खाली जमीनों पर आवास बनाएगा विकास प्राधिकरण
- अपार्टमेंट कल्चर को बढ़ावा देने पर सरकार गंभीर
- अफोर्डेबल आवासों के साथ-साथ पार्किंग की व्यवस्थाओं में भी होगा बदलाव AGRA। आगरा विकास प्राधिकरण अब सिटी को बेहतर बनाने के लिए प्लान बना रहा है। इसके तहत कई सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा। जिसमें अफोर्डेबल आवासों मुहैया कराने के साथ पार्किंग की व्यवस्थाओं को भी चेंज किया जाएगा। यही नहीं, अपने नियमों को सख्त करते हुए सिटी में लगातार बढ़ रही अवैध कॉलोनीज पर भी नकेल कसने की तैयारी की जा रही है और प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को चिंहित कर सिटी के बाहर शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है। किसानों को मिलेगा मेहनतानाआवासीय व व्यावसायिक योजनाओं में इजाफा करने के लिए किसानों का सहारा लिया जाएगा। जिसमें किसानों की लैंड का यूज करके वहां मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाई जा सकेंगी। इसके एवज में किसानों को उनकी जमीन का 25 प्रतिशत विकास करके दिया जाएगा।
बाहर होंगी प्रदूषण वाली इकाइयां
जहां एक ओर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स विकसित की जाएंगी वहीं, सिटी में प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को बाहर किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया है कि सिटी में पॉल्युशन को कम करने के लिए प्रदूषण वाली इकाइयों को चिन्हित करें। ऐसी इकाइयों को सिटी से बाहर भेजने की व्यवस्था भी विकास प्राधिकरण को करनी है।
रजिस्ट्री पर लग सकती है रोक सिटी में मशरूम्स की तरह उग रहीं अवैध कॉलोनीज पर नकेल कसने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण ने एक स्टेप उठाया है। अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर अब रोक लगाई जाएगी। सरकार ने विकास प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सिटी में अवैध कॉलोनीज पर रोक लगाई जा सके, इसके लिए उनकी रजिस्ट्री पर पाबंदी लगाए जाने के निर्देश भी दिए हैं। इन नियमों पर करना होगा अमल - खेती की जमीन को बचाने के लिए इंटीग्रेटेड टाउनशिप, मेट्रो कॉरीडोर, पुर्नविकास के लिए मिक्स लैंडयूज की भूमि होगी। - बिना भू-उपयोग वाली खाली जमीनों, बंद उद्योगों की जमीनों, सरकारी विभागों, निगमों की खाली जमीन, बस टर्मिनल, बस डिपो की जमीनों पर निर्माण की इजाजत, प्रदूषण फैलाने वाली व खतरनाक औद्योगिक इकाइयों को सिटी से बाहर किया जाए। - विकास शुल्क, नगरीय विकास शुल्क व भू उपयोग परिवर्तन शुल्क लेने के लिए नियमावली बनाई जाएगी। -आवासीय योजनाओं में शौचालय, बस स्टाफ, पैदल यात्रियों के लिए अंडर पास, फुट ओवरब्रिज, वेंडिग जोन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ट्रांसफर स्टेशन, सेनेटरी लैंडफिल की व्यवस्था की जाएगी।- निजी सहभागिता से रिंग रोड, बाईपास, फ्लाईओवर, बस स्टेशन, मल्टीस्टोरी पार्किंग, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था होगी।
- कॉमर्शियल जमीन मालिकों से निर्माण के समय उपयोग शुल्क लिया जाएगा। - फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) क्रय करने के लिए नियमों में बदलाव किया जाएगा। - गांवों तक पहुंचने के लिए रोड़ के साथ-साथ यातायात की भी व्यवस्था सुदृढ़ होगी। - जलाशयों, तालाबों को संरक्षित करने के साथ नदी, नालों, व बाढ़ प्रभावित क्षेत्र अतिक्रमण मुक्त किए जाएंगे। - पार्क खुले क्षेत्र, बहुउद्देशीय खुले स्थल, बाग बगीचे व प्लेग्राउंड के लिए सिटी पार्क के साथ क्भ् फीसदी ग्रीन बेल्ट विकसित होगा। - बिना मोटर वाली गाडि़यों को बढ़ावा दिया जाएगा, महानगरों में मास ट्रांसपोर्ट सिस्टम, मेट्रो रेल, सीएनजी आधारित गाडि़यों पर ध्यान दिया जाएगा वहीं बस रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा। - रिंग रोड, बाईपास, रेलवे क्रॉसिंग पर फ्लाई ओवर, ओवरब्रिज व पार्किंग बनाने के साथ बस व ट्रक टर्मिनल शहरी सीमा से बाहर बनाए जाएंगे। - निजी पूंजी निवेश से इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित की जाएगी। - निजी सहभागिता से जरूरतों के मुताबिक मकान बनाए जाएंगे। 'प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई नीति का पालन कराया जाएगा, अवैध कॉलोनीज पर शिकंजा कसा जाएगा, वहीं सिटी में आवास की समस्या को समाप्त करने के लिए टाउनशिप योजना को विकसित किया जाएगा.'अजय चौहान, एडीए उपाध्यक्ष
'सरकार की नई योजना पर काम किया जा रहा है, साथ ही संबंधित अधिकारियों से भी बात की जा रही है। अपार्टमेंट कल्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है.' इश्ति्याक अहमद, टाउन प्लानर एडीए