आगरा. ब्यूरो ताजनगरी में हर ओर रेबीज का खतरा है. एक आंकड़े की मानें तो शहर की सड़कों पर करीब 90 हजार कुत्ते हैं. नगर निगम की टीम अब तक करीब 17 हजार कुत्तों की नसबंदी कर उनका वैक्सीनेशन कर चुकी है. यानी 70 हजार से अधिक कुत्ते अब भी बिना वैक्सीनेशन के सड़कों पर घूम रहे हैं जो कभी भी जानलेवा बन सकते हैं.

शहर के तीन जोन में अभियान
शहर को कुत्तों के आतंक से राहत दिलाने के लिए नगर निगम कुत्तों की नसबंदी करा रहा है। रोज करीब 100 कुत्तों की नसबंदी करने के साथ उनका वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है। नगर निगम तीन प्राइवेट संस्थाओं की मदद से शहर के हर जोन में इस कार्य को करा रहा है। अप्रैल से अब तक करीब 17 हजार कुत्तों की नसबंदी करने के साथ उनका वैक्सीनेशन किया जा चुका है।


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इन जोन में कार्य
लोहामंडी जोन
छत्ता जोन
ताजगंज जोन
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इस तरह कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन
माह एबीसी सेंटर एबीसी सेंटर एबीसी सेंटर टोटल
लोहामंडी जोन छत्ता जोन ताजगंज जोन
अप्रैल 1159 1243 854 3256
मई 1275 1185 853 3313
जून 1363 932 836 3131
जुलाई 1564 872 687 3123
अगस्त 1122 1144 816 3082
सितंबर 267 443 182 892

नोट::आंकड़े 10 सितंबर तक के.

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डॉग या बंदर के बाइट करने पर यह करें
रेबीज फैलाने वाले जानवर काट लें तो टीकाकरण जरूर करवाएं। काटने पर जख्म को तुरंत साबुन से चलते पानी में 15 मिनट तक धोना चाहिए। जख्मों को आयोडिन से साफ करना चाहिए, ना ही कोई घरेलू पदार्थ लगाएं, मरीज को डॉक्टर को जरूर दिखाएं, एंटी रेबीज का इंजेक्शन जरूर लगवाएं, बच्चों को आवारा जानवरों से दूर रखें, कुत्तों के बारे में पूरी जानकारी रखें, काटने के कम से कम दस दिन तक कुत्ते की निगरानी करें व हो सके तो उसे बांध कर रखें। क्योंकि दस दिन के अंदर रेबीज से संक्रमित कुत्ते में इस रोग के लक्षण दिखेंगे या वह मर जाएगा। इसके अलावा घाव पर लाल मिर्च, मसाला, चूना, हल्दी बाम या किसी पौधे का रस या ज्वलनशील पदार्थ न लगाएं, इससे रेबीज के वायरस को शरीर में फैलने में मदद मिलती है.
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कैसे पता करें किसी जानवर को रेबीज हो गया है?
सीडीसी की तरफ से एक गाइडलाइन भी बताई गई थी जिसमें समझाया गया कि किन जानवरों से दूर रहना चाहिए

- ऐसे जानवर जिन्हें कोई बीमारी हो रही हो
- ऐसे जानवर जिन्हें खाने और पीने में तकलीफ हो रही हो
- ऐसे जानवर जिनके मुंह से बहुत थूक या सलाइवा निकल रहा हो
- ऐसे जानवर जो एकदम से हिंसक हो गए हों
- ऐसे जानवर जो हवा में काटने की कोशिश कर रहे हों
- ऐसे जानवर जो देखने पर जरूरत से ज्यादा शांत लग रहे हों
- ऐसे जानवर जिन्हें चलने फिरने में दिक्कत हो रही हो या पैरालिसिस जैसा कुछ हो रहा हो
- चमगादड़ जो जमीन पर चल रहा हो।

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शहर में कई स्थानों पर कुत्तों का आतंक हैै। नगर निगम को इन कुत्तों को कम से कम वैक्सीनेशन तो कराना चाहिए.
- नितिन

बंदर भी शहर में तेजी से बढ़ रहे हैैं। घर में घुसकर खाने का सामान ले जाते हैैं। कई बार काट चुके हैैं। वैक्सीनेशन कराना पड़ा.
- वीरेंद्र गुप्ता, समाजसेवी

शहर में हर तरफ रेबीज का खतरा है। कुत्ते और बंदर तेजी से बढ़ रहे हैैं। आए दिन कुत्ते व बंदरों को काटने की घटनाएं सामने आती रहती हैं.
- देव राजपूत, पब्लिक

रेबीज से पीडि़त जानवर के काटने पर इंसानों में रेबीज होने का खतरा होता है। आमतौर पर कुत्ता, बंदर व बिल्ली के काटने से रेबीज हो जाता है। इससे बचाव के लिए एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना जरूरी है.
- डॉ। पंकज नगाइच, सेक्रेटरी आईएमए


शहर में कुत्तों की नसबंदी करने के साथ उनका वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है। रोज करीब 100 कुत्तों का नसबंदी और वैक्सीनेशन हो रहा है। अब तक करीब 17 हजार कुत्तों का वैक्सीनेशन और नसबंदी हो चुकी है.
डॉ। अजय कुमार, पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी

Posted By: Inextlive