हाथरस. सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में मंगलवार की दोपहर नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा के प्रवचन के बाद बड़ा हादसा हो गया. सत्संग स्थल पर करीब डेढ़ लाख की उमड़ी भीड़ के लिए कोई इंतजाम न थे. सत्संग समाप्त होने के बाद कार्यक्रम स्थल के बाहर कानपुर हाईवे पर निकल रही भीड़ को एक हिस्से से भोला बाबा का काफिला निकालने के लिए रोका तभी भगदड़ मच गई. बाबा के दर्शन को दौड़े लोगों को रोकना मुश्किल हो गया. चारों तरफ चीख पुकार मच गई. पानी भरे खेतों व पास के गड्ढे में कई लोग गिरकर मिट्टी में दब गए. नीचे गिरे लोगों के ऊपर से हजारों की भीड़ गुजर गई. पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई. जब तक पुलिस प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तब तक बड़ी संख्या में घायल लोग अस्पताल पहुंचाने का काम शुरू हो चुका था. 107 लोगों की मौत की पुष्टि जिला प्रशासन ने की है. इनमें अधिकतम हाथरस एटा कासगंज के हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु घायल हुए हैं. इनके उपचार के इंतजाम अस्पतालों में कम पड़ गए.

एक दिवसीय प्रवचन के जुटे थे लोग
एक दिवसीय प्रवचन के लिए फुलरई गांव में सात-आठ किसानों के करीब डेढ़ सौ बीघा खेतों में इंतजाम किया गया। इस मानव मंगल मिलन सदभावना समागम में करीब एक लाख लोगों के बैठने के व्यवस्था थी। मंगलवार होने के चलते श्रद्धालु अधिक आए, क्योंकि मंगलवार को भोले बाबा के अनुयायी आमतौर पर प्रवचन में शामिल होते हैं। करीब डेढ़ लाख लोगों की भीड़ प्रवचन स्थल पर पहुंची थी। निर्धारित समय 11 बजे भोले बाबा मंच पर आए। शुरूआत से ही भीड़ अधिक होने के चलते अव्यवस्था थी। पौने दो बजे आरती हुई, इसके बाद बाबा का काफिला निकल रहा था। भोले बाबा के दर्शन के लिए हाईवे पर दोनों ओर भीड़ खड़ी थी। काफिला निकालने के लिए एक तरफ से भीड़ रोकी, तभी बाबा के दर्शन के लिए पहले धक्का-मुक्की हुई और भीड़ ने भोलेे बाबा के काफिले की ओर दौड़ लगा दी। जिससे भगदड़ मच गई। लोग हाईवे के निकट नाले और पानी भरे खेत में गिर गए। सड़क और खेतों में लोग एक के एक ऊपर एक गिरते चले गए। खेतों में ज्वार की फसल बिझ गई है। कोई मुंह, किसी पैर, किसी का हाथ मिट्टी में दब गए। और देखते ही देखते हजारों की भीड़ जमीन पर गिरे श्रद्धालुओं के ऊपर से गुजर गई। कार्यक्रम स्थल की दूसरी तरफ रोड से करीब छह फीट नीचे खेत की तरफ गड्ढा नुमा खेत में कई लोग मिट्टी में दब गए।
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अधिकारियों का किया विरोध
लोगों का आरोप था कि घटना के डेढ़ घंटा बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस पर कुछ लोगों ने अधिकारियों का विरोध कर दिया, जिसके चलते अधिकारियों को वहां से लौटना पड़ा। इसके अलावा अस्पताल में मौजूद लोगों का कहना था कि वहां कोई डाक्टर नहीं है। सीएमओ नहीं आए। कोई सुनने वाला नहीं है। इसके चलते उनके सामने उन लोगों ने दम तोड़ दिया, जिनकी सांसें चल रही थीं। आरोप है कि सीएचसी सिकंदराराऊ में सिर्फ एक डॉक्टर मौजूद था, जबकि मरीजों की संख्या सैकड़ों में थी।
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राष्ट्रपति, पीएम व सीएम ने संवेदना व्यक्त की
हादसे पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्य1त की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सदन में हाथरस हादसे पर दुख जताया। मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। मुख्यमंत्री आज घटनास्थल का मुआयना करेंगे और हताहतों के परिजनों से भी मिलेंगे।
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मंडल के जिला स्तरीय अस्पतालों में अलर्ट
हादसे को लेकर अलीगढ़-आगरा मंडल के सभी जिला स्तरीय अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एडी हेल्थ मोहन झा घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने बताया कि अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा और आगरा जनपद के सभी जिला अस्पतालों में घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अवकाश पर गए चिकित्सक व विशेषज्ञों को अस्पतालों में तैनात रहने को कहा है। दूसरी ओर, पांचों जनपद में पोस्टमार्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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हादसे के बाद अपनों को तलाशतीं रहीं आंखें
-सिकंदराराऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शवों को देख मची चीत्कार
-हादसे के बाद डिवाइडर पर रुके रहे अपनों को ढूढने आए लोग
-जिला अस्पताल तक भी तलाशने आए शवों को तमाम श्रद्धालुजन
हाथरस: मंगलवार को सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में भोले बाबा के सत्संग से लौट रही हजारों की भीड़ में भगदड़ के बाद हुई सैकड़ों लोगों की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया। मरने वालों में वृद्ध और महिलाओं के अलावा बच्चों की संख्या सबसे अधिक बताई गई है। भगदड़ के बाद सैकडों लोग ऐसे थे जो अपने लोगों को घंटों तक तलाशते रहे। तलाशते हुए तमाम लोग जब सिकंदराराऊ के हॉस्पिटल आ गए तो चीत्कार शुरू हो गई। यही नहीं जिला अस्पताल तक भी तमाम लोग अपने अपने साधनों से आ गए और पोस्टमार्टम गृह पर आकर पूछा कि यहां कोई शव तो नहीं आया है।

