मिलावटखोर विभागीय पकड़ से दूर, खाद्य पदार्थों से लेकर इंजन ऑयल और दवा तक नकली
आगरा(ब्यूरो)। गूगल सर्वे में पूछे गए सवालों के 125 लोगों ने जवाब दिए। पहले सवाल में पूछा गया कि क्या त्योहार आते ही मिलावटखोर एक्टिव हो जाते हैैं? इसके जवाब में 74 परसेंट लोगों ने हां और पांच परसेंट लोगों ने ना में जवाब दिए। दूसरा सवाल पूछा गया कि क्या खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने पर कड़ी सजा देनी चाहिए? इसके जवाब में 74 परसेंट लोगों ने हां और दो परसेंट ने नहीं में जवाब दिया। सर्वे में एफएसडीए द्वारा की जा रही कार्रवाई से 20 परसेंट लोगों ने संतुष्टि जताई, वहीं 50 परसेंट ने कहा कि वह एफएसडीए की कार्रवाई से कम संतुष्ट हैैं। 25 परसेंट लोगों ने कहा कि वह एफएसडीए की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैैं। सर्वे में 90 परसेंट लोगों ने माना कि खाद्य सामग्री में मिलावट को लेकर पब्लिक को भी जागरुक होना चाहिए। वहीं दस परसेंट ने कोई जबाव नहीं दिया।
दवा से लेकर ऑयल, सॉफ्ट डिं्रक तक नकली
शहर में पिछले दिनों की कार्रवाई में नकली दवा के अलावा खाने में इस्तेमाल होने वाला ऑयल और रिफाइंड भी नकली बरामद किया गया है। थाना छत्ता क्षेत्र में वर्ष 2021 में बड़ी मात्रा मेें मोबिल ऑयल बरामद किया गया था, जिसमें आरोपी सुजात हसन से पूछताछ पर यमुनापार फैक्ट्री में कार्रवाई की गई। वहीं रावत पाड़ा से बड़ी मात्रा में रिफाइंड ऑयल पाम ऑयल की मिलावट सामने आई, वहीं करोड़ों रुपए की नकली दवा और सॉफ्ट ड्रिंक बरामद किया गया है। इसके अलावा ऑइल पेंट और दारू भी नकली धड़ल्ले से बेची जा रही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत भारद्वाज ने बताया कि खाद्य के लिए पदार्थों में मिलावट एक बड़ा अपराध है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 मेें सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। वहीं आईपीसी का धारा 272 व 273 कार्रवाई है। खाद्य पदार्थ, खाद्य या पेय पदार्थ की प्रयोगशाला में जांच के बाद अमानक पाए जाने पर उम्रकैद जेल के साथ ही जुर्माना भी देना होगा। अवधि समाप्ति पर, खाद्य पदार्थ की अवधि समाप्ति के बाद बेचे जाने पर पांच साल की जेल व एक लाख रुपए तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।
एफएसडीए, एंटी नार्कोटिक्स एक्टिव
इन दिनों शहर में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन और एंटी नार्कोटिक विभाग द्वारा हाल ही में पांच करोड़ रुपए की नकली दवा, सिरप और सॉफ्ट ड्रिंग बरामद किया गया है, मौके से एफएसडीए और एंटी नार्कोटिक्स विभाग की ओर से संयुक्त रूप से कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई से अलर्ट मिलावटखोर और नकली माल बनाने वाले माफियाओं ने फिलहाल अपने प्रतिष्ठानों में काम बंद कर दिया है, सूत्रों का कहना है कि इन दिनों विभाग की सख्ती से मिलावटखोर और नकली माल तैयार करने वालों में खलबली में मची है। पुलिस और संबंधित विभाग की टीम संयुक्त रूप से सिविल में एक्टिव है।
मिलावटखोरों को सोचना चाहिए कि मिलावट करने से वह लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैैं। यह अपराध है।
रानी, कमला नगर एफएसडीए को और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे कि ऐसे मिलावटखोरों पर लगाम लग सके।
सुमन सुराना मिलावटखोरी व्यापार का सबसे बेकार काम है। इससे पूरे बाजार की साख खराब होती है। ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए।
डॉ। दीप्ति मिलावटखोरों के भी अपने परिवार होते हैैं। ऐसा करने से पहले वह अपने परिवार को ही देख लें। शायद उनके हृदय मेें परिवर्तन हो जाए।
डॉ। रचना सिंह पैसा कमाना ही सब कुछ नहीं होता है। लोगों की जान से खेलना, इससे बड़ा क्राइम कोई नहीं है। सोचना चाहिए इनको।
सुनीता
लोगों के स्वस्थ्य से खिलवाड़ पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। जिससे वे भविष्य में ऐसा न करें।
एम दुग्गल
राजेश गुप्ता, एफएसडीए
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