यूनियन बजट से ताजनगरी को काफी सारी उम्मीदें थीं खासकर टूरिज्म कारोबारियों को. बजट आने के बाद टूरिज्म कारोबारियों में थोड़ा उत्साह आया है क्योंकि बजट में 50 टूरिस्ट सिटी की बात की गई. इससे आगरा के टूरिज्म कारोबारियों में आस बढ़ी है


आगरा(ब्यूरो)।यदि इन 50 सिटी में आगरा का नाम होता है तो यहां पर कोविडकाल से मंदी की मार झेल रहे टूरिज्म को कुछ फायदा मिल सकता है। वहीं दूसरी ओर आगरा के चांदी कारोबार को इंपोर्ट ड्यूटी बढऩे से झटका लगा है। आगरा से देशभर में चांदी के उत्पाद सप्लाई होते हैैं।

टूरिज्म इंडस्ट्री मंदी की मार झेल रही है
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राकेश चौहान ने बताया कि कोविड के बाद से ही आगरा की टूरिज्म इंडस्ट्री मंदी की मार झेल रही है। इसके बदले में व्यापारियों को कोई सरकारी मदद नहीं मिली। लेकिन इस बजट से काफी उम्मीदें थीं। डायरेक्ट टूरिज्म के लिए तो बजट में ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन पूरे देश में 50 टूरिस्ट सिटीज को सुविधाओं सहित विकसित किए जाने की बात कही गई है। इसमें यह प्रबल संभावना है कि आगरा शहर को सम्मिलित किया जाए। यदि आगरा को टूरिस्ट सिटी के रूप में विकसित किया गया तो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए गाइड, सुरक्षा, यातायात और खाद्य संबंधी बेहतर सुविधाएं प्रदान हो सकेंगी। इससे आगरा के टूरिज्म कारोबार को लाभ मिल सकता है।

आगरा में पांच लाख लोग टूरिज्म से जुड़े
आगरा में सबसे ज्यादा विदेशी टूरिस्ट आते हैैं। यहां पर ताजमहल को देखने के लिए आते हैैं। इसके साथ ही आगरा किला, फतेहपुर सीकरी जैसी विश्वदायी स्मारकों को देखने के लिए आते हैैं। आगरा टूरिज्म कारोबार पांच हजार करोड़ रुपए का है। वहीं ताजनगरी में 500 छोटे-बड़े होटल हैैं। यहां 100 से अधिक पेइंग गेस्ट हाउस हैैं। लगभग 500 एंपोरियम हैैं। इससे पांच लाख लोगों को रोजगार मिलता है। टूरिज्म से जुड़े सभी लोगों को बजट में मिले 50 टूरिस्ट सिटी से आस है।

टूरिज्म की फैक्ट फाइल
-05 हजार करोड़ रुपये का है पर्यटन वार्षिक कारोबार
-500 छोटे-बड़े होटल हैं आगरा में
-100 से अधिक पेइंग गेस्ट हाउस हैं आगरा में
-500 से अधिक रेस्टोरेंट हैं आगरा में
-500 एंपोरियम, शोरूम व दुकानें हैं आगरा में
-05 लाख लोगों को मिलता है टूरिज्म कारोबार से रोजगार
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आगरा सर्राफ एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नितेश अग्रवाल ने बताया कि चांदी के जेवर निम्न व मध्यम वर्ग में उपयोग होने वाली वस्तु है। इस पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं बढ़ानी चाहिए। आगरा चांदी की सबसे बड़ी मंडी है। इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के आगरा के चांदी कारोबार, कारोबारियों और कारोबार से जुड़े लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

सबसे बड़ी चांदी की मंडी आगरा
उत्तर प्रदेश में पायल का सबसे बड़ा कारोबार ताजनगरी आगरा में होता है। यहां से देश के ज्यादातर राज्यों में पायल की सप्लाई होती है। आगरा में पायल के कारोबार से ढाई लाख लोगों की रोजी-रोटी चलती है। आगरा में 100 से ज्यादा गांव और कॉलोनी ऐसी हैं, जहां पर घर-घर चांदी की पायल बनाने का काम होता है। महिला, पुरुष और बच्चे तक सभी इस काम को करते हैं। चांदी की पायल बनाने के करीब छोटे-बड़े मिलाकर 1500 से ज्यादा कारखाने हैं। आगरा से देश के हर राज्य में पायलों की सप्लाई होती है। सबसे ज्यादा मांग पूरे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, बिहार, महाराष्ट, गुजरात और कर्नाटक में है।

चांदी कारोबार में फैक्ट फाइल
1500 से ज्यादा चांदी के कारखाने हैैं आगरा में
2.5 लाख लोगों को चांदी कारोबार से मिलता है रोजगार
चांदी के जेवर निम्न व मध्यम वर्ग में उपयोग होने वाली वस्तु है। इस पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं बढ़ानी चाहिए। आगरा चांदी की सबसे बड़ी मंडी है। इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के आगरा के चांदी कारोबार, कारोबारियों और कारोबार से जुड़े लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
- नितेश अग्रवाल, प्रेसिडेंट, आगरा सर्राफ एसोसिएशन

आगरा के टूरिज्म के कारोबार को काफी उम्मीदें थी। बजट में टूरिज्म के लिए डायरेक्ट तो कुछ नहीं मिला है। लेकिन देश में 50 टूरिस्ट सिटी की बात कही गई है। इससे हमें आस बढ़ी है। इन 50 टूरिज्म सिटी में आगरा के होने की संभावना है। इससे आगरा के टूरिज्म को बूस्ट मिलेगा।
- राकेश चौहान, प्रेसिडेंट, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

Posted By: Inextlive