आगरा के जूते पर फिर 'वार की मारÓ
एक्सपर्ट के मुताबिक इस बार से विश्वभर में आगरा के जूते के शू एक्सपोर्ट ने दम तोड़ दिया था। जैसे-तैसे उत्पाद की गुणवत्ता की बिना पर शू कारोबार उठ खड़ा हुआ कि यूक्रेन और रूस के युद्ध ने बड़ा नुकसान पहुंचाया। ऐसे में अब इजराइल और फिलिस्तीन के युद्ध से एक बार फिर एक्सपोर्ट के आर्डर्स में गिरावट आई है। विंटर सीजन के आर्डर्स में यह गिरावट कारोबारियों को देखेन को मिल रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक विदेशों से ऑर्डर में 10 फीसदी तक की कमी आई है। इजराइल-फिलिस्तीन वार से विश्वभर में कारोबार को लेकर एक अस्थिरता आई है जो आगरा के जूता कारोबार में भी नजर आ रही है।
अमेरिका-यूरोप में भी घटेगा एक्सपोर्ट
आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चर्र एंड एक्सपोर्ट्स चैंबर (एफमैक) के प्रेसीडेंट और प्रसिद्ध शू-एक्सपोटर््र पूरन डावर के मुताबिक इजराइल-फिलिस्तीन वार से आगरा की शू एक्सपोर्ट इंडस्ट्री इफेक्ट कर रही है। इस तरह की घटनाओं से सेंटीमेंट डिस्टर्ब होता है जो एक्सपोर्ट को इफेक्ट करता है। इतना ही नहीं इस बार से अमेरिका, यूरोप, गल्फ समेत अन्य कंट्रीज में शू एक्सपोर्ट भी प्रभावित होगा। पूर्व में रुस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी ऐसे ही हालात बने थे। हालांकि उन्होंने बताया कि फिलहाल शू एक्सपोर्ट में 11 प्रतिशत का डाउनफाल इंडिया वाइज है जबकि आगरा में अभी भी 7 प्रतिशत का इजाफा है। विश्वभर के देशों से विंटर सीजर को लेकर आने वाले आर्डर्स में गिरावट की संभावनाएं हैैं। उन्होंने बताया कि इजराइल-फिलिस्तीन वार से विश्व के अन्य देशों से भी शू एक्सपोर्ट का कारोबार इफेक्ट कर रहा है। लेदर प्रोडक्ट की बड़ी डिमांड एफमैक के प्रेसिडेंट ने बताया कि विंटर सीजन का शूज एक्सपोर्ट कारोबार स्ट्रांग है। इसकी वजह है कि, भारत में लेदर शूज का कारोबार बेहतर है। जिसमें लेदर शूज, लेदर बूट और अन्य प्रोडेक्ट आते हैं। अभी आगरा और देश के शूज एक्सपोर्ट समर सीजन को लेकर माल बना रहे हैं। लेकिन अभी से विंटर सीजन अधिक प्रभावित होगा। क्योंकि, अभी से विंटर सीजन के लिए ऑर्डर आ रहे हैं। बता दें कि पूर्व में भारत के शूज कारोबार की कच्चे माल के लिए पहले काफी हद तक चीन पर निर्भरता थी। लेकिन, अब उद्यमियों ने विकल्प तलाश लिए हैं। देश में अब आगरा, चेन्नई, कानपुर, नोएडा, दिल्ली-एनसीआर फुटवियर के बड़े सेंटर बन गए है। इनमें आगरा लेदर फुटवियर में अव्वल है। जहां दुनियाभर के सभी बड़े ब्रांड्स बनाए जा रहे हैं। ---एक नजर में- इजराइल-फिलिस्तीन वार से देशभर में शू एक्सपोर्ट में 11 प्रतिशत की गिरावट
- आगरा में 185 एक्सपोर्ट इकाइयां हैं - सालाना 4000 करोड़ रुपए का शू एक्सपोर्ट होता है - आगरा में 8000 घरेलू जूता बनाने के कारखाने हैं - 15 हजार करोड़ रुपए का घरेलू शूज का टर्नओवर होता है - 165 फीसदी घरेलू शू मार्केट में आगरा की आपूॢत है - 28 फीसदी शूज एक्सपोर्ट में आगरा की हिस्सेदारी है यहां होता है एक्सपोर्ट आगरा का जूता इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस, इटली, हॉलैंड, अमेरिका, आस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में एक्सपोर्ट होता है। ---विश्वभर में कहीं भी इस तरह की स्थिति हो तो एक्सपोर्ट इंडस्ट्री का सेंटीमेंट खराब होता है, जिसका असर आगरा की शू इंडस्ट्री पर भी है। इजराइल-फिलिस्तीन वार से आगरा की शू इंडस्ट्री इफेक्ट कर रही है। यहां से विश्वभर में एक्सपोर्ट होने वाले जूते की डिमांड में कमी आ रही है जो विंटर सीजन में बढऩे की संभावना है। वार से अमेरिका, यूरोप, यूएई, इटली समेत अन्य कंट्रीज में शू एक्सपोर्ट प्रभावित होगा। -पूरन डावर, प्रेसीडेंट, एफमैक ---