10.3 परसेंट माइल्ड बीपी बढऩे की समस्या झेल रही हैं महिलाएं 5.2 परसेंट सीवियर बीपी की मरीज हैैं महिलाएं16.8 परसेंट महिलाएं बीपी बढऩे पर लगातार दवाओं का सेवन कर रही हैैं16.4 परसेंट माइल्ड बीपी बढऩे की समस्या झेल रहे पुरुष4.1 परसेंट पुरुष सीवियर बीपी के मरीज 20.9 परसेंट पुरुष हाइपरटेंशन की दवाओं का सेवन कर रहे हैैं ब्यूरो भागदौड़ भरी जिंदगी बढ़ता काम का दबाव और खानपान व लाइफस्टाइल लोगों को टेंशन की ओर धकेल रहा है. आगराइट्स अब धीरे-धीरे टेंशन की गिरफ्त में आ रहे हैैं. इस बात की तस्दीक नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के आंकड़े तस्दीक कर रहे हैैं. आगरा के 20 परसेंट से भी अधिक लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैैं और इसे कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सेवन कर रहे

महिलाएं भी ले रही टेंशन
एनएफएचएस-5 में दिए गए आंकड़ों के अनुसार आगरा के 16.4 परसेंट पुरुषों को माइल्ड ब्लडप्रेशर की समस्या है। 4.1 परसेंट पुरुष सीवियर ब्लडप्रेशर के शिकार हैैं, वहीं 20.9 परसेंट पुरुष हाइपरटेंशन होने पर दवाओं का सेवन कर रहे हैैं। पुरुषों के साथ महिलाएं भी टेंशन की गिरफ्त में आ रही हैैं। एनएफएचएस-5 में दिए आंकड़ों के अनुसार 10.3 परसेंट महिलाओं को माइल्ड बीपी बढऩे की समस्या है। 5.2 परसेंट महिलाएं सीवियर बीपी की मरीज हैैं। वहीं 16.8 परसेंट महिलाएं बीपी बढऩे पर लगातार दवाओं का सेवन कर रही हैैं

एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ। प्रभात अग्रवाल ने बताया कि सात से आठ साल में हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा कारण स्ट्रेस है। हर कोई अतिरिक्त तनाव ले रहा है। इसके साथ ही मोबाइल का ज्यादा यूज करना, नींद का पूरा न होना और खराब लाइफस्टाइल के चलते लोगों में हाइपरटेंशन की समस्या हो रही है। उन्होंने बताया कि अब लोग घर का खाना कम खाते हैैं और फास्ट फूड का सेवन ज्यादा करते हैैं। जबकि फास्ट फूड को प्रिजर्व करने के लिए नमक का उपयोग किया जाता है।

युवा भी आ रहे चपेट में
डॉ। अग्रवाल ने बताया कि आज से आठ साल पहले हाइपरटेंशन के मरीज 40 से अधिक उम्र के आते थे। लेकिन कुछ साल में ही युवाओं में यह समस्या देखने को मिल रही है। अब 25 साल पेशेंट भी आ रहे हैैं। उन्हें हाइपरटेंशन के लिए ट्रीटमेंट देना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि रहन सहन में आ रहे बदलाव से युवा हाइपरटेंशन की चपेट में आ रहे हैं। अधिकतर युवाओं को डॉक्टर के पास पहुंचने के बाद बीमारी का पता चलता है। डॉ। अग्रवाल ने बताया कि यदि वैसे तो 35 साल की उम्र के बाद में सभी लोगों को साल में एक बार अपना ब्लडप्रेशर और शुगर चेक कराना चाहिए। युवाओं को यदि बैचेनी रहना, सिर भारी रहना जैसे लक्षण लगातार रहते हैैं तो वह एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

खतरनाक साबित हो सकती है हाइपरटेंशन
डॉ। अग्रवाल ने बताया कि हाइपरटेंशन का कारण कई बीमारियां जैसे- डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा आदि भी होता है। डॉ। अग्रवाल ने बताया कि हाइपरटेंशन खतरनाक बीमारी है। हाइपरटेंशन से हार्टअटैक, ब्रेनहेमरेज, आंखों की रोशनी कम होने के खतरे होते हैं। डॉ। अग्रवाल ने बताया कि खानपान और लाइफस्टाइल को सुधारने से काफी हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है।

इन लक्षणों के होने पर हो जाएं सावधान
-स्ट्रेस
-चिड़चिड़ापन
- कमजोरी होना
-चक्कर आना
-जल्दी थकान होना
-तेज चलने में दिक्कत होना
- गर्दन और सिर के पीछे दर्द होना
- बैचेनी होना
- नींद न आना
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यह करके कर सकते हैैं बचाव
-लाइफस्टाइल को सुधारना
-खानपान को व्यवस्थित करना
-ताजा फलों और हरी सब्जियों का सेवन करना
-सुबह उठकर रोजाना टहलना
-योगाभ्यास करना
- स्ट्रेस कम लेना

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बीते कुछ साल में हाइपरटेंशन के मरीज बढ़े हैैं। अब युवाओं में भी यह समस्या देखने को मिलती है। इसका मुख्य कारण स्ट्रेस लेना और बिगड़ती लाइफस्टाइल है। यदि डॉक्टर ट्रीटमेंट शुरू करें तो उसे छोड़ें नहीं, लगातार डॉक्टर के फॉलोअप में रहें।

- डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, एसएनएमसी

आजकल हर कोई अतिरिक्त तनाव ले रहा है। युवा भी इसके चपेट में आ रहे हैैं। खराब लाइफस्टाइल और जल्दी सक्सेज की चाह लोगों को टेंशन की ओर धकेल रही हैैं। कई युवा मरीजों को काउंसलिंग भी करानी पड़ रही है।
- ममता यादव, नैदानिक मनोवैज्ञानिक, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive