Agra News कॉलोनियां बनी फूड जोन, बिक फुटपाथ
कॉलोनियों में चल रहे फूड जोन
आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 7 और 9 में इन दिनों कमर्शियल एक्टिविटी लगातार बढ़ रही हैं। आए दिन नई दुकानें ओपन की जा रही हैं। यहां अधिकतर दुकानों फूड की हैं। वेज और नॉनवेज के साथ छोटे-मोटे कई रेस्टोरेंट हैं, जो आवास-विकास की रेसिडेंशिल कॉलोनी में खोले गए हैं। इसमें ईट मंडी से सेक्टर 9 से लेकर सेक्टर सात में अवैध रूप से कॉलोनियों में मकान के फ्रंट को तोड़कर दुकानों को बनाया गया है, अधिकतर स्थानीय लोगों ने अपनी दुकानों को रेंट पर दिया है। तो वहीं कई लोग सेल कर चुके हैं।
दुकानें के बाहर खड़े वाहन लगाते हैं जाम
अभी तक जाम की समस्या शहर के मुख्य मार्गों तक थी, एमजी रोड से लेकर लिंक रोड पर जाम रहता है, लेकिन अब आवास-विकास की कॉलोनियों में भी शाम ढलने के बाद जाम के हालात पैदा हो जाते हैं। सेक्टर सात में करकुंज से सेक्टर 9 की ओर जाने वाले रोड पर शाम को बाइक, साइकिल और कारों की लाइन लग जाती है, कारण दुकानों पर बनने वाला फूड आइटम हैं, कुछ दुकानों पर नेपाली युवक फास्टफु फूड को बनाते नजर आते हैं, जिसको खाने के लिए आसपास के लोग वहां जमा हो जाते हैं। कई बार चैाकी पर तैनात पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ता है। सेक्टर 9 के रहने वाले सोनू शाख्य ने बताया कि यहा युवाओं में आपसी मारपीट आम बात है।
केस एक
सेक्टर सात स्थित कॉलोनी में लोगों ने अपने घर की फ्रंट दीवार को तोड़कर अवैध रूप से दुकानों को बनाया है, ऐसे में उन दुकानों पर मिल्क डेरी, परचूनी की दुकानें है, वहीं इंटरनल रोड जो तीस से चालीस फीट की हैं, वहां रेस्टोरेंट और फूड जोन बने हैं, बुटीक, होमस्टे, पेनगेस्ट तो गेट बंद कॉलोनियों में हैं।
सेक्टर 9 स्थित दुकानें में प्रॉपर्टी डीलिंग के ऑफिस खोले गए हैं। सोशल मीडिया पर रिहायशी इलाकों में बनी दुकानों की बोली लगाई जा रही है, दस फ्रंट और दस लंबाई की एक दुकान की कीमत पच्चीस से तीस लाख रुपए है। कार्मशियल एक्टिविटी अधिक होने से यहां दुकानों की डिमांड अधिक हैं।
केस तीन
करकुंज चौराहे की तरफ जाने वाले मार्ग पर रेसिडेंशिल भवनों में तो व्यावसायिक निर्माण हुए ही हैं, कॉलोनी के अन्य रास्तों पर भी इसी तरह जाम के हालात रहते हैं। इससे आसपास के रहने वाले लोग त्रस्त हैं। कई बार विभाग में कंप्लेट की गई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली, नतीजा आपके सामने हैं।
सेक्टर-सात रोड पर बनी दुकानें, कॉम्प्लेक्स। लेकिन जिम्मेदार विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दुकानों पर आने वाले लोग सड़कों पर वाहन खड़ा कर देते हैं। इसके चलते रोड पर जाम के हालत बन जाते हैं।
सोनू शाक्य, आवास विकास