आगरा. वर्दी की चाहत में उम्र कम कराके पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा देने आए थे. दो जन्मतिथि और दो आधार कार्ड होने पर बायोमेट्रिक मिलान के दौरान एआई ने उनका फर्जीवाड़ा पकड़ लिया. शनिवार को ऐसे चार अभ्यर्थी पकड़े गए. चारों ने उम्र कम कराने को दोबारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी. चारों के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमे लिखे गए हैं. सतर्कता और सख्ती के चलते पांच दिन आयोजित हुई परीक्षा में आगरा कमिश्नरेट में एक भी सॉल्वर नहीं पकड़ा गया.

यहां से पकड़े गए
आगरा में सिटी जोन में 27 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में परीक्षा कराई गई। शनिवार को पहली पाली में 11760 में से 8160 अभ्यर्थी परीक्षा देने आए। दूसरी पाली में 7814 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। पहली और दूसरी पाली में दो-दो फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए। परीक्षा प्रभारी डीसीपी मुख्यालय सैयद अली अब्बास ने बताया कि सेंट जोंस कॉलेज में हाथरस के सेनपुर गांव का समीर पकड़ा गया। उसकी जन्म वर्ष 1987 में हुआ, लेकिन उम्र कम करने के लिए उसने 1996 की जन्मतिथि दर्शाते हुए दोबारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी। आरोपी ने बताया कि नौकरी के लिए उसने ऐसा किया। मंटोला स्थित रामस्वरूप इंटर कॉलेज में जलेसर का नरेश पकड़ा गया। उसका जन्म 2001 में हुआ, लेकिन दोबारा उसी नाम से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा देकर जन्म वर्ष 2004 में करा लिया था। जबकि अभी वह पूर्व की जन्मतिथि के आधार पर भी परीक्षा दे सकता था। शाहगंज स्थित साकेत विद्यापीठ इंटर कॉलेज में ई-केवाईसी के दौरान सादाबाद का इंद्रपाल पकड़ा गया। उसका जन्म 1988 में हुआ था। मगर, दूसरी बार उसने हाईस्कूल की परीक्षा में अपनी जन्मतिथि वर्ष 2000 कर ली। आगरा कॉलेज की विधि संकाय में एटा के जैथरा का देवेश पकड़ा गया। ई-केवाईसी के दौरान उसकी भी दो जन्मतिथि सामने आईं। पहली बार उसने अरुण नाम से हाईस्कूल पास किया तो उसकी जन्मतिथि 1996 थी। दूसरी बार परीक्षा दी तो जन्मतिथि 2003 कर ली। अब वह देवेश नाम से परीक्षा में बैठा था।
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27 परीक्षा केंद्रों पर हुआ एग्जाम
2 शिफ्ट में परीक्षा का आयोजन
8160 ने फस्र्ट शिफ्ट में दिया एग्जाम
7184 ने सेकेंड शिफ्ट में दिया एग्जाम


आधार कार्ड में की हेराफेरी
आधार कार्ड में हेराफेरी कर इटावा में पुलिस भर्ती परीक्षा देने पहुंचा कागारौल के बंधा गांव का रहने वाला देवेंद्र ङ्क्षसह ई-केवाईसी के दौरान परीक्षा केंद्र पर पकड़ा गया। देखने से उसकी उम्र ज्यादा लग रही थी। इस पर ई-केवाईसी की गई तो देवेंद्र की आधार केवाईसी पर डाटा भी फीड नहीं हो सका। इस पर शक के आधार पर आधार कार्ड को जांच के लिए भेजा गया। उसे परीक्षा में बैठने दिया गया। जांच के बाद हाईस्कूल के अंक पत्र, एडमिट कार्ड, आधारकार्ड के वेरिफिकेशन में जन्मतिथि में अंतर मिला। आधार कार्ड में उसकी जन्मतिथि 8 मार्च 1994 लिखी थी। जबकि उसकी असली जन्मतिथि 15 जून 1988 है। परीक्षा समाप्त होने के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया। देंवेंद्र के खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।


सेंट जोंस कॉलेज में हाथरस के सेनपुर गांव का समीर पकड़ा गया। मंटोला स्थित रामस्वरूप इंटर कॉलेज में जलेसर का नरेश पकड़ा गया। शाहगंज स्थित साकेत विद्यापीठ इंटर कॉलेज में ई-केवाईसी के दौरान सादाबाद का इंद्रपाल पकड़ा गया। आगरा कॉलेज की विधि संकाय में एटा के जैथरा का देवेश पकड़ा गया।
सैयद अली अब्बास, डीसीपी, परीक्षा प्रभारी

Posted By: Inextlive