Agra news ताज पर घमासान, ओवैसी के बाद अखिलेश ने साधा निशाना
कलश में जंग लगने की आशंका
गुरुवार शाम अखिलेश यादव ने एक्स पर स्मारक के रखरखाव पर पोस्ट करते हुए कई ङ्क्षबदु उठाए। उन्होंने लिखा है कि मुख्य गुंबद पर लगे कलश की धातु में जंग लगने की आशंका है। मुख्य गुंबद में पानी टपक रहा है। पेड़ उगने का समाचार सुर्खियों में है। इन जैसे पेड़ों की जड़ें अगर विकसित हुईं तो ताजमहल में दरारें आ सकती हैं। ताजमहल का परिसर बंदरों के लिए अभ्यारण्य बन गया है। परिसर में जलभराव की समस्या है। पर्यटकों की परेशानी है कि वो ताजमहल निहारें या समस्याओं से निपटें। दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों के बीच देश की छवि वैश्विक स्तर पर धूमिल हो रही है। सवाल यह है कि ताजमहल के रखरखाव के लिए जो करोड़ों का फंड आता है, वो कहां जाता है। सरकार एक जीता-जागता सक्रिय उदाहरण होना चाहिए, कोई स्मारक भर नहीं।
ओवैसी ने यह की थी पोस्ट
12 सितंबर को की गई पोस्ट में असदउद्दीन ओवैसी ने लिखा था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ताजमहल से करोड़ों रुपए कमाता है, लेकिन भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीकों में से एक के साथ ऐसा व्यवहार करता है। मजेदार बात यह है कि वह तर्क देता है कि वक्फ स्मारकों को उसके अधीन कर देना चाहिए, ताकि वह उनका रखरखाव कर सके। यह 10वीं कक्षा की परीक्षा में फेल होने और पीएचडी के लिए आवेदन करने जैसा है।
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इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करनी है। ताजमहल की दीवार में उगा पौधा, सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने से पहले ही हटा दिया गया था।
-डॉ। राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद
जहांआरा और मच्छी भवन में पानी का रिसाव -विश्व धरोहर स्थल आगरा किला में हैं दोनों स्मारक
-पिछले सप्ताह ताजमहल में मकबरे में टपका था पानी आगरा: ताजमहल में मुख्य मकबरे और आगरा किला में बरामदे की छत से पानी टपकने के बाद अब जहांआरा भवन और मच्छी भवन में पानी का रिसाव हुआ है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किया जा रहा रखरखाव सवालों के घेरे में है।
ब्रिटिश काल में हुआ निर्माण
शहर में पिछले सप्ताह मंगलवार से गुरुवार तक निरंतर वर्षा हुई थी। अत्यधिक वर्षा की वजह से ताजमहल में मुख्य मकबरे में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रों वाले कक्ष में पानी टपका था। आगरा किला में हवा महल के सामने बने दालान की कडिय़ों व पत्थरों की छत में सीलन आ गई थी। यह छत ब्रिटिश काल में बनाई गई थी। शहर में मंगलवार व बुधवार को निरंतर वर्षा के बाद अब आगरा किला में जहांआरा भवन और मच्छी भवन में पानी टपका है। आगरा किला में खास महल की उत्तरी दिशा में स्थित जहांआरा भवन की संगमरमर की बनी सीङ्क्षलग पर पानी रिसने से निशान बन गए हैं। इसकी छत लकड़ी की बनी हुई है, उसके ऊपर पीतल की चादर लगी है। आशंका जताई जा रही है कि निरंतर वर्षा होने से लकड़ी की बनी छत तक पानी पहुंचा और वह अंदर तक पहुंच गया। दीवान-ए-खास और दीवान-ए-आम के मध्य बने मच्छी भवन की प्रथम मंजिल पर बने दालान के कार्नर में भी पानी टपका है, जिससे उसकी दीवार पर निशान बन गए हैं। मच्छी भवन की छत में दरारें होने से पानी का रिसाव होने की बात कही जा रही है। गुरुवार को अधीक्षण पुरातत्वविद डा। राजकुमार पटेल ने दोनों भवनों का निरीक्षण किया। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ। राजकुमार पटेल ने बताया कि निरंतर वर्षा होने पर स्मारकों में नमी अंदर तक पहुंच गई है। कुछ दिन तक सीलन खत्म होने का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद संरक्षण का काम होगा।