ताजनगरी में ड्रग पेडलर का बिजनेस खूब फल-फूल रहा है. आगरा ड्रग पेडलर्स के लिए ऐसा सेंटर बनता जा रहा है जिससे राजधानी ही नहीं पूरे साउथ इंडिया में ड्रग्स की सप्लाई होती है. यहां आए दिन पुलिस सैकड़ों क्विंटल गांजा अफीम चरस और डोडा पाउडर पकड़ती है. बात दें कि कंझावाला कांड के तार अब आगरा से भी जुड़े हैं.

आगरा(ब्यूरो)। इन दिनों अंजलि एक्सीडेंट केस गर्मा रहा है। शनिवार को जांच में सामने आया कि वर्ष 2020 में अंजलि एक्सीडेंट की गवाह निधि गांजा तस्करी में जेल जा चुकी है। वह आगरा कैंट से 10 किलो गांजे के साथ अपने दो साथियों के साथ अरेस्ट की गई थी। दक्षिण भारत के इलाकों से इसकी बड़ी खेप आगरा पहुंचाई जाती है, यहां से दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए सप्लाई की जाती है।

दो साथियों के साथ किया था निधि को अरेस्ट
इंस्पेक्टर आगरा कैंट देवेंद्र सिंह ने बताया कि 6 दिसंबर 2020 को निधि को 10 किलोग्राम गांजे के साथ स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज के पास से पकड़ा गया था। उसके साथ दो युवक उत्तर पश्चिम दिल्ली के अमर विहार निवासी रवि कुमार और भाग्य विहार निवासी समीर उर्फ माही भी गिरफ्तार हुए। दोनों युवकों से भी 10-10 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ था।

अंजलि हादसे की चश्मदीद गवाह है निधि
सुल्तानपुरी में 20 वर्षीय अंजलि को बलेनो कार से कई किलोमीटर तक घसीटकर मारने की घटना के चश्मदीद के रूप में निधि का नाम पुलिस की जांच में सामने आया था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि निधि पूर्व में आगरा में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में पकड़ी गई थी। इसके बाद सामने आया कि वह आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर वर्ष 2020 में पकड़ी गई थी।

पुलिस को दीपक की तलाश
निधि ने बताया था कि वह और उसके दोनों साथी दिल्ली निवासी दीपक के कहने पर वह तेलंगाना से गांजा लेकर ट्रेन से दिल्ली जा रहे थे। कैंट पर दूसरी ट्रेन में बैठने के लिए रुके थे। दूसरी ट्रेन में बैठने से पहले ही वे पुलिस की पकड़ में आ गए। तीनों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया था। जमानत पर वे कब रिहा हुए हैं। इसकी जानकारी की जा रही है। दीपक का पता और मोबाइल नंबर नहीं मिला है।

सरगना को छोड़ 50 से अधिक अरेस्ट
दक्षिण भारत से लाकर ताजगनरी में की जा रही गांजा तस्करी में पुलिस ने गाडिय़ों के चालक, परिचालक, क्लीनर को मिलाकर 50 से ज्यादा लोग पकड़े हैं, लेकिन एक भी सरगना को पकडऩे में सफलता हाथ नहीं लगी है। अलग-अलग नशे के कारोबार में आठ महीने के भीतर ब्रज में 125 से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें सबसे अधिक गांजा तस्करी के मामले हैं। ओडिशा और तेलंगाना से यह मादक पदार्थ सप्लाई किए जाते हैं।

गांजा तस्करी में 10 से अधिक गैंग एक्टिव
ताजनगरी में नशा तस्करी करने वालों के 10 से अधिक गैंग एक्टिव अब तक सामने आ चुके हैं। इसमें सिकंदरा, जगदीशपुरा, कमला नगर, शाहगंज में खोखों और ऑटो में गांजा बिक्री पकड़ी जा चुकी हैं। एसटीएफ ने एक महीने पहले सिकंदरा क्षेत्र में बोरों के बीच छिपाकर लाया गया तकरीबन 500 किलोग्राम गांजा बरामद किया था। ट्रक चालक पकड़ा गया था, लेकिन गांजा मंगवाने वालों को अभी तक पुलिस नहीं पकड़ सकी है। वहीं टैंकर में छिपाकर ओडिशा से लाए 500 किलो गांजा को भी ताजनगरी के आसपास जिलों में खपाने की तैयारी थी, जो मथुरा के एक व्यक्ति ने मंगवाया था। इसके अलावा बल्देव के दो लोग रवेंद्र और धु्रव के नाम भी गांजा सप्लायर के रूप में सामने आए हैं, ये पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

ट्रेनों से अब तक 1,000 किलो गांजा जब्त
पिछले डेढ़ महीने में जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने अब तक 1 हजार किलो गांजा जब्त किया है। वहीं 90 लोगों को गांजे की तस्करी में गिरफ्तार किया है। एसटीएफ व जीआरपी ने गांजा तस्करों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

राजधानी में एक्टिव दो गैंग
पकड़े गए गांजा तस्करों ने बताया कि राजधानी में गांजा तस्करी के दो गैंग चल रहे हैं। एक गैंग अली और दूसरा गैंग राहुल नाम का युवक चलाता है। इसमें एक गैंग वाया रोड होकर तस्करी को अंजाम देता है, वहीं दूसरा गैंग ट्रेन के जरिए गांजा सप्लाई करने का काम कर रहा है। एसटीएफ ने गैंग के सरगना तक पहुंचने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पकड़े तस्करों की निशानदेही पर साक्ष्यों को जुटाए जा रहे हैं।

आठ महीने में दर्ज किए मुकदमे
125 से अधिक
सबसे अधिक मुकदमे गांजे के
50 से अधिक
शहर में सक्रिय गिरोह
10 से अधिक
नशे की तस्करी में पिछले साल अरेस्टिंग
90

दूसरे जिलों की स्थिति
मथुरा
154
हाथरस
95
कासगंज
43
एटा
35
फिरोजाबाद
29
मैनपुरी
16


वर्ष 2020 दिसंबर महीने में तीन लोग अरेस्ट हुए थे, जिसमें समीर उर्फ माही, रवि कुमार बिहार के थे, निधि दिल्ली सुल्तानपुरी की थी, तीनों को गांजा तस्करी में जेल भेजा गया था। दिल्ली के कंझावला कांड में गवाह है।
एम मुश्ताक, एसपी रेलवे

Posted By: Inextlive