उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में 3400 करोड़ के निवेश के प्रस्तावों के बाद अग्निशमन विभाग उद्यमियों की राह को आसान बनाने की दिशा में प्रयास कर रहा है. महानिदेशक अग्निशमन एवं आपात सेवा अविनाश चंद्र ने कहा कि अग्निशमन के उपायों को बोझ न समझें. सुरक्षित उद्योग के लिए ये उपाय जरूरी हैं.

आगरा(ब्यूरो)। महानिदेशक सोमवार को सूरसदन में अस्पताल, होटल और उद्यमियों के साथ बैठक कर रहे थे। बताया कि अग्निशमन के एनओसी फॉर्म को आसान बनाया जाएगा। वर्तमान फॉर्म का प्रारूप तीन पेज का है, जिसे भरने में काफी समय लगता है। उन्होंने कहा कि इमारतों में नहीं, सोच में परिवर्तन की जरूरत है।

आग से बचाव के उपाय जरूरी

अग्निशमन के उपायों को बोझ नहीं समझें। महानिदेशक बताया कि उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपात सेवा अधिनियम 2022 लागू हो गया है। उसकी नियमावली बनाने में कई समितियों ने अपने सुझाव दिए हैं। जिसे नियमावली में शामिल कर शासन को भेजा गया है। पुलिस डॉ। प्रीङ्क्षतदर ङ्क्षसह ने उद्यमियों से कहा कि व्यापार बढ़ रहा है, आग से बचाव के उपाय भी उतनी ही जरूरी है। कार्यक्रम में एसीपी मयंक तिवारी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र कुमार ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।

बैठक के महत्वपूर्ण ङ्क्षबदु
-मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे नियोजित शहरों में बहुमंजिला इमारतों में आग से बचाव के लिए जो व्यवस्था हैं, उनका भी अध्ययन किया जा रहा है। जिससे कि उन उपायों यहां पर भी अपनाया जा सके।
-नई नियमावली में बहुमंजिला इमारतों के मानचित्र में कुछ राहत मिल सकती है।
-अग्निकांड के 80 प्रतिशत से अधिक मामले इलेक्ट्रिक शार्ट सर्किट है। इसलिए तारों पर लोड अधिक न बढाएं।

Posted By: Inextlive