बाबा को निकालने में हुआ हादसा
दरअसल, मंगलवार को मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति की ओर से सत्संग का आयोजन सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई में किया गया। भोले बाबा के सत्संग को लेकर कई दिन से फुलरई में साफ सफाई बाबा के भ1त कर रहे थे। सुबह आयोजन से पहले हजारों लोगों की भीड़ सत्संग में आ गईं। बाबा सत्संग के बाद अपनी लग्जरी गाड़ी से निकलने लगे तभी हजारों की भीड़ उसी रास्ते से निकलने लगी। बाबा की गाड़ी को निकालने के लिए आयोजकों ने रास्ता रोक दिया इस कारण भगदड़ मच गई। मगर हादसे के बाद जब लोगों की मौत मौके पर हो गई तो तमाम स्वजन बेसुध होकर गिर गए। अपनों को तलाशते हुए लोग नजर आए, तब तक हादसे की सूचना पर कई एंबुलेंस मौके पर आ गईं और शव को सिकंदराराऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। भारी संख्या में श्रद्धालु अपनों की तलाश में पहुंच गए। हजारों लोगों की भीड़ जब जीटी रोड पर आई तो वाहनों को रोक दिया गया। इस कारण तमाम श्रद्धालु हाईवे पर आकर बैठ गए।


खेत के पास गड्ढे में दफन हो गईं कई जिंदगियां
- 150 बीघा में आयोजित सत्संग में पहुंची थी करीब डेढ़ लाख लोगों की भीड़
- बाबा का काफिला निकालने के बीच भगदड़ में पानी भरे गड्ढे में गिरे लोग
- भगदड़ से बचने को खेत में खड़ी ज्वार की फसल की ओर से दौड़े श्रद्धालु

हाथरस। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि ये मंगल उनके परिवार के अमंगलकारी साबित होगा जिन अपनोंं के साथ आए हैं वह सत्संग के बाद दुनिया को अलविदा कह जाएंगे। ऐसा ही हादसा हुआ सत्संग के बाद मची भगदड़ में। भोले बाबा का काफिला निकालने को भगदड़ ऐसी मची कि कोई खेत किनारे दलदल में गिरा तो कोई बारिश से लबालब गहरे गड्ढे में। गहरे गड्ढे में गिरने के बाद कई शव निकाले गए। किसी कोई कुछ सूझ नहीं रहा था। पास में खड़ी ज्वार की फसल भी ऐसी रौंद गईं मानो पर जेसीबी चलाई गई हो। गड्ढे में गिरकर हुई मौत के बाद शवों को पुलिस ने अस्पताल भेजा। मंजर दिल दहला देने वाला था।

