Agra News सीवर लाइन पर फूटा गुस्सा डेथ सर्टिफिकेट पर छलका दर्द
आगरा ब्यूरो वेस्टर्न जोन में सीवर लाइन डालने के नाम पर 249 करोड़ रुपए का बंदरबाट हुआ है। आठ से अधिक पार्षदों ने गुणवत्ताहीन और अधूरा कार्य करने पर जमकर हंगामा किया। कार्यदायी संस्था मनीषा, ईएमएस और जल निगम के अधिशासी अभियंता स्वतंत्र ङ्क्षसह पर बड़ा खेल करने के आरोप लगाते हुए अर्थदंड लगाने की मांग की है। कार्य की जांच करा जिम्मेदारों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की भी मांग की गई। इसके साथ ही बर्थ डेथ सर्टिफिकेट में छह महीने से अधिक का समय लगने, वर्षा के दौरान शहर में हुए जलभराव, नुकसान, गहरे गड्ढों में रोज लोगों के चोटिल होने की समस्या पर अधिकारियों और जिम्मेदारों को पार्षदों द्वारा घेरा गया। विपक्ष ने कई बार हंगामा किया तो कुछ देर धरना भी चला। रह गए प्रस्तावों पर अगली तिथि पर चर्चा करने की कहते हुए मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने शाम छह बजे सदन स्थगित कर दिया गया। सीवर लाइन घोटाला और जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र में देरी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक विषय पहुंचाने का निर्णय लिया गया। साथ ही कंपनी और जल निगम के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत की जाएगी।
आग लगाने की धमकी दी
नगर निगम सदन की शुरुआत ही विपक्ष के हंगामे के साथ हुई। कब्रिस्तान में सबमर्सिबल नहीं लगाने के मामले में सपा पार्षद जरीना बेगम ने बोलने नहीं देने पर आग लगाने की धमकी दे दी, जिसके बाद विपक्ष के पार्षद हंगामा करते हुए डायस तक पहुंच गए। 10 से 15 मिनट धरना भी चला, लेकिन उसके बाद फिर कार्रवाई शुरू हो गई। मेयर ने जरीना बेगम को कार्रवाई की चेतावनी भी दी। वहीं पार्षद रवि माथुर एवं राकेश जैन ने कहा कि अमृत योजना के तहत वेस्टर्न जोन में जो सीवर लाइन डाली गई हैं वह पूरी तरह फेल है। कुल 313 किलोमीटर सीवर लाइन में 249 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। वर्षा में सीवर लाइन चोक होने से पूर क्षेत्र में जलभराव हुआ। जगह-जगह लाइन बैठ गई। घरों में भी दूषित पानी घुसा। ऐसे घरों की संख्या भी अधिक हैं, जिनके कनेक्शन ही नहीं हुए हैं।
सड़कों को खोदा जा रहा
पार्षद कप्तान ङ्क्षसह ने कहा कि सड़कों को क्षति पहुंची और कार्य भी अधूरा पड़ा है। इस पर मेयर ने कहा कंपनी और जल निगम के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी। वहीं पार्षद रवि माथुर ने कहा कि डेढ़ से छह माह में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहे हैं। एसडीएम द्वारा आवेदकों को बुलाया जा रहा है और तारीख पर तारीख दी जा रही है। ऐसे में बड़ी मुश्किल आ रही है। शासन से अगर नियम में जटिलता आ रही है तो एक बार पत्राचार किया जाना चाहिए। एक पार्षद ने तो अपने परिजन का सर्टिफिकेट तक नहीं बनने पर सदन में मुद्दा उठाया। इस पर मेयर ने सहमति जताई। पार्षद भरत शर्मा ने कहा कि प्रमाण पत्र के लिए लोग भटक रहे और सुविधा शुल्क की भी मांग की जाती है। वहीं सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने और सफाई कर्मियों की मुश्किल को घटाने के लिए हर वार्ड में 10-10 सफाई मित्र रखे जाने का प्रस्ताव पास हुआ। दीपावली से पहले हर वार्ड को रोशन किया जाएगा और पार्षदों को 30-30 लाइटें मिलेंगी।
अटल चौक बदहाली का शिकार
पार्षद राकेश कन्नौजिया ने कहा कि अटल चौक दुर्दशा का शिकार हो रहा है। कैंट रेलवे स्टेशन के निकट वेंङ्क्षडग जोन लंबित है, जिससे पर्यटकों के सामने छवि धूमिल होती है। वर्षा में हुए जलभराव से पूरा शहर जलमग्न हो गया था। घरों और दुकानों में पानी घुसा और लाखों का नुकसान हुआ। पार्षद शरद चौहान का कहना था कि एनएचएआई द्वारा नालों की सफाई सही से नहीं कराने के कारण खंदारी के निकट बाइपास से लगी कालोनियों में जलभराव हुआ। लोगों को मुश्किल हुई, इसके लिए एनएचएआइ को नोटिस जाना चाहिए। गंगाजल नहीं आने से शहर बंद-बूंद पानी को तरसा था। जलसंकट के समाधान की मांग के लिए पार्षद अमित पटेल, रवि कुमार ने मांग उठाई। वहीं विभिन्न क्षेत्रों के नाम बदलने, महापुरुषों के नाम की मूर्ति लगाने, गेट बनवाने के प्रस्तावों को रोक उनके लिए समिति का गठन कर सहमति दी जाएगी।
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टोरेंट, एयरटेल ने खोद डालीं सड़कें
पार्षद बंटी माहौर ने कहा कि टोरेंट और एयरटेल कंपनी ने पूरा शहर खोदकर डाल दिया है। जहां निर्माण करा दिया गया है वह भी गुणवत्ताहीन है। ऐसे में रोज हादसे की आशंका रहती है। वहीं शहर में भी जगह-जगह गड्ढों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं।
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महापुरुषों की प्रतिमा रोशन हो
महापुरुषों की प्रतिमा अंधेरे में हैं। खराब लाइट सही कराई जाएं। जहां नहीं हैं वहां लगवाई जाए। इस पर मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने कहा कि 10 दिन में सभी महापुरुषों की प्रतिमा चिह्नित कर उनको रोशन किया जाए। इसकी रिपोर्ट भी दी जाए।
ईईएसएल कंपनी की कार्यशैली पर भी सवाल
निगम के सदन के दौरान पार्षदों ने बिजली कंपनी ईईएसएल पर भी निशाना साधा। पार्षदों का कहना था कि कंपनी के कर्मचारी सुनते नहीं है। न ही कोई सामान लेकर क्षेत्र में पहुंचते हैं। वायर से लेकर अन्य सामान खरीदकर देना पड़ता है।
- किसी स्थान का नाम रखना हो या फिर कोई प्रतिमा लगानी हो, इसके लिए कमेटी बनाई जाएगी, जो इन मुद्दों पर निर्णय लेगी।
- जनकपुरी आयोजन में पास नहीं मिलने पर पार्षदों ने कड़ा विरोध जताया
- शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का स्टैच्यू लगाने की मांग
- नगला पदी का नाम बदलने की मांग
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