Agra News खुद रहें सावधान, यही है डेंगू का समाधान
आगरा.(ब्यूरो )डेंगू का वैसे तो कोई इलाज नहीं है। डॉक्टर केवल लक्षणों के आधार पर इसका ट्रीटमेंट करते हैं। डेंगू का बुखार 7-10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। इस दौरान केवल सावधानी व लिक्विड डाइट मेनटेन करनी होती है। डॉक्टर्स के अनुसार, घर के अंदर साफ-सफाई रखने और थोड़ी सावधानी बरतने से डेंगू के डंक से बचा जा सकता है। घर में कहीं पानी जमा नहीं होगा तो डेंगू का लार्वा पनप ही नहीं सकेगा।
डेंगू से बचाव घर से ही होता है शुरू
सीएमओ आगरा डॉ। अरुण श्रीवास्तव के मुताबिक मुताबिक, डेंगू से बचाव के लिए लोगों को चाहिए कि घर के आसपास पानी जमा न होने दें। खासतौर पर घर के अंदर कहीं भी साफ पानी जमा न हो क्योंकि अगर चम्मच में भी पानी ठहर जाये तो डेंगू का लार्वा उसमें पनप सकता है
-पानी से भरे हुए बर्तन एवं टंकियों को कवर्ड रखें।
-हर सप्ताह कूलर के पानी को खाली करके साफ कपड़े से पोछ कर सूखा एवं साफ करने के बाद ही दोबारा प्रयोग में लाएं।
-पूरी बांह के कपड़े पहनें.
-बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें, मच्छर रोधी क्रीम लगाएं एवं मच्छरदानी का प्रयोग करें।
फूल व ऑयल भी बचाव में मददगार
अपने घर के बागीचे या आंगन में मच्छर भगाने वाले पौधे लगाना मच्छरों को दूर रखने का एक नेचुरल तरीका है। एक्सपट्र्स के अनुसार, कुछ पौधों में आवश्यक तेल होते हैं, जो मच्छरों को दूर रखने की क्षमता रखते हैं। इसलिए इन पौधों को घर के अंदर और बाहर लगा सकते है। इसमें, लैवेंडर, गेंदे का फूल, सिट्रोनेला घास, कैटमिंट, रोजमेरी, मिंट, लेमन थाइम जैसे पौधे शामिल हैं, जिन्हें मार्केट से आसानी से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा, कई नेचुरल ऑयल भी आते हैं, जिनको बॉडी पर लगाने से मच्छरों से बचाव हो सकता है।
7 से 10 दिन में पनपता है मच्छर
एक्सपट्र्स के अनुसार, एडीज मच्छर का जीवनचक्र चार चरणों-अंडा, लार्वा, प्यूपा और व्यस्क का होता है। अंडे से व्यस्क तक बनने में लगभग 7 से 10 दिन लगते हैं। मच्छर घर के भीतर और बाहर दोनों जगह जीवित रह सकते हंै और प्रजनन कर सकते हैं। एक मच्छर आमतौर पर करीब 100 अंडे देता है, जो आठ माह तक सूखने पर भी टिके रहते हैं। जैसे ही इन्हें पानी मिलता है, ये लार्वा में बदल जाते हैं इसलिए घरों में हर सप्ताह सफाई करनी चाहिए। कई बार ऐसी-ऐसी जगहों पर भी मच्छर पनपते हैं जहां लोगों की नजर तक नहीं जाती।
डेंगू से बचाव को करें उपाय
-वाटर टैंक व कंटेनरों को ढक कर रखें, घर के अंदर व आसपास पानी को जमा न होने दें।
-अनावश्यक कंटेनर, कबाड़, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दें।
-बर्ड बाथ, फूलदान आदि में प्रत्येक सप्ताह पानी बदलें।
-फ्रिज ट्रे में पानी न जमा होने दें।
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
-दिन के समय मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
-बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का उपयोग करें।
डॉ। अरुण श्रीवास्तव सीएमओ आगरा