मची अफरा-तफरी
दोपहर बाद सत्संग खत्म हुआ तो एक साथ भीड़ एक ही रास्ते पर कुछ दूर बनी पार्किंग तक जाने के लिए दौड़ पड़ी। भीड़ को संभालने के लिए पहले से कोई व्यवस्था दूर-दूर तक नहीं थी। भगदड़ में छोटे बच्चे गिर गए जिन्हें बचाने के लिए उनकी मां भी गिर पड़ी। एक के बाद एक गिरे लोगों पर भीड़ बढ़ती जा रही थी। रास्ते के पास आठ फुट गहरा गड्ढा जिसमें बारिश का पानी जमा था। भगदड़ के दौरान उसमें कई वृद्ध और बच्चे समा गए। किसी को इस बात की चिंता नहीं थी कि गड्ढे में कितने लोग समा गए। बस सब के सब भागे जा रहे थे। भगदड़ से खुद की जान बचाने को खड़े की ओर भी तमाम लेाग भागते दिखे। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने कई शव गड्ढे से निकाले। गांव फुलरई के खाली 150 बीघा के मैदान पर सत्संग का आयोजन किया गया था। दूर वाहनों को खड़े करने के लिए पार्किंग बनाई गई जहां व्यवस्थित कोई इंतजाम नहीं था जिसकी जहां मर्जी आई अपनी बस और ट्रैक्टर एवं कार को खड़ा करके सत्संग सुनने चले गए।
डीएम ने दी शासन को हादसे की जानकारी
हादसे की खबर के बाद मौके पर डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल पहुंच गए। आईजी शलभ माथुर सिकंदराराऊ पहुंच गए और पूरे घटनाक्रम की जानकारी शासन को दी गई है। हादसे की जानकारी प्रशासन तक आई तो मौके पर जिला मुख्यालय से डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल एवं एडीएम बसंत अग्रवाल, एडीएम न्यायिक एसएन शर्मा, जिला पंचायत अधिकारी सुबोध जोशी के अलावा अन्य एसडीएम मौके पर पहुंच गए और शवों को पोस्टमार्टम गृह भिजवाया गया। जिलाधिकारी आशीष कुमार के मुताबिक पूरे घटनाक्रम की जानकारी शासन को भेजी गई है।
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सत्संग की अनुमति को लेकर प्रशासन कठघरे में
- भोले बाबा के सत्संग के लिए आयोजकों ने ले ली थी अनुमति
- सत्संग में कितनी आएगी भीड़ जिसकी जानकारी प्रशासन को नहीं दी
- डीएम बोले, जिला प्रशासन पूरे हादसे की टीम गठित कर कराएगा जांच
हाथरस। हादसे के बाद न सिर्फ आयोजकों पर बल्कि प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। भोले बाबा के सत्संग के लिए तहसील प्रशासन से अनुमति तो ली गई मगर इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि सत्संग में कितने लोगों की भीड़ आएगी? न ही तहसील प्रशासन ने अनुमति देते व1त ये सवाल आयोजकों से किया। अगर भीड़ हजारों में पहुंची तो इसके लिए आखिर पर्याप्त इंतजाम प्रशासन की ओर से क्यों नहीं किए गए? डीएम आशीष कुमार ने कहा है कि हादसे की जांच के लिए टीम गठित करके जांच कराई जा रही है।

