एक मच्छर 12 विभागों को हरा देता है या यूं कहें कि एक मच्छर से 12 सरकारी महकमे मिल कर जंग लड़ते हैं लेकिन ये 12 विभाग भी मिल कर इस को नहीं हरा पाते हैं. ये मच्छर जान लेवा बन जाता है और डेंगू के रूप में पैर पसार लेता है. ये शहर इस मच्छर के प्रकोप को साल 2021 में झेल चुका है. जब यहां डेंगू बुखार ने अपना रौद्र रूप दिखाया था. उस साल लगभग 150 लोगों की डेथ इस बुखार की वजह से हुई थीं. इसीलिए इस मच्छर को पनपने से रोकने के लिए हर साल शहर में एक दर्जन विभाग तैयारियां करते हैं. लेकिन ये उन विभागों को हराते हुए पनपने लगता है. शहर में एक डेंगू मरीज मिल भी चुका है इसलिए अब इस शहर के वाशिंदों को इस एक मच्छर से डर लगने लगा है. मादा एडीज फैलाता है डेंगू का संक्रमण एक मच्छर कई लोगों की जान ले सकता है. अगर ये बात कही जाए तो मजाक सी लगती है लेकिन यही सच है. अगस्त से लेकर अक्टूबर तक लोग इस एक मच्छर के खौफ में रहते हैं. दरअसल बरसात के दिनों में जगह जगह पानी भर जाता है. ये मच्छर अक्सर साफ़ पानी में ही पनपते हैं. आमतौर पर ये मच्छर घरों में इक_े पानी में ही पनपते हैं. दअसल इन दिनों तापमान 30 से 40 डिग्री के बीच रहता है. रात में तापमान में आद्रता यानी कि नमी रहती है. यही मौसम इनके पनपने के लिए सबसे अनुकूल होता है. इसीलिए इस मौसम में डेंगू का खतरा बढ़ जाता है. आगरा. ब्यूरो देश भर में मानसून का सीजन चल रहा है नॉर्थ इंडिया से लेकर साऊथ इंडिया तक जमकर बरसात भी हो रही है. आमतौर पर बरसात के दिनों में संचारी रोगों का खतरा बढ़ जाता है. इस सीजन में लोग कई बीमारियों से घिरे रहते हैं. इसके अलावा मलेरिया और वायरल फीवर से भी इस समय लोग परेशान रहते हैं. लेकिन सबसे अधिक किसी चीज से लोगों में डर रहता है. वो है डेंगू बरसात के दिनों में जगह जगह पानी इक_ा हो जाता है. इसमें लार्वा बन जाते हैं. जो मच्छर बन जाते हैं और डेंगू की वजह बनते हैं. खास बात ये है कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है.

कोविड की सेकेंड वेब में बाद डेंगू ने मचाई थी तबाही

साल 2121 में कोरोना की दूसरी वेब से लोग ठीक से उबर भी नहीं पाए थे, कि शहर में डेंगू ने अपने पैर पसार लिए। डेंगू ने आगरा में इस कदर सितम ढाया था कि शहर में 150 से अधिक मौतें डेंगू की वजह से हुई। आलम यह रहा कि इस दौरान शहर में ग्लूकोज यानी आइफ्लूड की बोतलें भी कम पडऩे लगी और लोग इनको प्राइज से अधिक दाम पर खरीदने को मजबूर हो गए। अंचल से लेकर शहर तक अस्पतालों में मरीजों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थी। इस बार भी बारिश में ऐसा न हो इसके लिए दर्जन भर विभाग इसके लिए काम कर रहे हैं ताकि डेंगू से बचा जा सके।

कैसे फैलता है डेंगू

डेंगू अक्सर संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। ये एक बहुत ही खास प्रकार का मच्छर होता है। डेंगू संचारी रोग है। जब कोई एडीज फीमेल मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है। तो उस के खून में वायरस पहुंचा देता है। इसके बाद व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। और इसके काटने के तीन से चार दिनों के बाद संक्रमित व्यक्ति को बुखार आता है। ये बुखार आमतौर पर तीन प्रकार का होता है। इस बुखार में बीमार व्यक्ति को खड़े होने और चलने में भी कमजोरी महसूस होती है। डेंगू बुखार अक्सर जानलेवा भी हो सकता है।

