आगरा: ब्यूरो बीते तीन दिनों से क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय आरएचईओ में भीड़भाड़ देखने को मिल रही है. तफ्तीश की तो पता चला कि ये आगरा के कोचिंग संचालक हैं जो अपने रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने के लिए आवेदन करने आए हैं. दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद बीते 3 दिनों में आगरा के आरएचईओ कार्यालय में 100 से अधिक ऐसे आवेदन आएं हैं जिसमें कोचिंग संचालक ने एक्सपायर हो चुके रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने के लिए आवेदन किया है. कई ऐसे आवेदन भी आए हैं जहां कोचिंग संचालन के लिए अनुमति मांगी है. बता दें कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद शहर में अवैध कोचिंग संचालकों के बीच खलबली है. मंगलवार को भी शहर के कई इलाकों में बेसमेंट में संचालित कोचिंग्स में ताला पड़ा रहा.

अवैध कोचिंग का है मकडज़ाल
आगरा में अवैध कोचिंग्स का मकडज़ाल है। शहर में खंदारी चैारहा, आजद नगर, मास्टर प्लान रोड, देव नगर, विद्या नगर, लायर्स कॉलोनी, भगवान टॉकिज, सॢवस रोड, इंद्रपुरी, दयालबाग सौ फुटा रोड, सिविल लाइंस, बाग फरजाना, बालूगंज, प्रतापपुरा, नामनेर, अर्जुन नगर, टेढ़ी बगिया, रामबाग, दीवानी, एमजी रोड, सुरेश प्लाजा मार्केट, संजय प्लेस स्काई टॉवर, बजीरपुरा, पालीवॉल पार्क, आजाद नगर खंदारी, बापू नगर खंदारी, कौशलपुर न्यू आगरा, ट्रंासपोर्ट नगर, रुनकता, लोहामंडी, जगदीशपुरा बोदला, मारुति स्टेट, शाहगंज, जयपुर हॉउस, मानस नगर, मदिया कटरा आदि इलाकों में कोचिंग्स का संचालन हो रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो आगरा में सिर्फ 250 कोचिंग्स ही रजिस्टर्ड हैं जबकि अवैध कोचिंग्स को मिलाकर यह संख्या 1500 के आसपास है। देखा जाए जो ज्यादातर कोचिंग्स अवैध हैं और इनका संचालन मानकों को दरकिनार करके किया जा रहा है।
इनसेट
कोचिंग हब बना शहर
कॉलेज हो या प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी सभी को एक अच्छे कोचिंग की तलाश हमेशा रहती है। ये कोचिंग्स स्टूडेंट्स को एग्जाम की तैयारी के लिए नोट्स, डाउट क्लियर, ट्रिक्स, और टेस्ट देते हैं। जिससे कि वह एग्जाम में अच्छे नंबर ला सकें। वे अच्छे नंबर ही हैं जिन्होंने कोचिंग्स को फलने-फूलने में बहुत मदद की है। आज के समय में किसी अच्छे संस्थान में एडमिशन लेना हो। पढ़ाई के लिए या फिर अच्छी नौकरी चाहिए हो, सभी के लिए अच्छे नंबर बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं। इसलिए आज हर जगह कोचिंग क्लासेज दिख ही जाती हैं। जहां बच्चों की भरमार होती है। जितनी अच्छी शिक्षा व्यवस्था होती है। उतने ही ज्यादा उस कोचिंग में बच्चे होते हैं। पेरेट्स की इच्छा और बच्चों को आगे बढ़ाने की ललक से कोचिंग सेंटर पनप रहे हैं।
जान जोखिम में डालकर पढ़ाई
शहर में खुले ऐसे कोचिंग सेंटर जो बेसमेंट में चल रहे हैं, स्टूडेंट्स जान जोखिम में डालकर यहां पढ़ाई करने आते हैं। संजय प्लेस में एक बिल्डिंग के बेसमेंट में आईएएस कोचिंग खुली है। जहां अक्सर पानी भर जाता है। स्टूडेंट्स का कहना है कि जिस दिन पानी भरा होता है, उस दिन स्टूडेंट्स की छुट्टी कर दी जाती है। वहीं, एक कान्वेंट स्कूल के सामने बने कोचिंग में एंट्री और एग्जिट के गेट एक ही हैं।
सीएम ने किया ट्वीट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे कोचिंग संस्थानों पर चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे लोग जो रिहायशी इलाकों में कोचिंग खोल लेते हैं। जिससे वह इलाका सार्वजनिक स्थल बन जाता है। कोचिंग संस्थानों के कारण वहां भीड़भाड़ बढ़ जाती है। वहां शोरगुल होता है। खासकर बेसमेंट मेें खुले कोचिंग्स सेंटर्स पर कार्रवाई होनी चाहिए।

क्या हैं रजिस्ट्रेशन के मानक
-कोचिंग खोलने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। सालाना 9 लाख से अधिक टर्नओवर पर ट्रेड लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
- कोचिंग सेटर चालू करने से पहले विषयों का चयन करना होता है। विषयों को पढ़ाने के लिए योग्यता संबंधी दस्तावेज जमा कराने होते हैं ।
- कोचिंग सेंटर ऐसे स्थान पर खोला जाए, जहां बस, ट्रेन एवं अन्य संसाधन आसानी से पहुंच सके। परिसर में आने-जाने का रास्ता अलग हो। बेसमेंट में कोचिंग का संचालन अवैध है।
- कोचिंग्स सेंटर्स में मानकों के अनुसार मेडिकल बॉक्स, फायर फाइटिंग सिस्टम लगा होना चाहिए। फायर विभाग से एनओसी आवश्यक है।
- कोचिंग का बुनियादी ढांचा पर्याप्त होना चाहिए। जिसमें अध्ययन सामग्री हो, बैठने की उचित व्यवस्था हो, पानी की व्यवस्था, बेंच, कुर्सी, टेबल, लाइट्स, पंखे और वाशरूम शामिल हैं।

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अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटर्स के लिए एक पत्र तैयार किया है, वहीं बुधवार से टीम ऐसे स्थानों पर मूवमेंट करेगी, जहां कोचिंग की संख्या अधिक है। खासकर बेसमेंट में संचालित कोचिंग को बंद कराया जाएगा।
डॉ। राजेश प्रकाश, क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी
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Posted By: Inextlive