Hathras Stampede: सत्संग में आगरा की 8 महिलाओं की मौत, पंचनामा भरते-भरते पुलिसकर्मियों की आंखें हुईं नम, 21 डेडबॉडी का हुआ पोस्टमार्टम
आगरा। मंगलवार रात से एसएन मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित पोस्टमार्टम गृह में रूह कंपा देने वाला जो मंजर शुरू हुआ, वह बुधवार दोपहर तक जारी रहा। हाथरस में सत्संग में हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले 21 मृतकों के शव का आगरा में पोस्टमार्टम किया गया। इसमें आगरा की आठ महिलाएं थीं। अपनों के शव को देख परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। पोस्टमार्टम के लिए शव को ले जाने से पहले उनके जेवर आदि उतारते समय परिजन की स्थिति देख पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गईं। महिला पुलिसकर्मी तो सिसकती रहीं।
पहले से कर रखी थी तैयारी
हाथरस के सिकंदराराऊ में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अनुयाइयों की मौत हो गई थी। हादसे की भयावहता को देखते हुए आगरा प्रशासन भी अलर्ट हो गया था। शाम छह बजे प्रशासन को 30 से 40 शव आने की सूचना थी। पहले ही तैयारी की जाने लगी। कोतवाली सर्किल के साथ अन्य थानों का फोर्स भी मौके पर बुला लिया गया। शाम सात बजे ताजगंज की शीला को लेकर परिज पहुंचे। मृत्यु की पुष्टि होते ही पति मदन वहीं गश खाकर गिर पड़े। पुलिसकर्मियों और एसएन के कर्मचारियों ने उन्हें संभाला। इसके बाद एक बजे जगदीशपुरा से बैजंती देवी के शव को लेकर परिज आए। रात दो बजे के लगभग पहले एक एंबुलेंस में चार और फिर बस में नौ शव पोस्टमार्टम गृह पहुंचे। बाद में दो एंबुलेंस और आ गईं। इसके बाद पोस्टमार्टम गृह का हाल बदल गया। भीड़ नियंत्रित करने को बैरिकेङ्क्षडग लगानी पड़ी। परिजन पीछे खड़े होकर शवों के वाहनों से उतारे जाने का इंतजार करते रहे।
पोस्टमार्टम गृह पर 18 स्ट्रेचर मौजूद थे। एक साथ 21 शव आने पर तीन शव दो घंटे तक एंबुलेंस में ही रखे रहे। पुलिसकर्मियों ने बारी-बारी परिजन को बुलाकर मृतकों के पहने हुए गहने, पायल आदि सामान सुपुर्द किए। गहनों को उतारते समय सभी भावुक होकर रोने लगे। कोई शव के चेहरे पर लगी मिट्टी साफ करता तो कोई पैरों से लिपट कर रोने लगता। वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों की आंखों से भी आसूं बहने लगे। कुछ सिपाहियों को संभालने के लिए कुछ देर के लिए वहां से हटाना पड़ा।
फ्रीजर फुल हुए तो मंगाई बर्फ की सिल्लियां
पोस्टमार्टम गृह पर अलग-अलग हुए अन्य हादसों में मृतकों के शव भी आए हुए थे। शवों को रखने के दौरान फ्रीजर फुल हो गए, दस शव बाहर ही रह गए। तत्काल बर्फ की सिल्लियां मंगाई गईं.पोस्टमार्टम गृह के प्रतीक्षालय के अंदर सभी शव बर्फ पर रखे गए।