ये 12 विभाग हर साल डेंगू से लड़ते हैं जंग

- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग

विभाग बुखार और अन्य वेक्टर जनित रोगों से रोकथाम और नियंत्रण करने का काम मुख्य रूप से करता है। जिले में एक्टिव केस की मानीटरिंग करते हैं और इनकी देखरेख भी करते हैं। डेंगू के केस मलेरिया के केस आदि की मॉनिटरिंग करते हैं और डेंगू से संबंधित क्रियाकलापों की मॉनिटरिंग करना विभाग का मुख्य काम होता है।

-नगर विकास विभाग

-पानी के द्वारा फैलने वाली बीमारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करना
-खुली नालियों को ढकने का काम करना
-नगर क्षेत्र में स्वास्थ्य और साफ़ सफाई के लिए जागरूक करना
-सड़कों पर जलभराव न हो। इसके लिए संबंधित की जिम्मेदारी तय करना
-सड़क किनारे उगी हुई झाडिय़ों को हटाना
-संवेदनशील क्षेत्रों को ओडीएफ बनाना

-पंचायती राज विभाग

अवेयरनेस अभियान चला कर पीने के शुद्ध पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना। इसके अलावा दिमागी बुखार और अन्य वेक्टर जनित रोगों के लिए अंचल क्षेत्रों के लोगों को अवेयरनेस के माध्यम से जागरूक करना। तालाबों और नालियों की सफाई सुनिश्चित करना विभाग का काम होता है जिससे डेंगू के मच्छर नहीं पनपें।

-पशुपालन विभाग

पशुओं के यूरिन से फैलने वाली बीमारियों वाला लेप्टोस्पाइरोसिस पिछले कुछ समय से अधिक हो रहा है। इसको रोकने में पशुपालन विभाग की भूमिका बढ़ जाती है। इसलिए विभाग का काम इन बीमारियों को रोकने के लिए पशुपालकों को जागरूक करने का अभियान इस विभाग के द्वारा चलाया जाता है।

-बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग
आंगनबाड़ी वर्कर्स के द्वारा इन वेक्टर जनित रोगों के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। जिससे ऐसी किसी भी स्थिति में इन पर लगाम लगाई जा सके। इसके अलावा एनएम के सहयोग से डेंगू के लिए अभियान चला कर पंचायत स्तर तक के लोगों को जागरूक करना विभाग का काम होता है।

-शिक्षा विभाग
टीचर्स के द्वारा बच्चों के पेरेंट्स को वेक्टर जनित रोगों के लिए जागरूक करना और हाथ धोने के लिए लोगों को अवेयर करना। साथ ही अलग अलग समय पर बच्चों को इसके लिए जागरूक करना शिक्षा विभाग का काम होता है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग
-शिक्षा संस्थाओं में दिमागी बुखार और सामान्य बुखार वाले अधिक से अधिक लोगों की जाँच कराना और सभी इंस्टीट्यूट के एनएम और स्टाफ को ट्रेनिंग देना विभाग का काम होता है।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग

जिला स्तर पर डिस्ट्रिक डिसेबिलिटी रिहेबली टेशन सेंटर की मॉनिटरिंग करना ताकि दिव्यांग बच्चों को पढ़ाया जा सके। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों के लिए उचित उपकरण मुहैया कराना विभाग का काम होता है।

कृषि एवं सिंचाई विभाग
जमे हुए पानी में मच्छरों का प्रजनन न हो। इसके लिए विभाग की जिम्मेदारी होती है। इसके अलावा नहरों और तालाबों में उगी झाडिय़ों को हटाया जाना विभाग का काम होता है।

सूचना विभाग

-सभी लेवल पर अलग अलग विभागों से कोर्डिनेट करके जनपद में इनके लिए प्रचार प्रसार सूचना विभाग के द्वारा कराया जाता है।

-उद्यान विभाग

-सार्वजनिक पार्कों और जनपद के स्कूलों में ऐसे पेड़ लगाना जिससे मच्छर न हों विभाग की जिम्मेदारी होती है

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग

-खुले में रखे हुए पदार्थों की बिक्री न हो जिससे नुकसान हो। या फिर बेकार सड़े हुए गन्ने इत्यादि से जूस न बनाया जाए। जो बुखार के समय लोगों को प्रभावित करे। ये तय करना विभाग का काम होता है।

पिछले 10 सालों में डेंगू के केसों की संख्या

2024- 1
2023- 173
2022- 33
2021- 1161
2020- 32
2019- 43
2018- 37
2017- 21
2016- 32
2015- 47



Posted By: Inextlive