कार्यक्रम के लिए दी ओके रिपोर्ट
सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में भोले बाबा का सत्संग कराने के लिए आयोजक एवं कार्यक्रम प्रभारी इंजीनियर देव प्रकाश मधुकर ने तहसील प्रशासन से कार्यक्रम से आठ दिन पहले अनुमति मांगी थी। किसी भी कार्यक्रम की अनुमति देने के लिए थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज से लेकर बीट सिपाही की रिपोर्ट लगती है। सभी जगह से कार्यक्रम को लेकर ओके रिपोर्ट दे दी गई। मगर किसी स्तर से ये सवाल नहीं उठाया गया कि जब हजारों की भीड़ आएगी तो उसको नियंत्रित करने के लिए आयोजकों की ओर से क्या इंतजाम किए गए हैं? प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम भी नहीं किए गए। उसकी वजह ये थी कि आयोजकों ने खुद ही इंतजाम करने को कहा था।
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जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है, घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है और लोगों का इलाज जारी है। कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति एसडीएम ने दी थी और यह एक निजी कार्यक्रम था। मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, प्रशासन का प्राथमिक ध्यान घायलों और मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद मुहैया कराना है।
- आशीष कुमार, डीएम।
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श्रद्धालुओं की जुबानी
गंजडुंडवारा के गांव बहोटा की पूजा को वह दृश्य जिंदगी भर नहीं भूले गए। उनकी आंखें यह कहते हुए शून्य में टिक जाती हैं। शब्द पथरा जाते हैं। बस, एक सर्द फुसफुसाहट निकलती है। पूजा कहती हैं, सत्संग खत्म होते ही भीड़ एक गड्ढे से होकर गुजर रही थी। अचानक पीछे से एक धक्का आया। दो-तीन लोग गिर गए। फिर एक धक्का लगा और लोग गिरते चले गए। इस धक्कामुक्की में जो एक बार गिरा वह फिर उठ नहीं सका। गड्ढे के किनारे खड़ी एक बाइक भी लोगों के ऊपर आ गिरी। पूजा भी इस सत्संग को सुनने गई थीं। वह भी इस भीड़ में शामिल थीं। गनीमत भी कि वह मौत के उस धक्के की परिधि से दूर थीं। उन्होंने अपनी आंखों के सामने मौत को देखा। पोस्टमार्टम गृह पर मौजूद पूजा ने बताया, सत्संग समाप्त होने के बाद बाबा जब मंच से उतरने लगे तो भीड़ भी तेजी से सत्संग स्थल से हटने लगी। भीषण उमस के कारण लोग पसीने से तर-बतर थे। हम सब प्यासे भी थे। कुछ लोगों ने गड्ढे में होकर शार्टकट लिया। तभी दो-तीन लोग गिर गए। पीछे से धक्का लग रहा था इसलिए एक साथ कई और लोग भी गिर गए। हजारों की भीड़ देखते ही देखते गिरे हुए लोगों के ऊपर से निकल गई। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी महिला राजनश्री ने बताया, भीड़ का धक्का उन्हें भी लगा था, लेकिन वहां मौजूद एक वालंटियर ने संभाल लिया। इस कारण बच गईं, लेकिन हमारे सामने ही एक बच्चा भीड़ के पैरों के नीचे आ गया। इस बच्चे को उठाने की कोशिश में दो-तीन लोग दब गए। उन्होंने बताया कि उनके गांव से 35 महिलाएं भोले बाबा के सत्संग में आईं थीं। इनमें से कई महिलाओं के बारे में पता नहीं चल रहा है कि वे कहां हैं।
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हाथरस में हुई भगदड़ में करीब 107 लोगों की मौत की जानकारी मिली है। हाथरस, अलीगढ़, एटा, कासगंज एवं आगरा में मृतकों को पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। वहीं, घायलों के इलाज के लिए भी हाथरस एवं आसपास के जनपदों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विभिन्न अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है। कई घायल इलाज कराकर जा चुके हैं।
-चैत्रा वी, कमिश्नर, अलीगढ़ मंडल

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आर्थिक मदद की घोषणा
हाथरस भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों को प्रदेश सरकार ने 2-2 लाख रुपए आर्थिक मदद की घोषणा की है। वहीं, घायलों को 50-50 हजार रुपए मदद की घोषणा की गई। इसके साथ प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मृतकों के परिजन और घायलों के लिए इतनी ही आर्थिक मदद की घोषणा की गई है।

Posted By: Inextlive