Agra News यहां गुलजार था 'मीना बाजारÓ
खोदाई में निकला फर्श
इतिहास को संजोए आगरा की धरोहरों से रोज नए-नए राज निकलकर सामने आ रहे हैं। ताजमहल समेत यहां की इमारतें अपनी खूबसूरती के लिए देश-विदेश जानी जाती हैं। वहीं, इतिहासकारों के लिए यह इतिहास को पुख्ता करने का जरिया भी हैं। इतिहास की ऐसी ही एक कहानी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने उस समय पुष्ट कर दिया जब आगरा किला परिसर में मीना बाजार की मूल फर्श को खोद निकाला। एएसआई द्वारा मीना बाजार में मोती मस्जिद के सामने वाले भाग में काम किया जा रहा है। यहां मूल फर्श की तलाश में दो जगह ट्रेंच लगवाकर देखे गए थे। उसमें एक से डेढ़ फीट की गहराई में मुगलकालीन मूल फर्श के साक्ष्य मिले। इसके बाद यहां खोदाई की गई। जिसके बाद एएसआई ने मीना बाजार का 55 मीटर लंबा और 29 मीटर चौड़ा मूल फर्श निकाला है। इसमें रास्ता तो पत्थरों का बना हुआ है और उनके बीच-बीच में आड़े पत्थर भी लगे हुए हैं। रास्ते के दोनों ओर किनारों पर लाखौरी ईंटों का काम हो रहा है।
शाही परिवार की महिलाएं करती थीं खरीदारी
आगरा किला परिसर स्थित मीना बाजार में मोती मस्जिद से दिल्ली दरवाजे की तरफ जाने वाले रास्ते पर दोनों ओर कोठरियां बनी हुई हैं। मीना बाजार तीन कांप्लेक्स में बंटा है। यहां कोठरियों के आगे सामान रखने की जगह भी है। मुगल काल में यहां दरबारियों के परिवार की महिलाएं बाजार लगाया करती थीं। वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को आगरा किला में शरण लेने को विवश होना पड़ा था। उस समय मीना बाजार में अस्पताल बनाया गया था। रास्ते के कोठरियों से काफी नीचा होने की वजह से मलबा डालकर रास्ते और उसकी साइड के फर्श का लेवल ऊंचा कर दिया गया था। दिल्ली गेट की तरफ स्थित दो कांप्लेक्स पहले ही मूल स्वरूप में संरक्षित किए जा चुके हैं।
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मीना बाजार आगरा किला की महत्वपूर्ण जगह है। इसे मूल स्वरूप में संरक्षित किया जाएगा। मीना बाजार का 55 मीटर लंबा और 29 मीटर चौड़ा मूल फर्श निकाला है। इसमें रास्ता तो पत्थरों का बना हुआ है और उनके बीच-बीच में आड़े पत्थर भी लगे हुए हैं। रास्ते के दोनों ओर किनारों पर लाखौरी ईंटों का काम हो रहा है।
- डॉ। राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद्
पर्यटकों के लिए खोलने की उठती रही है मांग
मीना बाजार से आगरा किला का इतिहास जुड़ा है। पर्यटन संस्थाएं इसे पर्यटकों के लिए खोलने की मांग उठाती रही हैं। मोती मस्जिद से मीना बाजार होते हुए रास्ता दिल्ली गेट तक जाता है। अगर इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाए तो पर्यटकों को अमर ङ्क्षसह गेट से प्रवेश देकर दिल्ली गेट से बाहर निकाला जा सकता है। इससे पर्यटक यहां अधिक समय तक रुकेंगे। वर्तमान में अमर ङ्क्षसह गेट से ही प्रवेश व निकास होता है।
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