आखिर 45 प्रतिशत जनसंख्या को कब मिलेगा गंगाजल
आगरा. 55 वार्ड ऐसे हैं जिनमें आंशिक रुप से पाइपलाइन है। 18 वार्ड ऐसे हैं जिनमें पाइपलाइन है। ऐसे में लोगों को गंगाजल उपलब्ध होने के बाद भी गंगाजल नसीब नहीं हो रहा है। ऐसा भी नहीं है कि संसाधन नहीं है। पाइपलाइन स्टोर में रखे धूल फांक रहे हैं। कुछ पाइप को निकालकर कैलाशपुरी और मदिया कटरा के बीच रोड किनारे से डाल रखा है। जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से आगराइट्स को अपना हक नहीं मिल पा रहा है। इस बारे मेें जल निगम वल्र्ड बैंक के प्रोजेक्ट मैनेजर रमेश चंद्रा ने बताया कि बारिश के चलते काम रोक दिया गया है। इसके बाद पाइपलाइन को बिछाया जाएगा।
इन एरिया में नहीं है कोई इंफ्रास्ट्रक्चर
शहर की एक चौथाई आबादी 345 एमएलडी गंगाजल उपलब्ध होने के बाद भी पेयजल आपूर्ति से वंचित है। जिन एरिया में सिकंदरा वाटर वक्र्स से जलापूर्ति की जाती है। उनमें नरीपुरा अजीत नगर, बारह खंबा, मुस्तफा क्वार्टर, सोहल्ला आदि क्षेत्र में पेयजल वितरण के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है। लोहामंडी के राजनगर, अशोक नगर, कंस गेट, अहीर पाड़ा घास की मंडी में गंगाजल वितरण के लिए कोई इंफ्रस्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है। जीवनी मंडी क्षेत्र से छोटा उखर्रा, बड़ा उखर्रा, बीच का उखर्रा, हिमाचल कॉलोनी, तख्त पहलवान, सराय मलूक चंद समेत दर्जन भर क्षेत्रों में पाइप्ड पेयजल आपूर्ति हेतु कोई इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है। ये पेयजल विहीन क्षेत्र है।
जीवनी मंडी जल शोधन क्षेत्र से आपूर्ति
सूर्य नगर लोहामंडी ताजगंज
पाइपलाइन की स्थिति जोन-1 जोन-2 जोन-3 कुल वार्ड
फुल कवर्ड 17 1 0 18
आंशिक रुप से 28 11 16 55
नॉन कवर्ड 1 14 12 27
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कुल 46 26 28 100
फैक्ट फिगर
पेयजल आपूर्ति की मांग
वर्ष सिकंदरा वाटर वक्र्स जीवनी मंडी
2011 8.10 लाख 7.75 लाख
2020 9.91 लाख 9.57 लाख
2033 14.01 लाख 13.51 लाख
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वर्ष 2020 में जलापूर्ति की मांग एमएलडी में
बल्क में-8.50 एमएलडी वर्ष 2033 में जलापूर्ति की मांग
- घरेलू- 230.80 एमएलडी
बल्क में- 10 एमएलडी सिकंदरा वाटर वक्र्स से वर्तमान में जलापूर्ति 12 लाख
घरेलू मांग- 105.57 एमएलडी
बल्क की मांग - 8.50 लाख - शहर में 100 वार्ड हैं
- 100 वार्डों में 20 लाख की आबादी है
- 55 वार्डों में आशिंक जलापूर्ति -
- 24 अंडरग्राउंड टैंक
- 10 अंडरग्राउंड टैंक सिकंदरा वाटर वक्र्स से संचालित
- 6 जीवनी की मंडी वाटर वक्र्स से संचालित
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जलकल के पास- 34 टैंकर हैं
- 5 खराब हैं
- जलकल के पास 8 टै्रैक्टर हैं
- 11 टैंकरों से यमुनापार में जलापूर्ति का दावा
ऐसे होती है आपूर्ति
आगरा में पालड़ा से 150 क्यूसेक गंगाजल मिलता है। पालड़ा बुलन्दशहर में दो स्थानों से पानी आता है। इसमें हरिद्वार अपर कैनाल और बिजनौर मध्य कैनाल से पालड़ा में गंगाजल आता है। यहां टैंक बना हुआ है। यहां से आगरा को गंगाजल आता है। 150 क्यूसेक गंगाजल में सें 10 क्यूसेक गंगाजल मथुरा को दिया जाता है।
शहर में गंगाजल आए हुए चार वर्ष से ज्यादा का समय हो चुका है। करोड़ों रुपए का बजट खर्च होने के बाद भी लोगों को गंगाजल नहीं मिल पा रहा है। इसमें जिनकों जिम्मेदारी दी गई है। वे ही लापरवाही बरत रहे हैं।
योगेश शर्मा
जो गंगाजल पालड़ा से मिल रहा है। वो यमुना में बह रहा है। लोगों के हक का गंगाजल उन्हें नसीब नहीं हो पा रहा है। पाइपलाइन केा भी किश्तों में बिछाया जा रहा है। महीनों से स्टोर में पड़े पाइप धूल फांक रहे हैं।
ओमवीर सिंह