Police Recruitment Exam: आगरा में कैंडिडेट्स ने दी परीक्षा, मैनेजमेंट में पुलिस हुई पास
आगरा (ब्यूरो) लंबे इंतजार के बाद पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा शुक्रवार को हुई। पेपर लीक और साल्वर गिरोह की सेंधमारी की तमाम आशंकाओं को खत्म करते हुए पुलिस विभाग परीक्षा प्रबंधन में पास हुआ। पुलिस का तीन स्तरीय सुरक्षा चक्रव्यूह इतना सख्त था कि गड़बड़ी करने के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए। शहर में 27 केंद्रों पर आयोजित पुलिस भर्ती आरक्षी परीक्षा के पहले दिन आठ हजार 322 अभ्यर्थी शामिल नहीं हुए। आशंका जताई जा रही है कि इनमें बड़ी संख्या में वह अभ्यर्थी शामिल हैं, जो पुलिस के हाईटेक त्रिस्तरीय सुरक्षा चक्रव्यूह को भेद न पाने और पकड़े जाने के डर से आए ही नहीं। केंद्रों पर चेङ्क्षकग के दौरान महिलाओं के मंगलसूत्र, कंगन, कुंडल और युवकों के जूते-मोजे व बेल्ट तक उतरवा लिए गए थे। परीक्षा केंद्रों 840 सीसीटीवी लगाए हैं। पुलिस लाइन में बने कंट्रोल रूम से केंद्रों और कक्ष में परीक्षा देते अभ्यर्थियों पर नजर रखी गई।
की गई सघन चेकिंग
डीसीपी मुख्यालय सैयद अली अब्बास ने बताया पहली पाली में 11,760 की जगह 7,450 ने परीक्षा दी और 4,310 ने छोड़ दी। दूसरी पाली में 7,748 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। 4,012 अनुपस्थित रहे। कुल 15,198 ने अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। इतनी बड़ी संख्या में परीक्षा छोडऩे के कई कारण माने जा रहे हैं। पहला कारण दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन करने के बाद परीक्षा देने नहीं आना है, जबकि दूसरा कारण इस बार परीक्षा में सेंध लगाने वालों को पकडऩे के लिए पुलिस द्वारा की गई त्रिस्तरीय हाईटेक व्यवस्था रही। इस बार अभ्यर्थियों की केंद्र के मुख्य गेट से कक्ष के अंदर परीक्षा से पहले तक सघन चेङ्क्षकग की गई। महिलाओं के कंगन, मंगलसूत्र, कुंडल समेत अन्य आभूषणों नहीं ले जाने दिया गया। पुरुष अभ्यर्थियों को भी प्रतिबंधित वस्तुएं केंद्र के अंदर नहीं ले जाने दी गईं। परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) का प्रयोग किया।
आरोपित का फोटो बाद में आएगा--
हैङ्क्षडग-एआइ से पकड़ा गया दोबारा 12वीं कर नए नाम से परीक्षा देने वाला अभ्यर्थी --फोटो
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-आयु कम करने को नाम बदल दोबारा किया था इंटरमीडिएट
-आधार कार्ड में अपना और पिता का बदल दिया था नाम
आगरा: पुलिस भर्ती आरक्षी परीक्षा में शामिल होने के लिए सादाबाद हाथरस के विवेक उर्फ विमल कुमार ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) को चकमा नहीं दे सका। शाहगंज के साकेत विद्यापीठ इंटर कॉलेज केंद्र में पहली पाली में परीक्षा देने आया था। परीक्षा कक्ष में टैब से उसका फोटो लेकर एआइ की मदद से मिलान किया गया। चेहरे का मिलान होते ही उसके दोबारा नए नाम से हाई स्कूल, 12वीं और आधार कार्ड बनाने का राज खुल गया। वह वर्ष 2018 में हुई पुलिस भर्ती परीक्षा में विवेक के नाम से शामिल हुआ था।
गांव विधिपुरा सादाबाद के विवेक पुत्र विजय ङ्क्षसह को पुलिस ने पहली पाली की परीक्षा के बाद पकड़ा। बायोमेट्रिक और आंखों की रेटिना से वह पकड़ में आया। विवेक और विमल की बायोमेट्रिक और रेटिना एक थे। विवेक ने पुलिस को बताया उसकी वास्तविक जन्मतिथि पांच जुलाई, 1995 है। वर्ष 2011 में बिसावर सादाबाद से उसने एचपी इंटर कॉलेज से हाई स्कूल और वर्ष 2014 में रोशनलाल इंटर कॉलेज से 12वीं की थी। वर्ष 2018 में पुलिस भर्ती परीक्षा में असफल होने पर उसकी उम्र अधिक हो गई थी। भर्ती में शामिल होने के लिए उसने विमल कुमार पुत्र भूरी ङ्क्षसह के नाम से वर्ष 2018 में राया मथुरा के जेबीआइसी इंटर कॉलेज से दोबारा हाई स्कूल और इंटर किया। इसमें अपनी आयु पांच दिसंबर, 2001 दर्शाई। आधार कार्ड भी इसी नाम से बनवाया था।