अक्सर आप खाना लेने किसी रेस्ट्रोरेंट जाते हैं या फिर कुछ और लाते हैं. दुकानदार आपको गर्म सब्जी गर्म भाजी प्लास्टिक के काले डब्बे में पैक कर के देते हैं.

आगरा (ब्यूरो)। अक्सर आप खाना लेने किसी रेस्ट्रोरेंट जाते हैं या फिर कुछ और लाते हैं। दुकानदार आपको गर्म सब्जी, गर्म भाजी प्लास्टिक के काले डब्बे में पैक कर के देते हैं। उसको आप ले आते हैं। आप ऑनलाइन किसी भी प्लेटफार्म से खाना ऑर्डर करते हैं यहां से भी आपको गर्म खाना काले प्लास्टिक के डब्बे में मिलता है। पैकिंग के लिहाज से ये बॉक्स काफी अच्छे होता है। इनसे खाना भी बाहर नहीं निकलता और देखने में भी ठीक होते हैं। आप इन बॉक्स में खाना ले आते हैं या मंगा लेते हैं। इसके बाद बिना किसी चिंता के ये खाना खा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं। ऐसा करके आप जाने अनजाने में ही कई बीमारियों को दावत से रहे हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से ऐसा करना आपके और आपके परिवार के लिए हानिकारक हो सकता है।

खतरनाक साबित हो सकता है ब्लैक प्लास्टिक
आज कल चाऊमीन मोमोज या पाँव भाजी की भाजी आप मार्केट से कुछ भी लेने जाते हैं तो ये काले बॉक्स में पैक कर के दिया जाता है। खाने की चीजें पैक करने के लिए इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक बॉक्स प्लास्टिक रेजिन में कार्बन ब्लैक पिगमेंट को जोड़कर बनाया जाता है। यह पिगमेंट प्लास्टिक को काला रंग देने का काम करता है। ऐसे में जब हम इस कंटेनर में गर्म खाना आदि खाते हैं, तो इसमें मौजूद केमिकल्स के कुछ कण हमारे खाने में मिल जाते हैं। ये केमिकल खाने के साथ हमारी बॉडी में चला जाता है। जो हमें नुकसान पहुंचाता है। अगर इस प्लास्टिक बॉक्स में ज्यादा गर्म खाना रखा जाए, या फिर माइक्रोवेव में इसमें खाना रखकर गर्म किया जाए, तो इससे कैंसर होने का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा भी कई अन्य बीमारियां इससे हो सकती हैं।

इस तरह असर करते हैं केमिकल
प्लास्टिक में केमिकल पहले से मौजूद नहीं होते। बल्कि जब गर्म खाना इसमें पैक किया जाता है। तब जहरीला केमिकल बनने की शुरुआत होती है। मतलब खाना जितना गर्म होगा। सेहत को उतना ही नुकसान पहुंचाएगा। क्योंकि जब खाना गर्म होता है। तो प्लास्टिक में मौजूद बीपीए और फेथलेट जैसे केमिकल भोजन में जाकर मिल सकते हैं। इससे एंडोक्राइन डिस्ट्रक्टिंग नाम का जहर बनता है। जो हर लिहाज से हमारी सेहत के लिए खतरा है।

ये भी हो सकती है परेशानी
प्लास्टिक कंटेनरों को गर्म करके खाने से बीपीए लेवल बढ़ जाता है। इससे हृदय रोग डायबिटीज, ब्रेस्ट कैंसर, एलर्जी , मूड स्विंग, चिंता व तनाव हो सकता है। नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार बीपीए आपके माइटोकॉन्ड्रिया को नुकसान पहुंचाकर शरीर में तनाव पैदा करता है। जिससे सूजन के साथ भूख बढ़ती है। और वजन को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।

कैंसर का बढ़ रहा है खतरा

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की एक रिसर्च के मुताबिक ब्लैक प्लास्टिक में कार्बन ब्लैक पिगमेंट की मौजूदगी इसे सेहत के लिए हानिकारक बनाती है। कार्बन ब्लैक प्लास्टिक में पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन मौजूद होते हैं। जिससे कैंसर होने का खतरा रहता है। यही नहीं इसकी वजह से रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम भी हो सकती है। केमिकल के शरीर में पहुंचने पर सबसे ज्यादा पेट, इसके बाद हार्मोन का स्राव करने वाले सिस्टम पर पड़ रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज की कैंसर रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ। सुरभि गुप्ता ने बताया कि गर्म खाना ब्लैक प्लास्टिक में पैक करने पर कैंसर कारक केमिकल खाने में मिल जाते हैं। इसके चलते पिछले कुछ समय में पेट के कैंसर सहित अन्य मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

Posted By: Inextlive