प्रभु श्रीराम के आगमन से जनकपुरी का वातावरण पूर्ण रूप से बदल गया. प्रभु दर्शन पाकर अभिभूत जनकपुरी का दृश्य अत्यंत भावनात्मक दिव्य और मनोहारी था. लग रहा था मानो स्वर्ग पृथ्वी पर उतर आया है.

आगरा (ब्यूरो)। प्रभु श्रीराम के आगमन से जनकपुरी का वातावरण पूर्ण रूप से बदल गया। प्रभु दर्शन पाकर अभिभूत जनकपुरी का दृश्य अत्यंत भावनात्मक, दिव्य और मनोहारी था। लग रहा था मानो स्वर्ग पृथ्वी पर उतर आया है। चेहरे पर सौम्य मुस्कान, कांतिमय चेहरा, विशाल नेत्र और तेजस्वी व्यक्तित्व लिए प्रभु श्रीराम को देख आभास हो रहा था कि स्वयं भगवान अवतरित हुए हों। नगरवासियों की दृष्टि अपलक निहार रही थी। माता सीता का रूप स्वयं प्रकृति का निखरा स्वरूप दर्शा रहा था। उनके सौंदर्य, सादगी और शालीनता देख नगरवासी मोहित हो गए। प्रभु श्रीराम और मां सीता के इस सृष्टि स्वरूप के अद्वितीय मिलन का साक्षी बनकर प्रत्येक जनकपुरीवासी आनंद, प्रेम, और भक्ति की अनुभूति से तृप्त था।

जगह-जगह उतारी गई आरती
प्रभु श्रीराम संग गठजोड़ में बंधने के बाद माता सीता शाहगंज, इंद्रा कॉलोनी स्थित जनक आवास से बैंडबाजों संग जनकपुरी के भ्रमण को निकलीं। जनकपुरीवासी उनकी अनुपम छवि देख निहाल हो गए। श्रीराम संग घोड़े और रथ पर पिता राजा दशरथ, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न सवार थे। वहीं सीता-राम के विवाह की खुशी में राजा जनक व मां सुनयना संग मिथिलावासी भी सज-धजकर झूम रहे थे। उनके आगमन की प्रतीक्षा में नगरवासी हाथों में पुष्प और आरती के थाल लेकर उनके आगमन की बाट जोह रहे थे, जैसे ही उनका रथ आया, तो नगरवासियों ने मार्ग में जगह-जगह जनकदुलारी संग श्रीराम के दर्शन कर उनकी आरती उतारी। नगर भ्रमण कर सीता और श्रीराम जनक महल पहुंचे। मुख्य मंच पर उनकी आरती केंद्रीय पंचायत राज राज्य मंत्री प्रो। एसपी ङ्क्षसह बघेल ने उतारी। संयोजक गौरव राजावत, भाजयुमो महानगर अध्यक्ष शैलू पंडित आदि मौजूद रहे।


जनक महल पर हुईं भक्तिमय प्रस्तुतियां
प्रभु श्रीराम जनक दुलारी संग जनक महल के मंच पर विराजमान हुए, तो उनकी अलौकिक आभा से जनक महल की रंगत कई सौ गुना और बढ़ गई। रंग-बिरंगी रश्मियों से जगमग परि²श्य स्वर्ग के पृथ्वी पर उतरने का आभास दिला रहा था। जनक महल के मुख्य मंच पर भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। संस्कार पाठशाला भोगीपुरा व होली लाइट पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने भक्तिमय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। पं। मनीष शर्मा ने भजन प्रस्तुत किए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन रमन, हेमंत भोजवानी, रवि नारंग व आशीष ने किया।

उमड़ा आस्था का ज्वार
सिया और राम के स्वरूप मंच पर पहुंचे, तो उनके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के रूप में आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा। कोई दूर से स्वरूपों संग सेल्फी लेने का प्रयास कर रहा था, तो हाथ जोड़कर उनकी मनोहारी छवि को निहारते हुए करबद्ध प्रणाम कर रहा था। महिलाएं मन ही मन उनकी नजर उतार रहीं थीं, तो श्रद्धा और भक्ति के पवित्र भावों के साथ जनकपुरी में भक्तिमय भावनाएं उमड़ रही थीं। जगमग रोशनी और रामचरित मानस की चौपाइयों की स्वरलहरियां वातावरण को राममय बना रही थीं। मंच पर विराजमान स्वरूपों की सियाराम संग आरती श्रीजनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने उतारी।

सुदर्शन थामे श्रीहरि की झांकी पर रही भीड़
जनकपुरी दुल्हन सी सजी आकर्षक लग रही थी। कहीं सतरंगी पुष्पों की रंगत फैली थी, तो कहीं झिलमिलाती रोशनी से मिथिलानगरी जगमगा रही थी। जगह-जगह आकर्षक झांकियां भक्तों को आकर्षित कर रहीं हैं। जीआईसी मैदान मार्ग पर समुद्र मंथन की झांकी श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहीं। लोहामंडी जयपुर हाउस रोड पर श्रीहरि के हाथ में सुदर्शन की झांकी संग श्रद्धालुओं ने परिजन संग सेल्फी ङ्क्षखचवाई।

Posted By: Inextlive