ओआरएस से बचाई जा सकती हैं 90 प्रतिशत जानें: डॉ. अरूण
आगरा(ब्यूरो)। अगर बच्चे को डायरिया की शिकायत हुई है तो शुरुआती तौर पर ओआरएस का घोल बनाकर बच्चे को देते रहना चाहिए। ताकि बच्चे के शरीर में पानी की कमी न हो। अगर डायरिया बढ़ रहा है तो तुरंत नजदीकी बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर कर इलाज शुरू करा दें। सचिव डॉ। योगेश दीक्षित ने बताया कि बच्चों को दस्तों में जंग फूड और बाजार का खाना नहीं देना चाहिए बच्चों को सिर्फ घर का बना हुआ ताजी भोजन ही देना चाहिए। जिला अस्पताल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ। सीपी वर्मा, डॉ। अरुण दत्त ने बताया कि ओआरएस बाजार में कितने प्रकार के उपलब्ध हैं।
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डॉ.आरएन शर्मा, डॉ। सुहासिनी गुप्ता , डॉ। संजीव अग्रवाल ने बताया कि बच्चों को दस्त में कोल्ड ड्रिंक, जूस, आइसक्रीम बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए। इस दौरान डॉ। प्रीति जैन, डॉ सुषमा गुप्ता ने बताया कि घर में किस प्रकार ओआरएस बनाना चाहिए। जिसमें 1 लीटर पानी में 6 चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक घोल कर बच्चे को दे सकते हैं। साथ ही ज्यादा समय रखा हुआ ओआरएस बच्चे को नुकसान कर सकता है। डॉ। अतुल बंसल , डॉ। एलके गर्ग ने बताया कि जब भी बच्चा खाना खाए तो उसके हाथ जरूर धुलवाने चाहिए। डॉ। रेशु अग्रवाल ने बताया कि पानी की कमी बच्चों में दिखे तो तुरंत ओआरएस शुरू कर देना चाहिए। देखा जाता है कि 90 प्रतिशत बच्चों में ओआरएस से ही बच्चों की जान बचाई जा सकती है।