Agra News पैसे का शॉर्टकट तैयार कर रहा शहर में मौत के सौदागर
275 में से 39 सैंपल हुए फेल
पिछले वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक अलग अलग दवाओं के नमूने ड्रग विभाग की तरफ से लिए गए। इन सैंपल को जांच के लिए लखनऊ में सरकारी लैब में भेजा गया। रिपोर्ट में 39 सैंपल नकली पाए गए। नकली दवाओं में एंटीबायोटिक टैबलेट, दर्द निवारक टैबलेट, गैस के कैप्सूल , खांसी के सीरप आदि शामिल हैं। कई नामचीन कंपनियों के नाम से दवाएं बनाई जा रही हैं। दवा माफिया नामी गिरामी कंपनियों के नाम पर फर्जी दवा बनाकर मार्केट में सप्लाई कर देते हैं। लोग असली नकली में फर्क ही नहीं कर पाते हैं। ये सैंपल हुए फेलड्रग विभाग द्वारा जांच के लिए भेजे गए सैंपलों में से कुल 39 सैंपल फेल हो गए। इनमें 20 सैंपल एंटीबायोटिक टेबलेट, 5 गैस के कैप्सूल और 14 खांसी के सीरप के सैंपल शामिल थे। ये सभी जांच रिपोर्ट में जांच रिपोर्ट में फेल हुए। लैब रिपोर्ट आने के बाद ड्रग विभाग की ओर से फर्म मालिक सहित कंपनियों पर 12 मुकदमे दर्ज कराए गए। इसके साथ ही 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस को निरस्त किया गया। लोग इन्ही दवाओं को बीमार होने के बाद यूज करते हैं। दवा माफिया लोगों को दवा के नाम पर जहर दे रहे हैं।
काम सीखने के बहाने ट्रेनिंग ले रहे युवा कुछ साल पहले ही शहर का एक युवक मोतीमहल स्थित एक थोक की दवा पर काम करता था। कुछ दिनों बाद ही उसने 2014 में उसने एमएच फार्मा के नाम से कोतवाली के सामने मार्केट में दुकान खोली। कुछ ही सालों में मोहित ने हिमाचल प्रदेश में अपनी एक फैक्ट्री बनाई और नामी गिरामी कंपनियों की दवा वहां बनाने लगा। देखते देखते ही मोहित बंसल दवा माफिया बन गया और अपना नेटवर्क करीब एक दर्जन से अधिक राज्यों में फैला लिया। शहर के युवा अब पैसे का शॉर्टकट बनाने के लिए फव्वारा स्थित दुकानों पर काम सीखने जाते हैं। यहां काम करने वाले अधिकतर युवा कहीं न कहीं से नकली दवाओं के सिंडिकेट में शामिल होते हैं। कोविड के बाद बड़े गैंग आ चुके हैं नजर में -विक्की अरोड़ा गैंगयह गैंग पंजाब और हरियाणा में नशे में काम आने वाली टैबलेट, कैप्सूल और सीरप बेचता था। जुलाई 2021 में पंजाब पुलिस ने विक्की अरोड़ा और उसके गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पंजाब पुलिस ने इस गैंग को ''आगरा गैंगÓÓ का नाम दिया था। पंजाब में नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले गैंग से इनकी साठगांठ थी। आगरा गैंग ने फर्जी फर्मों के जरिए दवाओं का अवैध करोबार शुरू किया था। विक्की अरोड़ा गैंग तब से पुलिस के कई विभागों के रडार पर हैं।
पंकज गुप्ता गैंग इस गैंग का सरगना पंकज गुप्ता जयपुरिया गैंग का मुख्य रणनीतिकार था। प्रमोद जयपुरिया के जेल जाने के बाद यह गैंग तेजी से आगरा और यूपी से सटे राज्यों में नशीली दवाओं का अवैध करोबार कर रहा था। 2021 में चली कार्रवाई में पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने आगरा में इनके ठिकानों से पांच करोड़ से अधिक की नार्कोटिक्स दवाएं बरामद की थीं। सरदार गैंगलाल बंगला कानपुर निवासी सरदार हरप्रीत सिंह आगरा में पंकज गुप्ता गैंग के साथ मिलकर नशीली दवाओं का अवैध कारोबार करता था। पंकज गुप्ता गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सरदार गैंग के बारे में पुलिस को जानकारी मिली। नशीली दवाओं के डबल डोज तैयार करने में सरदार गैंग, पंकज गुप्ता गैंग की मदद करता था। इस सूखे नशे की सप्लाइ में सरदार गैंग के सदस्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों में करते थे। ये भी हैं माफिया
-कमला नगर के जितेंद्र अरोड़ा उर्फ विक्की और कपिल अरोड़ा
-आवास विकास कॉलोनी निवासी प्रदीप राजौरा और धीरज राजौरा
-कमला नगर का पंकज गुप्ता का गैंग
-राजन अग्रवाल
इरफान नासिर एंटी नारकोटिक्स प्रभारी -नशीली दवाओं का सिंडिकेट अब देहात क्षेत्रों में अधिक सक्रिय है यहां लोगों की कम जानकारी का फायदा ये माफिया उठाते हैं और नकली दवा सप्लाई करते हैं।
डॉ। मनीष पिछले दिनों ही एक डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने से हमारे परिचित की मौत हो गई थी, जबकि इंजेक्शन नामी कंपनी का था हो सकता है कुछ इसी तरह का हो।
भूपेंद्र वर्मा शहर में अब दवाएं पंजाब के लुधियाना और चंडीगढ़ से आती हैं। यहां लोग फं्रे चाइजी ले कर इन दवाओं की कुरियर के माध्यम से सप्लाई करते हैं।
डॉ। अनुपम
-2000 करोड़ से अधिक का है शहर में नकली दवा का कारोबार
-2021 में चलाया गया था बड़ा अभियान
-39 सैंपल फेल हुए इस साल मार्च तक
-45 दुकानों के लाइसेंस निरस्त हुए इस अविधि में