आखिर किसने साइबर क्रिमिनल्स को ईडीसी मुहैया कराई? अभी भी बड़ा सवाल है. एक दिन पूर्व पुलिस टीम ने एटीएम के जरिए अकांउट खाली करने वाले मेव गैंग के चार आरोपियों को जेल भेजा है जो ईडीसी मशीन के जरिए ठगी की वारदात को अंजाम देकर लोगों को अकांउट खाली करते थे पुलिस ने इस मामले मेें पेटीएम कंपनी के कर्मचारी और अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

आगरा(ब्यूरो)। साइबर सेल प्रभारी सुल्तान सिंह ने बताया कि ईडीसी, इलेक्ट्रॉनिक्स डेटा कैप्चर मशीन पेटीएम कंपनी द्वारा सत्यापन के बाद जारी की जाती है। जिसके अंतर्गत जो व्यापारी स्वेप मशीन लेना चाहता है, उसको मशीन के लिए आवेदन करना होगा, इसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड के अलावा बैंक अकाउंट नंबर भी शेयर की किया जाता है, इतना ही नहीं व्यापारिक प्रतिष्ठान की फोटो और दस्तावेज भी लगाए जाते हैं, इसमें मालिकाना प्रमाण पत्र या रेंट अग्रीमेंट का वेरीफिकेशन किया जाता है। इस प्रोसेस के पूरा होने के बाद ही व्यापारी को ईडीसी मशीन जारी की जाती है।

गैंग के पास कहां से पहुंची ईडीसी मशीन
जिला साइबर सेल प्रभारी सुल्तान सिंह और सहायक विजय तोमर की जांच के बाद एटीएम के पास से ठगी करने वाले तीन शातिरों को पुलिस ने शुक्रवार को जेल भेजा था। शातिर ईडीसी मशीन के जरिए लोगों के अकाउंट खाली करने का कार्य करते थे। गैंग के पास पुलिस को चार ईडीसी मशीन मिली थी। इस मामले में मेव गैंग के चार आरोपियों को जेल भेजने के बाद पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि गैंग तक ये मशीनें किस तरह पहुंची। इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की थी, जिसमें पेटीएम कंपनी कर्मचारियों की मिली भगत सामने आई है।

एटीएम से फ्रॉड का निकाला नया तरीका
मेव गैंग के साइबर क्रिमिनल्स ने इस बार बैंक उपभोक्ताओं से ठगी का नया तरीका निकाला है, इसमें बैंक एटीएम में रकम निकालने के लिए आने वाले लोग उनके टारगेट पर रहते हैं। एटीएम में आने वाले अनपढ़ लोग जो एटीएम को ऑपरेट नहीं कर पाते, बुजुर्ग की मदद के बहाने ये नजदीक आते हैं, पिन जानने के बाद पलक झपकते ही कार्ड को एक्सचेंज कर देते हैं, इसके बाद फर्जी आईडी के जरिए खाता केवाईसी अपडेट करने के बाद कार्ड के जरिए स्वैप मशीन से अकाउंट खाली कर देते हैं।

कार्ड ब्लॉक होने से पहले खाली अकाउंट
एटीएम पर रकम निकालने के लिए आने वाले उपभोक्ता को जब तक इस बात की जानकारी होती है कि उसका कार्ड बदल दिया गया है, इसको ब्लॉक कराने से पहले ही खाताधारक के खाते से शातिर रकम निकाल कर उसकी पूरी रकम हड़प लेते हैं।

गिरफ्तार मेवात गैंग
-आजम खां पुत्र रति खां निवासी गांव मालब, जिला-नूंह मेवात हरियाणा
-नासिर पुत्र एम ताहिर निवासी नगला शरीफ, जेवर यूपी
-करन पुत्र शैलेन्द्र गैन निवासी महुक कॉलोनी, पीलीभीत
-सतीश कुमार पुत्र सुरेन्द्र सिंह, निवासी महेन्द्रगढ़ हरियाणा, गुरुग्राम

पुलिस के निशाने पर साइबर क्रिमिनल्स
-पेटीएम कंपनी के बड़े अधिकारी
-इमरान-नूंह मेवात
-जुनैद, जिला मूता, गुरुग्राम हरियाणा
-इमरान, मेवात, नूंह हरियाणा
-अनिरबन निवासी दिल्ली, पेटीएमकर्मी


मेवात गैंग द्वारा स्वेप मशीन के जरिए अकाउंट खाली करने का मामला सामने आया है, पुलिस इसकी जांच कर रही कि आखिर गैंग को ईडीसी मशीन किसने उपलब्ध कराई। पेटीएम अधिकारियों पर शिकंजा कसने का कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इसका पर्दाफाश किया जाएगा।
सुल्तान सिंह, जिला साइबर प्रभारी

Posted By: Inextlive