गया। अब यह कार्य पीआरएल प्रोजेक्ट््स एंड इंफ्रास्क्ट्रक्चर लिमिटेड नई दिल्ली को मिल गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि रुई की मंडी फाटक की तरफ से निर्माण शुरू होगा। एक रोड रुई की मंडी से फाटक से होकर शाहगंज बाजार, दूसरी तरफ का रोड आगे जाकर अंडरपास में तब्दील होगा और नगला छऊआ फाटक से होते हुए ईदगाह की तरफ जाएगा। तीसरी रोड ईदगाह-बयाना-बांदीकुई रेल लाइन के ऊपर से होते हुए रुई की मंडी चौराहा के पास तक बनेगी। आरओबी रेलवे की भूमि पर बनेगा।
अंडरपास के निर्माण की मांग
उधर, बुधवार को शाहगंज क्षेत्रीय संघर्ष समिति की बैठक फाटक के पास हुई। इसमें वैकल्पिक मार्ग और अंडरपास के निर्माण की मांग उठाई गई। पदाधिकारियों ने कहा कि हर दिन बड़ी संख्या में लोग ट्रेन और फ्लाइट पकडऩे के लिए रुई की मंडी फाटक से होकर गुजरते हैं। अगर फाटक बंद होता है तो लोगों के सामने आवागमन का संकट खड़ा हो जाएगा। कई किमी का चक्कर लगाकर जाना पड़ेगा। पदाधिकारी कृष्ण कुमार, ओम प्रताप ङ्क्षसह, गौरव राजावत ने कहा कि आरओबी के निर्माण का विरोध नहीं किया जा रहा है। यह सराहनीय कार्य है। सिर्फ वैकल्पिक मार्ग और अंडरपास बनाया जाए। अंडरपास बनने से दो पहिया वाहन, लोङ्क्षडग टेंपो, ई-रिक्शा, आटो और रिक्शा आसानी से गुजर सकेंगे। इससे दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित नहीं होगा। संभव हो तो फाटक को चालू रखा जाए। भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाए। सुमित सतीजा, हेमंत भोजवानी ने कहा कि जगह-जगह साइनेज लगाए जाएं। इससे वाहन चालकों को जानकारी हो सकेगी। संजय अग्रवाल, विक्की बाबा, शुभम त्यागी, मोनू अग्रवाल, घनश्याम मुलानी, डॉ। बीएल गर्ग, मनमोहन सक्सेना, लाल चंद मोटवानी, सुरेश कुमार मौजूद रहे। --- यह हैं सुझाव : - रुई की मंडी रेलवे फाटक को बंद न किया जाए। - भारी वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया जाए।
- दो पहिया वाहन, ऑटो, ई-रिक्शा, रिक्शा, लोङ्क्षडग टेंपो के आवागमन के लिए अंडरपास बनाया जाए। - वैकल्पिक मार्ग का भी निर्माण किया जाए. ---- इन क्षेत्रों के लोगों को मिलेगी राहत रुई की मंडी, बाराहखंभा और नगला छऊआ फाटक पर आरओबी बनने से अर्जुननगर, अजीत नगर, ख्वासपुरा, रुई की मंडी, शाहगंज, नरीपुरा, धनौली, अभयपुरा, जगनेर रोड, ईदगाह सहित पांच लाख लोगों को राहत मिलेगी. ---- 10 से 15 मिनट तक बंद रहता है फाटक रुई की मंडी रेलवे फाटक व्यस्ततम रेल खंड में आता है। 15 से 20 मिनट के अंतराल में एक से दो ट्रेनें गुजरती हैं। इसके चलते 10 से 15 मिनट तक रेलवे फाटक बंद रहता है। क्षेत्रीय निवासी विकास गुप्ता ने बताया कि फाटक बंद होने से दोनों तरफ जाम लग जाता है। कई बार जाम खुलने में 25 से 35 मिनट तक का समय लगता है। इससे हर दिन लोगों को परेशान होना पड़ता है। सबसे अधिक जाम सुबह नौ से साढ़े दस बजे और शाम साढ़े चार से सात बजे तक लगता है। ----तीन बार बदली है डिजाइन
रुई की मंडी आरओबी का पहली बार प्रस्ताव 85 करोड़ रुपए से तैयार हुआ था। अब तक तीन बार इसकी डिजाइन में बदलाव हुआ है। पहले 125 करोड़ रुपए से आरओबी बन रहा था लेकिन, अब लागत 116.57 करोड़ ही लागत आएगी.---- रुई की मंडी, बाराहखंभा और नगला छऊआ रेलवे फाटक को जोड़कर 125 करोड़ रुपए से आरओबी तैयार होगा। 11 अगस्त को आरओबी का शिलान्यास होगा। संबंधित एजेंसी को वर्क आर्डर जारी हो गया है। दिसंबर 2025 तक आरओबी के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। प्रशस्ति श्रीवास्तव, मंडल वाणिज्य प्रबंधक, आगरा रेल मंडल